Manmohan Singh on Narendra Modi: डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति में अपनी सरलता, ईमानदारी और आर्थिक सुधारों के लिए जाने जाते थे. साल 2014 में प्रधानमंत्री पद छोड़ने से कुछ महीने पहले उन्होंने अपने नेतृत्व पर लगे सवालों का स्पष्ट जवाब दिया था. उन्होंने कहा था कि उनका नेतृत्व कमजोर नहीं था और इतिहास उनके कार्यकाल का मूल्यांकन मीडिया और विपक्ष से अधिक उदारता से करेगा.
ADVERTISEMENT
इतिहास करेगा मूल्यांकन
जनवरी 2014 में दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान मनमोहन सिंह ने कहा था, "मैं यह नहीं मानता कि मैं एक कमजोर प्रधानमंत्री रहा हूं. परिस्थितियों के अनुसार मैं जितना कर सकता था, उतना किया है...यह इतिहास को तय करना है कि मैंने क्या किया है या क्या नहीं किया है" उन्होंने कहा था कि जो काम उनकी सरकार ने 10 वर्षों में किया, उसका मूल्यांकन इतिहास करेगा. सिंह ने उम्मीद जताई थी कि इतिहास उनके नेतृत्व को समकालीन आलोचनाओं की तुलना में बेहतर ढंग से समझेगा.
ये भी पढ़ें- मनमोहन सिंह से मिलने पाकिस्तान से ये खास तोहफा लेकर आया था उनका बचपन का दोस्त
नरेंद्र मोदी पर साधा निशाना
मीडिया से बातचीत में मनमोहन सिंह ने बीजेपी के तत्कालीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की तीखी आलोचना की थी. उन्होंने गुजरात दंगों का जिक्र करते हुए कहा था कि मोदी का नेतृत्व कमजोर नहीं, बल्कि विभाजनकारी था. उस समय बीजेपी मोदी को एक मजबूत नेता के रूप में प्रस्तुत कर रही थी, जबकि सिंह ने अपने नेतृत्व को सशक्त बताते हुए राजनीतिक मजबूरियों का हवाला दिया.
डॉ. मनमोहन सिंह का निधन
गुरुवार रात 9:51 बजे दिल्ली के AIIMS में डॉ. मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. वह लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे थे और इससे पहले भी कई बार अस्पताल में भर्ती हो चुके थे. डॉ. सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत में हुआ था. इस महान नेता ने शिक्षा, अर्थशास्त्र और राजनीति में असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं. उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में अमिट रहेगा.
ADVERTISEMENT