Chhindwara Loksabha Seat Election 2024: मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को भारतीय जनता पार्टी ने अपनी नाक का सवाल बना लिया है. यही कारण है कि एक के बाद एक लगातार कमलनाथ या फिर नाथ परिवार के करीबी उन्हें भारतीय जनता पार्टी में शामिल कराया जा रहा है. अप्रैल की शुरूआत यानि कि पहले ही दिन बीजेपी ने कांग्रेस और नाथ परिवार को एक बड़ा झटका दिया है. छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम सिंह अहांके ने आज सुबह मुख्यमंत्री निवास पर कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी का दाम थाम लिया है. इसके बाद उन्होंने MPTAK से एक्सक्लूसिव बातचीत की है..
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सवाल- अचानक से हृदय परिवर्तन? अभी कुछ दिन पहले तो आप नाथ परिवार के नामांकन के दौरान तब आप वहां थे? एक ही सप्ताह के भीतर ऐसा क्या हो गया?
जवाब- "ये कुछ भी अचानक नहीं हुआ है. मोदी जी के कार्यो से बहुत अधिक प्रभावित हूं. एक प्रक्रिया होती है किसी भी परिवार को छोड़कर दूसरे परिवार में जब जाते हैं. ये सही समय था जब मुझे लगा कि मोदी जी के साथ अनौपचारिक रूप से न जुड़कर पूरी तरह से जुड़ना चाहिए. यही कारण है कि आज मैं मोदी जी के परिवार में शामिल हो गया हूं.
सवाल- आपको कब लगा पहली बार की भारतीय जनता पार्टी में अब जाना चाहिए?
जवाब- भगवान प्रभु श्रीराम जी के मंदिर का लोकार्पण हो रहा था. तब जिस तरीके से कांग्रेस आलाकमान ने मंदिर का न्यौता ठुकराया था. तभी निर्णय कर लिया था कि अब इस पार्टी में नहीं रहना है.
सवाल- आप खुद मानते हैं आपको बनाने के पीछे कमलनाथ का हाथ है, बीजेपी में जानें को लेकर कमलनाथ से बातचीत की थी?
जवाब- कमलनाथ जी हमारे सर्वमान्य नेता थे. वे एक बहुत अच्छे इंसान हैं, वो हमारे लिए हमेशा सम्मानिए थे हैं और हमेशा रहेंगे. मुझे महापौर बनाने में कमलनाथ जी का आर्शीवाद रहा है, लेकिन आज के समय की मांग हैं मोदी जी और मोहन यादव जी, मैं अब केवल व्यक्ति विशेष नहीं हूं, मेरे साथ 2 लाख मतदाता हैं, 2 लाख लोगों ने मुझे चुनकर भेजा है. मैं केंद्र राज्य और केंद्र और राज्य की योजनाओं को छिंदवाड़ा तक ले जा सकूं.
सवाल- क्या कमलनाथ भी बीजेपी में जाने वाले थे?
जवाब- ये कमलनाथ जी का निजी फैसला है, मैं इस पर नहीं जाना चाहता हूं, उनकी क्या रणनीति थी क्या विचार थे.
सैयद जफर के बीजेपी में आने के बाद कांग्रेस में बढ़ी टूट
कमलनाथ के करीबी रहे सैयद जफर ने जिस दिन से कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ परिवार का साथ छोड़ा है, उसी दिन से कांग्रेस में लगातार टूट का सिलसिला तेज हो चला है. फिर चाहे दीपक सक्सेना के बेटे का बीजेपी में जाना हो या फिर प्रदेश बीजेपी के सभी दिग्गज नेताओं का पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के घर पर जाना हो इस सबके पीछे सैयद जफर को ही माना जा रहा है. आपको बता दें पिछले दिनों दीपक सक्सेना भी कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं, सूत्रों की माने तो वे भी जल्द भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं.
कांग्रेस प्रदेश महामंत्री, मीडिया उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रवक्ता रह चुके सैयद जफर को भोपाल के बीजेपी कार्यालय में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, सीएम मोहन यादव ने पार्टी की सदस्यता दिलाई थी.
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