मध्य प्रदेश समेत इन राज्यों में बुलडोजर एक्शन पर लगेगी रोक? सुप्रीम कोर्ट आज करेगा इस मामले में सुनवाई

Supreme Court News: देश के कई राज्यों में प्रचलित 'बुलडोजर जस्टिस' की सरकारी प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर आज यानि दो सितंबर को सुनवाई होगी. जस्टिस भूषण आर गवई की अगुआई वाली दो सदस्यीय जजों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी.

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संजय शर्मा

02 Sep 2024 (अपडेटेड: 02 Sep 2024, 12:16 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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कई राज्यों में 'बुलडोजर जस्टिस' की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुई अर्जी

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अर्जी में मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी में बुलडोजर चलाने की घटनाओं का हवाला दिया गया है

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मध्यप्रदेश एक आरोपी के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया गया, कई अन्य कार्रवाई भी हुईं

Supreme Court News: जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपनी अर्जी के जरिए सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों के घरों पर सरकारी बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर आज यानि दो सितंबर को सुनवाई होगी. जस्टिस भूषण आर गवई की अगुआई वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने मामले की तत्काल सुनवाई की अर्जी लगाई है. जस्टिस बी आर गवई और के वी विश्वनाथन की पीठ ने आज दोपहर 2 बजे मामले की सुनवाई करेंगे.

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देश के कई राज्यों में प्रचलित 'बुलडोजर जस्टिस' की सरकारी प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी पर आज यानि दो सितंबर को सुनवाई होगी. जस्टिस भूषण आर गवई की अगुआई वाली दो सदस्यीय जजों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी. जमीयत उलमा-ए-हिंद ने अपनी अर्जी के जरिए सुप्रीम कोर्ट से आरोपियों के घरों पर सरकारी बुलडोजर चलाने पर रोक लगाने की गुहार लगाई गई है.

इस अर्जी में हाल ही में मध्य प्रदेश, राजस्थान और यूपी में बुलडोजर चलाने की घटनाओं का हवाला दिया गया है. अर्जी में आरोप लगाया गया है कि इसके जरिए 'अल्पसंख्यक समुदाय' को निशाना बनाया जा रहा है. इसी मामले में सुप्रीम कोर्ट आज दो बजे से सुनवाई करेगा. देश के कई राज्यों में न्याय देने के लिए कोर्ट और कानून को दरकिनार कर बुलडोजर संस्कृति पर रोक लगाने की अर्जी पर शीघ्र सुनवाई का आग्रह सुप्रीम कोर्ट से किया गया है.

कई राज्यों में हो रही है बुलडोजर की कार्रवाई, लोग खौफ में

वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने इस अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग की है. ये अर्जी जहांगीर पुरी मामले में ही वकील फरूख रशीद द्वारा दाखिल की गई है. अर्जी में कहा गया है कि समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों खासकर अल्पसंख्यकों के खिलाफ दमन चक्र चलाने और खौफजदा करने के मकसद से राज्य सरकारें उनके घर संपत्ति पर बुलडोजर चलाए जाने को बढ़ावा दे रही हैं.

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एमेनेस्टी इंटरनेशनल की रिपोर्ट चौंकाने वाली

शासन और प्रशासन पीड़ितों को अपने बचाव के लिए कानूनी उपाय करने का मौका ही नहीं देते. उससे पहले ही अपराध के आरोप में कानूनी प्रक्रिया को प्रतीक्षा किए बगैर फौरन सजा देने के लिए बुलडोजर चलवा देते हैं. हाल ही में एमेनेस्टी इंटरनेशनल की इस साल फरवरी में जारी रिपोर्ट में अप्रैल 2022 से जून के बीच दिल्ली, असम, गुजरात, मध्यप्रदेश और यूपी में हुई सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं के बाद बुलडोजर चलवाकर 128 संपत्ति ढहा दी गई.

मध्य प्रदेश में आरोपी पिता की संपत्ति पर चला दिया बुलडोजर

इसके बाद इसी साल मई में मध्यप्रदेश एक आरोपी के पिता की संपत्ति पर बुलडोजर चलवा दिया गया. वो भी घटना होने के कुछ घंटे के भीतर यानी कानूनी प्रक्रिया शुरू होने से पहले सरकार ने सजा भी दे दी. ऐसे ही यूपी में मुरादाबाद और बरेली में 22 और 26 जून को दो एफआईआर में नामजद आरोपियों की छह संपत्तियों पर बुलडोजर चला दिया गया. जून 2024 में मध्यप्रदेश के मंडला जिले में पशु तस्करी के आरोपियों की भी 12 संपत्ति बुलडोजर से जमींदोज कर दी गई.

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