चंद्रयान-3 लॉन्चिंग के लिए तैयार; सफलता के लिए महाकाल मंदिर में शुरू हुई विशेष आराधना

Chandrayan-3:  चंद्रयान -3 की सफलता के लिए महाकाल की नगरी उज्जैन में पूजन और अभिषेक शुरू हो चुका है. दरअसल इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार आज कुछ ही देर बाद चंद्रयान-3 चांद की ओर उड़ान भरेगा. भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक पल होगा. इसकी सफलता के लिए पूरे देश भर […]

chhandrayan 3 chandrayan, chandrayan 3, isro, ujjain, shriharikota, isro call, mp news, mp news update
chhandrayan 3 chandrayan, chandrayan 3, isro, ujjain, shriharikota, isro call, mp news, mp news update

Chandrayan-3:  चंद्रयान -3 की सफलता के लिए महाकाल की नगरी उज्जैन में पूजन और अभिषेक शुरू हो चुका है. दरअसल इसरो के वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत के बाद आखिरकार आज कुछ ही देर बाद चंद्रयान-3 चांद की ओर उड़ान भरेगा. भारत के लिए यह एक ऐतिहासिक पल होगा. इसकी सफलता के लिए पूरे देश भर में पूजा अर्चना की जा रही है.

Read more!

चंद्रयान- 3 की सफलता के लिए उज्जैन में श्री कृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में पूजा अर्चना और अभिषेक किया जा रहा है. यहां श्री कुंडेश्वर महादेव मंदिर में जहां पूरे विश्व में केवल एक ही जगह खड़े नंदी स्थित है. उनका पूजन और महाभिषेक शुरू किया गया और चंद्रयान-3 की सफलता की कामना की गई.

आज लांच किया जाएगा चंद्रयान-3
कुछ दिन पहले चंद्रयान-3 की सफलता के लिए प्रार्थना करने इसरो के निदेशक उज्जैन के महाकाल मंदिर आकर बाबा से प्रार्थना कर चुके हैं. इसी कड़ी में आज उज्जैन के कुंडेश्वर महादेव मंदिर में पुजारियों द्वारा विशेष अभिषेक और पूजन किया जा रहा है. आज दोपहर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से इसे लांच किया जाएगा. इसकी लॉन्चिंग को इसरो की ऑफिशियल वेबसाइट पर लाइव देखा जा सकता है.

श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 करोड़ों उम्मीदें
चंद्रयान-3 आज दोपहर 2.35 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 करोड़ों उम्मीदों और सपनों की पोटली बांधकर अगले स्टेशन के लिए रवाना हो जाएगा.  615 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट के तहत 43.5 मीटर लंबा ‘बाहुबली’ रॉकेट चंद्रयान को लेकर उड़ेगा. LVM3 इसरो का सबसे बड़ा और भारी रॉकेट है.

चंद्रयान-3 से क्या फायदा होगा?
चंद्रयान-3
के जरिए इसरो चांद पर पानी और खनिज की मौजूदगी का पता लगाना चाहता है. अगर, दक्षिणी ध्रुव पर पानी और खनिज मिलता है, तो यह विज्ञान के लिए बड़ी कामयाबी होगी. नासा के अनुसार, चांद के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ है और यहां कई और प्राकृतिक संसाधन भी मिल सकते हैं.अमेरिका, रूस और चीन चांद पर लैंडर उतार चुके हैं, लेकिन दक्षिणी ध्रुव ऐसा करने वाला भारत पहला देश बन सकता है.

ये भी पढ़ें: UPSC RESULT: छिंदवाड़ा के सौरभ ने पाया पूरे देश में दूसरा स्थान, खुशखबरी सुन माता पिता हुए भावुक

    follow google news