RTI की जानकारी न देना पड़ा भारी, सहकारिता अधिकारी पर ठोंका 25 हज़ार रुपये का जुर्माना

MP News: आरटीआई आवेदन को हाथ से लिखे होने के आधार पर खारिज करना एक अधिकारी को महंगा पड़ गया. राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सतना में उपायुक्त सहकारिता रहे शिव प्रकाश कौशिक के ऊपर 25 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है. शिव प्रकाश कौशिक वर्तमान में टीकमगढ़ में पदस्थ हैं. साथ ही सूचना […]

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रवीशपाल सिंह

07 Mar 2023 (अपडेटेड: 07 Mar 2023, 04:06 AM)

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MP News: आरटीआई आवेदन को हाथ से लिखे होने के आधार पर खारिज करना एक अधिकारी को महंगा पड़ गया. राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने सतना में उपायुक्त सहकारिता रहे शिव प्रकाश कौशिक के ऊपर 25 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया है. शिव प्रकाश कौशिक वर्तमान में टीकमगढ़ में पदस्थ हैं. साथ ही सूचना अधिकारी ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदन को खारिज करना अवैध है.

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सतना के उदयभान चतुर्वेदी ने आरटीआई लगाकर सतना कलेक्टर के निर्देश पर हुई जय किसान ऋण माफी योजना में फर्जी ऋण दाताओं की जांच जिसमें 4 समिति प्रबंधकों को निलंबित किया गया था उसकी रिपोर्ट मांगी थी. तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी उपायुक्त सहकारिता सतना शिव प्रकाश कौशिक ने आरटीआई आवेदन को इसलिए अमान्य कर दिया क्योंकि आवेदक ने हाथ से लिखकर आरटीआई लगाई थी. लोक सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई आवेदन को रिजेक्ट करते हुए यह लेख किया गया था कि आरटीआई आवेदन निर्धारित प्रारूप में नहीं है.

आरटीआई आवेदन को खारिज करना अवैध
राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह द्वारा आरटीआई आवेदन का अवलोकन किया गया जिसमें पाया गया कि आरटीआई आवेदन उदयभान चतुर्वेदी द्वारा हस्तलिखित है एवं इसके साथ ही आवेदक ने वांछित जानकारी का स्पष्ट उल्लेख किया है. साथ ही आरटीआई आवेदन के फीस के रूप में ₹10 का पोस्टल आर्डर भी प्रस्तुत किया गया था. सिंह ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि इस तरह के आधार पर आरटीआई आवेदन को खारिज करना सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अवैध है.

सूचना आयुक्त ने कहा कि भारत के प्रत्येक नागरिक को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 3 और 6 के तहत आरटीआई दायर कर जानकारी प्राप्त करने का अधिकार है. मध्यप्रदेश सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा समय-समय पर अधिसूचना जारी की गई है कि आरटीआई आवेदन दायर करने का कोई निर्धारित प्रारूप नहीं है और हस्तलिखित आरटीआई आवेदन कानूनी रूप से मान्य है.

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