मनमोहन सिंह से मिलने पाकिस्तान से ये खास तोहफा लेकर आया था उनका बचपन का दोस्त

शुभम गुप्ता

2008 में पाकिस्तान से एक खास मेहमान, राजा मोहम्मद अली, दिल्ली आए. वह अपने भतीजे के साथ अपने बचपन के दोस्त और उस समय के भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलने पहुंचे. पूर्व प्रधानमंत्री ने उन्हें तोहफे में टाइटन की घड़ियां दी थीं.

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Manmohan Singh Special Moments: डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति के एक ऐसे व्यक्तित्व रहे, जिन्होंने देश के आर्थिक और राजनीतिक इतिहास में गहरी छाप छोड़ी. अविभाजित भारत में जन्मे और विभाजन के बाद भारत आए इस अर्थशास्त्री ने प्रधानमंत्री के रूप में अपनी सरलता और गंभीरता से सबका दिल जीता. उनकी कहानी न केवल उनके योगदान की गवाह है, बल्कि उनके जीवन से जुड़े कई प्रेरणादायक पल भी इसमें शामिल हैं.  

पाकिस्तान से बचपन के दोस्त से मुलाकात  

2008 में पाकिस्तान से एक खास मेहमान, राजा मोहम्मद अली, दिल्ली आए. वह अपने भतीजे के साथ अपने बचपन के दोस्त और उस समय के भारतीय प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह से मिलने पहुंचे. यह मुलाकात खास इसलिए थी क्योंकि दोनों का बचपन एक ही गांव, गाह (जो अब पाकिस्तान में है), में बीता था. विभाजन के बाद दोनों की राहें अलग हो गई थीं, लेकिन यह मुलाकात पुरानी यादों को ताजा कर गई.  

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गिफ्ट में दी गांव की फोटो  

राजा मोहम्मद अली ने अपने इस खास दौरे पर मनमोहन सिंह को उनके पैतृक गांव गाह की एक तस्वीर तोहफे में दी. इसके बदले में मनमोहन सिंह ने एक पगड़ी, एक शॉल और टाइटन घड़ियों का एक सेट उपहार में दिया. यह मुलाकात सिर्फ दो दोस्तों का रियूनियन नहीं था, बल्कि दोनों देशों के रिश्तों के लिए भी एक सकारात्मक संदेश था.  

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डॉ. मनमोहन सिंह का निधन और उनका योगदान  

गुरुवार रात 9:51 बजे दिल्ली के AIIMS में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन हो गया. वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. 92 वर्ष की उम्र में इस महान नेता ने अंतिम सांस ली. भारतीय राजनीति और आर्थिक सुधारों में उनका योगदान अतुलनीय है. 1991 में अर्थव्यवस्था को उदारीकरण की राह पर ले जाने वाले डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री के रूप में दो कार्यकाल (2004-2014) में देश के विकास में अहम भूमिका निभाई. उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा.

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