सब्जी का ठेला लगाने वाले का बेटा बन गया बड़ा अफसर, खुशी में छलक पड़े पिता के आंसू

MP PSC 2022 Result: मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिज़ल्ट जारी कर दिया है. एमपी की इस सबसे बड़ी परीक्षा में एक सब्ज़ी का ठेला लगाने वाले का बेटा भी अफसर बना है. वह भी बड़ा अफसर. ये जानकारी पिता को हुई तो उनके खुशी के आंसू छलक पड़े.

एमपीपीएससी ने राज्य लोकसेवा की 2022 परीक्षा रिजल्ट जारी कर दिया.
एमपीपीएससी ने राज्य लोकसेवा की 2022 परीक्षा रिजल्ट जारी कर दिया.

रवीशपाल सिंह

• 08:47 PM • 20 Jan 2025

follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

मध्य प्रदेश के भोपाल में सब्ज़ी का ठेला लगाने वाले का बेटा बना अफसर

point

MPPSC क्लियर करने पर मिली ये बड़ी पोस्ट, कड़े संघर्ष से पाई सफलता

MP PSC 2022 Result: मध्य प्रदेश की राज्य सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिजल्ट आउट हो गया है. एमपी की इस सबसे बड़ी परीक्षा में एक सब्जी बेचने वाले का बेटा भी अफसर बन गया है. भोपाल के रहने वाले आशीष सिंह चौहान को परीक्षा में 841 अंक मिले हैं और उन्हें शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर का पद मिला है.

Read more!

मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा 2022 का फाइनल रिज़ल्ट जारी कर दिया है. एमपी की इस सबसे बड़ी परीक्षा में एक सब्ज़ी बेचने वाले का बेटा भी अफसर बना है.

भोपाल के रहने वाले आशीष सिंह चौहान को परीक्षा में 841 अंक मिले हैं और उन्हें शिक्षा विभाग में असिस्टेंट डायरेक्टर का पद मिला है. आशीष बेहद निम्न तबके से आते हैं और उनकी घर की आर्थिक स्थिति बहुत ठीक नहीं है. आशीष के पिता अजब सिंह भोपाल के संत हिरदाराम नगर में सब्ज़ी का ठेला लगाते हैं. आशीष का परिवार किराये के मकान में रहता है. जब पिता को बेटे की सफलता की जानकारी हुई तो उनकी आंखें खुशी में छलक पड़ीं. 

आशीष का भाई साड़ी की दुकान में सेल्समैन

आशीष ने स्कूली शिक्षा बैरागढ़ के शासकीय मॉडल स्कूल से की और इसके बाद ग्रेज्युएशन-पोस्ट ग्रेज्युएशन शासकीय हमीदिया कॉलेज से किया. आशीष का एक भाई भी है जो बैरागढ़ में ही साड़ी की दुकान में सेल्समेन है. फ़िलहाल आशीष इंदौर से पीएचडी कर रहे हैं.

एमपी तक से क्या बोले आशीष चौहान, देखिए

एमपी तक से बात करते हुए आशीष ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है. आशीष ने बताया कि वो आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है लेकिन इसके बावजूद घरवालों ने कभी भी उसे पढ़ाई छोड़ घर की स्थिति सुधारने के लिए काम करने को नहीं बोला और उसे आगे पढ़ने के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया. आशीष ने बताया कि यह उनका पहला अटेम्प्ट था और पहले ही अटेम्प्ट में उन्होंने सफलता हासिल कर ली.

आशीष ने बताया कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वो कोचिंग की फीस भर पाते इसलिए उन्होंने रोज़ाना 10 घंटे पढ़ाई की और ज़रूरत पड़ने पर सिनियर्स का गाइडेंस भी लिया.

    follow google newsfollow whatsapp