मध्य प्रदेश के छतरपुर में एक महिला ने अपने पति और उसके दो दोस्तों पर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया है. यह आरोप बहुत गंभीर हैं और पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं.
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मोमोज खिलाकर किया बेहोश, फिर किया अगवा
दरअसल पीड़िता ने कहा कि उसके पति ने उसे बाजार में मोमोज खिलाए, जिसके बाद उसे चक्कर आने लगे और वह बेहोश हो गई. इसके बाद, पति और उसके दो दोस्तों ने मिलकर उसे घर से अगवा कर लिया.
महिला का कहना है कि उसे अगवा करके एक सुनसान जगह पर ले जाया गया, जहां उसके साथ सामूहिक बलात्कार की वारदात को अंजाम दिया गया. जब वह होश में आई तो उसने खुद को सड़क के किनारे पाया, जहां उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे.
पुलिस की लापरवाही पर उठे सवाल
हैरान करने वाली बात ये है कि यह घटना करीब एक हफ्ता पहले हुई थी. स्थानीय लोगों को महिला बेहोशी की हालत में मिली, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया. होश में आने पर उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराते हुए अपनी आपबीती भी सुनाई. लेकिन बावजूद इसके घटना के तीन दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई और एक हफ्ता बीत जाने के बाद भी आरोपी अभी तक खुले घूम रहे हैं.
जब इस मामले में पुलिस अधिकारी से बात की गई, तो उनका जवाब टालमटोल वाला था, जिससे पुलिस की गंभीरता पर संदेह होता है. पीड़िता ने भी बताया कि पुलिस ने बयान तो ले लिए, लेकिन उसे एफआईआर की कॉपी नहीं दी गई.
मेडिकल रिपोर्ट में पुष्टि के बाद भी कार्रवाई धीमी
पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि हो चुकी है. इसके बावजूद, आरोपियों की गिरफ्तारी न होना पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है. यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या पुलिस किसी दबाव में काम कर रही है? एक हफ्ते बाद भी जब आरोपी फरार हैं, तो यह न केवल पुलिस की नाकामी है, बल्कि पीड़िता के साथ घोर अन्याय भी है.
यह घटना छतरपुर में महिला सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है. क्या महिलाओं की सुरक्षा सिर्फ कागजी बातें बनकर रह गई हैं, जबकि असलियत में उन्हें इंसाफ के लिए इंतज़ार करना पड़ रहा है?
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