Bengaluru Murder: बेंगलुरु के इंदिरानगर स्थित थ्री-स्टार सर्विस अपार्टमेंट, होटल रॉयल लिविंग एक दर्दनाक घटना का गवाह बना है. यहां एक कमरे से 19 वर्षीय युवती माया गोगोई डेका की लाश बरामद हुई. यह मामला तब सामने आया जब होटल स्टाफ को कमरे से दुर्गंध आने लगी. माया गोगोई डेका की निर्मम हत्या ने सबको झकझोर कर रख दिया है. बेंगलुरु पुलिस जल्द से जल्द आरव को पकड़कर इस वारदात के पीछे की सच्चाई सामने लाने की कोशिश में जुटी है.
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मूल रूप से असम की रहने वाली माया तीन साल पहले बेंगलुरु आई थी. वह सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने के साथ-साथ एक एजुकेशन कंसल्टेंसी फर्म में काम करती थी. माया अपनी बहन और कजिन के साथ एक किराए के अपार्टमेंट में रहती थी. लगभग छह महीने पहले उसकी मुलाकात सोशल मीडिया के जरिए केरल के कुन्नूर के रहने वाले 21 वर्षीय आरव हनोय से हुई. दोस्ती प्यार में बदली और आरव ने बेंगलुरु आकर एक कंपनी में स्टूडेंट काउंसलर के तौर पर काम शुरू कर दिया.
होटल में एंट्री और फिर प्रेमिका का मर्डर
23 नवंबर को माया और आरव होटल रॉयल लिविंग पहुंचे. सीसीटीवी फुटेज में दोनों खुशी-खुशी रिसेप्शन पर आते दिखाई दिए. आरव ने डिजिटल पेमेंट कर रूम बुक कराया. शुरुआत में एक दिन के लिए बुक किया गया कमरा, बाद में 26 नवंबर तक बढ़ा दिया गया.
24 नवंबर को रिसेप्शन से जब चेक-आउट के लिए कॉल किया गया तो आरव ने एक और दिन रुकने की बात कही. लेकिन 26 नवंबर की सुबह आरव होटल से अकेले बाहर निकल गया. सीसीटीवी में वह बिना बैग के, लेकिन व्हाइट कैप पहने हुए दिखा. इसके बाद होटल स्टाफ ने जब कमरे में जाकर देखा, तो दरवाजा खुला था. कमरे में माया की लाश खून से सनी हालत में बेड पर पड़ी थी.
प्लान बनाकर आया था हत्यारा
पुलिस जांच में कमरे से खून के धब्बों के साथ-साथ एक नायलॉन की रस्सी मिली, जिसे ऑनलाइन ऑर्डर कर इसी होटल में डिलीवर कराया गया था. लाश की हालत देखकर पता चला कि माया के सिर और शरीर पर चाकू से कई वार किए गए थे. माया का फोन भी 24 नवंबर से स्विच ऑफ था, जिससे उसकी हत्या उसी दिन होने का अंदेशा है.
खौफनाक था कमरे का मंजर
इसके बाद होटल का एक स्टाफ कमरे में जाता है. दरवाजा अनलॉक था. पर जैसे ही वो दरवाजे को धक्का देता है अंदर से तेज बदबू आती है. वो अंदर झांक कर देखता है तो बेड पर लड़की की लाश और हर तरफ खून नजर आता है. वो भाग कर होटल के बाकी स्टाफ को इसकी जानकारी देता है और फिर पुलिस को खबर दी जाती है. पुलिस पुलिस जब अंदर दाखिल होती है तो डेका की लाश बेड पर ही पड़ी मिलती है. लाश कंबल से ढकी हुई थी.
लाश की हालत देख कर ऐसा लग रहा था जैसे डेका की मौत कम से कम दो दिन पहले हुई थी. बेड पर पड़ा मोबाइल भी चार्ज्ड ना हो पाने की वजह से 24 नवंबर से बंद दिखा रहा था. दरअसल मोाबाइल फर आखिरी मैसेज और कॉल 24 नवंबर का ही था. उसके बाद कोई कॉल या मैसेज नहीं.
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फिर ऐसे फरार हो गया आरोपी
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स की जांच की. पता चला कि होटल से निकलने के तुरंत बाद आरव ने कैब बुक की और रेलवे स्टेशन के लिए रवाना हो गया. लेकिन कैब बुक करने के बाद उसने अपना फोन बंद कर दिया. पुलिस का मानना है कि आरव पूरी योजना बनाकर आया था. रस्सी और चाकू लाने से लेकर चेहरे को छुपाने के लिए कैप पहनने तक सब कुछ पूर्व नियोजित था.
2 दिन तक लाश के साथ क्यों रहा आरव?
पुलिस के लिए यह रहस्य बना हुआ है कि माया की हत्या के बाद आरव दो दिन तक उसी कमरे में क्यों रुका. शुरुआती जांच में यह संभावना भी उठी कि वह लाश के टुकड़े कर अलग-अलग ठिकाने लगाने की योजना बना रहा हो. हालांकि, बदबू फैलने के कारण वह ऐसा करने में नाकाम रहा और भाग गया.
पुलिस ने माया के फोन से पता लगाया कि आरव और माया के बीच हजारों बार बातचीत और मैसेज का आदान-प्रदान हुआ था. लेकिन हत्या के पीछे का असली कारण अब भी अज्ञात है. पुलिस का मानना है कि आरव के पास सीमित संसाधन हैं, जिससे वह ज्यादा दूर या लंबे समय तक छिप नहीं पाएगा. उसकी तलाश में पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है.
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