आसमान नहीं गिर जाएगा... ये बोल SC ने बुलडोजर से घर गिराने पर लगाई इतने दिन की रोक

Supreme Court on bulldozer action: एमपी, यूपी एवं अन्य राज्य सरकारों द्वारा बुलडोजर एक्शन जमकर किया गया है. आरोप लगे कि ये एक्शन किसी समुदाय विशेष पर ही किया गया. ऐसे में जमीयत उलमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका लगा दी. याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अस्थायी रोक लगा दी है.

Supreme Court on bulldozer action
Supreme Court on bulldozer action

अभिषेक शर्मा

17 Sep 2024 (अपडेटेड: 17 Sep 2024, 04:44 PM)

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न्यूज़ हाइलाइट्स

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राज्य सरकारों पर बुलडोजर कार्रवाई करने पर एक अक्टूबर तक रोक रहेगी.

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सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई जारी है.

Supreme Court on bulldozer action: एमपी, यूपी एवं अन्य राज्य सरकारों द्वारा बुलडोजर एक्शन जमकर किया गया है. आरोप लगे  कि ये एक्शन किसी समुदाय विशेष पर ही किया गया. ऐसे में जमीयत उलमा ए हिंद ने सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका लगा दी. याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अस्थायी रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट का साफ कहना है कि जब तक इस मामले की सुनवाई कोर्ट में चल रही है तब तक राज्य सरकारें बुलडोजर चलाने जैसी कार्रवाई नहीं करेंगी. इस मामले में अगली सुनवाई 1 अक्टूबर को होगी.

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मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि जो भी बुलडोजर एक्शन हुआ है, वह अवैध निर्माण को तोड़ने के लिए हुआ है. अवैध निर्माण को तोड़ने की जो भी कार्रवाई हुई हैं, उनमें बकायदा नोटिस पहले दे दिए गए थे. इस पर जस्टिस बीआर गवई ने आदेश में लिखवाया कि सड़कों, गलियों और फुटपाथ एवं सार्वजनिक जगहों पर किए गए अवैध निर्माण को समुचित प्रक्रिया के साथ ढहाने की छूट रहेगी.

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ये गलत नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि राज्य सरकारें किसी एक समुदाय विशेष के ही खिलाफ इस तरह की कार्रवाई कर रही हैं. इस पर जस्टिस गवई ने टिप्पणी की कि इस नेरेटिव से हम प्रभावित नहीं हो रहे हैं. हम ये साफ कर चुके हैं कि हम अवैध निर्माण को संरक्षण देने के पक्ष में नहीं हैं. हम एक्जीक्यूटिव जज नहीं बन सकते हैं।
ज़रूरत है कि डिमोलिशन की प्रकिया स्ट्रीमलाइन हो.

एक सप्ताह तक हाथ बांधकर रखें- सुप्रीम कोर्ट

लाइव लॉ वेबसाइट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में जब इस मामले की सुनवाई चल रही थी तो जस्टिस बीआर गवई और जे.विश्वनाथन ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि हमारे पास एक सप्ताह है, तब तक आपको पैन इंडिया में बुलडोजर एक्शन रुकवाना होगा. सरकारों को एक सप्ताह तक हाथ बांधकर रखना चाहिए. इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पैन इंडिया में आदेश का पालन करा पाने में दिक्कत आने की बात कही तो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह काम कोर्ट करा रहा है, आप नहीं. यदि एक सप्ताह तक हाथ बांधकर रखेंगे तो कोई आसमान नहीं गिर जाएगा.

जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि कोर्ट के बाहर जो बातें हो रही है, वो हमें प्रभावित नहीं करती. हम इस बहस में नहीं जाएंगे कि किसी खास समुदाय को टारगेट किया जा रहा है या नहीं. अगर गैरकानूनी डिमोलिशन का एक भी मसला है तो वो संविधान की भावना के खिलाफ है.

अखिलेश यादव ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

यूपी के पूर्व सीएम और सपा सुप्रीमाे अखिलेश यादव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बुलडोजर एक्शन पर 1 अक्टूबर तक रोक लगाने के फैसले का हम स्वागत करते हैं. जिस दिन से यह बुलडोजर चला है, विपक्ष के लोग और हम लोग यह कहते आए हैं कि यह संविधान के खिलाफ है. बुलडोजर को न्याय कैसे मान सकते हैं. लोकतंत्र में यह न्याय नहीं हो सकता. इसलिए मैं बधाई और आभार व्यक्त करता हूं कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुलडोजर हमेशा हमेशा के लिए बंद हो जाएगा. अखिलेश यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने जानबूझकर लोगों को डराने के लिए बुलडोजर को इतना ज्यादा प्रचार किया और इतना ज्यादा अपना इंस्ट्रूमेंट बनाया कि लोग डरने लगे.

एमपी और यूपी सरकार ने चलाया सबसे अधिक बुलडोजर

यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बुलडोजर कार्रवाई शुरू की थी. माफिया, गैंगस्टर और रेप, मर्डर जैसे खौफनाक अपराधों को अंजाम देने वाले आरोपियों के घरों और दुकानों को बुलडोजर से तोड़ने की शुरूआत योगी आदित्यनाथ सरकार ने की थी. इसके बाद एमपी की मोहन यादव सरकार ने भी बुलडोजर कार्रवाई को प्रमोट किया और कई अपराधों में लिप्त आरोपियों के घर-दुकान तोड़ना शुरू कर दिए. ताजा मामला मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले से सामने आया था, जहां पर शहजाद अली नाम के आरोपी के आलीशान बंगले को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया था. शहजाद अली पर आरोप है कि इन्होंने पुलिस थाने पर पथराव के लिए भीड़ को उकसाया था और पथराव की घटना में शामिल रहे थे. जिसके बाद मोहन यादव सरकार ने बुलडोजर एक्शन लिया था. जिसकी कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों ने खूब आलोचना भी की थी.

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