'चेन्नई बॉय' से भारत के सबसे युवा अरबपति तक, Perplexity-AI के सीईओ अरविंद श्रीनिवास की कहानी

Aravind Srinivas Biography: 31 वर्षीय Perplexity AI के CEO अरविंद श्रीनिवास बने भारत के सबसे युवा अरबपति. चेन्नई बॉय से लेकर ₹21,190 करोड़ की नेटवर्थ तक का सफर जानिए.

Aravind Srinivas Biography and Success Story
Perplexity AI CEO Aravind Srinivas

न्यूज तक डेस्क

02 Oct 2025 (अपडेटेड: 02 Oct 2025, 07:01 PM)

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हाल ही में जारी हुई M3M हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 में एक ऐसा नाम शामिल हुआ है जिसने सबकी निगाहें अपनी ओर खींच ली हैं, वो है अरविंद श्रीनिवास. महज 31 साल की उम्र में, परप्लेक्सिटी AI (Perplexity AI) के सह-संस्थापक और CEO, अरविंद श्रीनिवास भारत के सबसे युवा अरबपति बन गए हैं. उनकी कुल संपत्ति ₹21,190 करोड़ रुपये बताई गई है. यह कहानी बताती है कि कैसे एक भारतीय इंजीनियर ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की दुनिया में अपनी पहचान बनाई और गूगल जैसे दिग्गजों को चुनौती दी.

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आईआईटी मद्रास से बर्कले तक 

अरविंद श्रीनिवास का जन्म 7 जून, 1994 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ था. बचपन से ही उनकी दिलचस्पी विज्ञान और समस्या-समाधान में थी. उन्होंने अपनी पढ़ाई के लिए भारत के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी मद्रास को चुना, जहां से उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में दोहरी डिग्री (बी.टेक और एम.टेक) हासिल की.

इसके बाद, वह अमेरिका चले गए और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की. बर्कले में उन्होंने रिइंफोर्समेंट लर्निंग, इमेज जेनरेशन और ट्रांसफॉर्मर-आधारित विजन मॉडल जैसे एडवांस्ड AI विषयों पर गहन शोध किया.

ओपनएआई, गूगल और डीपमाइंड का अनुभव

अपनी कंपनी शुरू करने से पहले, अरविंद ने दुनिया की कुछ सबसे बड़ी AI रिसर्च कंपनियों में काम किया. उन्होंने ओपनएआई (OpenAI) में रिसर्च इंटर्न के तौर पर अपना करियर शुरू किया और बाद में रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में वापस लौटे, जहां उन्होंने DALL-E 2 जैसे टेक्स्ट-टू-इमेज जेनरेशन मॉडल में योगदान दिया. उन्होंने गूगल और लंदन स्थित डीपमाइंड जैसी कंपनियों में भी काम किया, जिससे उन्हें मशीन लर्निंग और AI की गहरी समझ मिली.

परप्लेक्सिटी AI की नींव

अगस्त 2022 में, अरविंद श्रीनिवास ने अपने कुछ दोस्त डेनिस याराट्स और एंडी कोनविंस्की के साथ मिलकर Perplexity AI की सह-स्थापना की. उनका लक्ष्य साफ था कि, एक ऐसा सर्च इंजन बनाना जो सिर्फ लिंक्स की लिस्ट देने के बजाय, AI की मदद से यूजर्स के सवालों के सीधे, सटीक और भरोसेमंद जवाब दे सके, साथ ही उन जवाबों का स्रोत (Citations) भी दिखाए.

परप्लेक्सिटी AI ने पारंपरिक सर्च इंजन को चुनौती दी और यह आइडिया तेजी से सफल हुआ. आज यह प्लेटफॉर्म दुनिया भर में लाखों एक्टिव यूज़र्स के साथ, गूगल और ओपनएआई के ChatGPT जैसे दिग्गजों के लिए एक मज़बूत प्रतिद्वंद्वी बन गया है.

बने सबसे युवा अरबपति

परप्लेक्सिटी AI की तेज ग्रोथ और वैश्विक पहचान ने अरविंद श्रीनिवास की किस्मत बदल दी. 31 वर्ष की आयु में ₹21,190 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ, वह भारत के सबसे युवा अरबपति के रूप में उभरकर आए हैं. उनकी यह सफलता दिखाती है कि कैसे AI और डीप-टेक में भारतीय उद्यमी तेजी से वैश्विक स्तर पर बड़ा बदलाव ला रहे हैं. अरविंद श्रीनिवास की कहानी लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा है.

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