हरिहर तीर्थ में बनेगी भगवान परशुराम की सबसे ऊंची प्रतिमा, CM शिवराज का ब्राह्मणों को साधने के लिए बड़ा दांव

MP News: विजयराघवगढ़ में भगवान परशुराम की सबसे ऊंची प्रतिमा बनने जा रही है. इस विशाल प्रतिमा की ऊंचाई 108 फीट होगी. इस तरह विजय राघवगढ़ को भगवान राम के जन्मस्थल अयोध्या की तरह विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. इसे हरिहर तीर्थ नाम दिया जाएगा. परशुराम के भव्य मंदिर निर्माण को सीएम […]

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अमर ताम्रकर

13 Jun 2023 (अपडेटेड: 13 Jun 2023, 04:47 AM)

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MP News: विजयराघवगढ़ में भगवान परशुराम की सबसे ऊंची प्रतिमा बनने जा रही है. इस विशाल प्रतिमा की ऊंचाई 108 फीट होगी. इस तरह विजय राघवगढ़ को भगवान राम के जन्मस्थल अयोध्या की तरह विकसित करने की योजना बनाई जा रही है. इसे हरिहर तीर्थ नाम दिया जाएगा. परशुराम के भव्य मंदिर निर्माण को सीएम शिवराज का बड़ा दांव माना जा रहा है. सोमवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसका भूमिपूजन किया.

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सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वैदिक मंत्रों के बीच भूमि पूजन किया. साथ में विधायक संजय सत्येंद्र पाठक भी थे, दोनों ने रामराजा पर्वत पर भूमि पूजन किया. जगतगुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी, स्वामी श्री अवधेशानंद जी के साथ साथ प्रदेश के वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा भी इस दौरान मौजूद रहे. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए शाम को पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भी पहुंचे.

कुंभ जैसा नजारा- सीएम शिवराज
परशुराम के तीर्थ स्थल हरिहर तीर्थ के भूमिपूजन कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग पहुंचे. जन सभा संबोधित करने के दौरान सीएम शिवराज ने संजय पाठक के इस संकल्प को अकल्पनीय और अनुकरणीय बताया. उन्होंने कहा कि संजय ने सरकार के साथ लोककल्याण के काम तो किये ही हैं, इसके अलावा अब क्षेत्रीय लोगों का परलोक भी बनाने का अनुकरणीय और अकल्पनीय संकल्प लिया है. आज यहां का नजारा देखकर किसी महाकुंभ जैसा अनुभव हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि संजय पाठक द्वारा किए जा रहे पुनीत कार्य के लिए सरकार की तरफ से जो भी आवश्यक मदद होगी हर हाल में की जायेगी.

ऐसे आया हरिहर तीर्थ का विचार
हरिहर तीर्थ मुख्यतः विजयराघवगढ़ के विधायक संजय सतेंद्र पाठक की परिकल्पना है. उन्होंने बताया कि आखिर कैसे उनके मन में हरिहर तीर्थ का विचार आया. संजय पाठक ने बताया कि “एक दिन एक गरीब बुजुर्ग को कहते सुना कि काश ऐसा भी मेरा कोई पुत्र होता कि मुझे भी कोई तीर्थ यात्रा कर देता. तब मैंने सोचा कि कोई वहां नही जा पाते तो यहां एक प्रतिकृति बन जाये. जब मैं विजयराघवगढ़ आया तो हरिहर तीर्थ के दर्शन कर लें बस यह परिकल्पना मन में आई और संकल्प लिया.

51 हजार कलशों की यात्रा
ऐतिहासिक कलश यात्रा के साथ हरिहर तीर्थ भूमिपूजन समारोह का आगाज हुआ. शोभायात्रा में सुबह से मातृ शक्ति की ऐतिहासिक उपस्थिति से विजयराघवगढ़ से तीर्थ क्षेत्र तक मानों भगवा सनातनी समुद्रीय लहर चल रही थी. लोगों का कहना था कि ऐसी कलश शोभायात्रा इससे पहले उन्होंने कभी भी नहीं देखी. 51 हजार कलशों के साथ विजयराघवगढ़ से हरिहर तीर्थ क्षेत्र तक विशाल शोभायात्रा निकाली गई जो ऐतिहासिक बन गई. शाम को बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री भी हरिहर तीर्थ धाम पहुंचे.

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