देश में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में सरकार को दो दिन में बड़ी सफलता मिली है। छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में कुल **258 नक्सलियों** ने हथियार छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया है।
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छत्तीसगढ़ में बड़ी तादाद में आत्मसमर्पण
आज (16 अक्टूबर) को छत्तीसगढ़ में 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया. इससे पहले कल 27 नक्सलियों ने भी हिंसा का रास्ता छोड़कर सरकार पर भरोसा जताया था. वहीं, महाराष्ट्र में कल 61 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौटने की बात कही. इस तरह सिर्फ दो दिनों में कुल 258 कट्टर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, जो नक्सलवाद के कमजोर पड़ते असर का बड़ा संकेत माना जा रहा है.
सरकार ने किया स्वागत
इन आत्मसमर्पण की घटनाओं पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने कहा कि यह बदलाव दिखाता है कि नक्सलवाद अब अपने आखिरी दौर में है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार लगातार इस समस्या को जड़ से खत्म करने के लिए काम कर रही है.
सरकार ने इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण का स्वागत किया और इसे भारतीय संविधान में उनके भरोसे का प्रतीक बताया.
हथियार छोड़ो या कार्रवाई झेलो
सरकार ने साफ कर दिया है कि जो लोग हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है, लेकिन जो अब भी बंदूक उठाए हुए हैं, उन्हें सुरक्षा बलों की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य
सरकार ने एक बार फिर सभी सक्रिय नक्सलियों से अपील की है कि वे हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें। केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाए.
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