15 अगस्त से लागू होगा FASTag पास, जानिए किन एक्सप्रेस-वे पर मिलेगा फायदा और कहां नहीं

FASTag Annual Pass 15 अगस्त 2025 से लागू होगा, जिससे नेशनल हाईवे पर सालभर या 200 ट्रिप तक टोल फ्री सफर मिलेगा. हालांकि यह पास राज्य सरकार द्वारा संचालित एक्सप्रेस वे और स्टेट हाईवे पर मान्य नहीं होगा.

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अलका कुमारी

14 Aug 2025 (अपडेटेड: 14 Aug 2025, 08:14 PM)

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भारत में 14 अगस्त 2025 की रात 12 बजे से फास्टैग एनुअल पास (FASTag Annual Pass) की सुविधा शुरू होने जा रही है. इसके जरिए लोगों को हर बार टोल चुकाने की झंझट से राहत मिलेगी और लंबे सफर पर भारी टोल चार्ज से कुछ हद तक मुक्ति भी मिलेगी.

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इस पास को लेकर अभी भी लोगों के दिमाग में बहुत सारी गफलत है, मसलन ट्रिप कैसे काउंट होगा, किस एक्सप्रेस वे पर ये काम करेगा, किसके लिए ये फायदेमंद होगा किसके लिए होगा घाटे का सौदा. सबकुछ इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं.

सबसे पहले समझिए क्या है ये फास्टैग एनुअल पास

भारतीय राजमार्ग प्रबंधन कंपनी लिमिटेड (IHMCL) के अनुसार, फास्टैग एनुअल पास एक ऐसा पास है जो किसी भी प्राइवेट कार, जीप और वैन जैसे गैर-व्यावसायिक गाड़ियों को चुनिंदा नेशनल हाईवे (NH) और नेशनल एक्सप्रेस वे (NE) पर मुफ्त यात्रा की सुविधा देता है. इसमें 3000 रुपए में पास बनवाना होगा. जिससे आप एक साल तक या 200 बार (जो पहले हो) टोल क्रॉस कर पाएंगे.

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार इस पास के दायरे में राज्य सरकार द्वारा संचालित एक्सप्रेस वे, स्टेट हाईवे और अन्य टोल प्लाजा नहीं आएगा.

ट्रिप गिनने का तरीका इस तरह होगा

इस नए नियम को लेकर हर किसी के दिमाग में एक सवाल गूंज रहा है कि ट्रिप गिनने का तरीका किस तरह होगा. FASTag Annual Pass FAQs में इसी सवाल को ढंग से समझाया गया है.

इसके मुताबिक दो तरह के Toll Plaza होते हैं:

1. प्वाइंट बेस फी प्लाजा (Point Based Fee Plazas)

2- क्लोजड टोलिंग फी प्लाजा (Closed Tolling fee plazas)

अब आपको ये जानकर हैरानी होगी कि फास्टैग एनुअल पास की 1 trip दोनों प्लाजा के लिए अलग तरीके से पूरी होगी. यानी अगर आप Highway पर Point Based Fee Plaza से गुजरते हैं तो आपकी 1 Trip पूरी मानी जाएगी, लेकिन वहीं अगर आप Closed Tolling fee plaza से गुजर रहे हैं तो 1 trip पूरी नहीं होगी. इस रास्ते से आपको वापस भी लौटना होगा, तभी जाकर आपकी 1 Trip पूरी मानी जाएगी.

अब सवाल-जवाब की तरह आसान तरीके से समझते हैं कि आपको किन-किन एक्सप्रेस वे पर पास का फायदा मिलेगा, किन पर नहीं

सवाल: कहां-कहां चलेगा फास्टैग एनुअल पास?

जवाब: ये पास उन नेशनल हाईवे और एक्सप्रेस वे पर काम करेगा जो नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के अधीन आते हैं. यानी आप इन रास्तों से सफर करते हैं, तो आपको पास का पूरा फायदा मिलेगा.

  • दिल्ली- मुंबई एक्सप्रेस वे: ये मार्ग दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक जाता है. इस बीच हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात जैसे कई राज्यों से होकर निकलता है.
  • पूर्वी पेरिफेरल एक्सप्रेस वे (EPE): जो दिल्ली के आसपास यूपी और हरियाणा में आता है.
  • अहमदाबाद- वडोदरा एक्सप्रेस वे (गुजरात में)
  • बेंगलुरु- मैसूर एक्सप्रेस वे (कर्नाटक में)
  • दिल्ली- मेरठ एक्सप्रेस वे
  • सूरत-नासिक-पुणे ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे (महाराष्ट्र में)
  • अंबाला–कोटपुतली एक्सप्रेस वे (हरियाणा और राजस्थान)

सवाल: अब जानिए कहां-कहां नहीं चलेगा फास्टैग एनुअल पास?

जवाब: देश में कुछ बड़े और चर्चित एक्सप्रेस वे ऐसे भी हैं जहां आपका ये एनुअल पास काम नहीं करेगा. इन रास्तों से गुजरते वक्त आपको पुराने तरीके से ही टोल देना पड़ेगा. क्योंकि वे राज्य सरकार के अधीन हैं. उन एक्सप्रेस वे के नाम हैं..

  • यमुना एक्सप्रेस वे: इसे यूपी सरकार के नियंत्रण में है
  • पूर्वांचल एक्सप्रेस वे: ये एक्सप्रेस वे भी यूपी सरकार चलाती है.
  • गंगा एक्सप्रेस वे: ये भी यूपी सरकार के अधीन है.
  • मुंबई- पुणे एक्सप्रेस वे: महाराष्ट्र सरकार चलाती है, इसलिए यहां Annual Pass मान्य नहीं है.

सवाल: कैसे पहचानेंगे कि आपका रूट फास्टैग एनुअल पास में शामिल है या नहीं?

जवाब: यह पहचानना काफी आसान है. जब भी आप किसी टोल प्लाजा से गुजर रहे हों, तो सबसे पहले वहां लगे बोर्ड या साइन पर नजर डालें. अगर वहां 'NHAI' यानी नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया का लोगो या नाम लिखा है, तो समझ लें कि यह पास वहां लागू होगा और आप उसका फायदा ले सकते हैं.

वहीं अगर टोल प्लाजा किसी राज्य सरकार की एजेंसी, स्टेट हाईवे अथॉरिटी या फिर किसी प्राइवेट कंपनी या पीपीपी (पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल के तहत चलाया जा रहा है, तो वहां यह पास मान्य नहीं होगा. ऐसे में आपको पहले की तरह सामान्य टोल देना पड़ेगा.

किन लोगों के लिए फायदेमंद

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अनुसार, 'ये नया नियम उन लोगों की परेशानी को दूर करेगा जिन्हें हर 50–60 किलोमीटर पर टोल टैक्स देना पड़ता था. उनके अनुसार अब लोगों को बार-बार रुककर टोल चुकाने की जरूरत नहीं होगी. एक बार पास लेकर पूरे साल के लिए सफर आसान और सस्ता हो जाएगा.'

आखिर में.. 

सबसे पहले तो यूजर को ये तय करना होगा कि उसकी ट्रैवलिंग स्टेट हाईवे पर ज्यादा है या नेशनल हाईवे पर. इसके अलावा उन्हें बाईरोड सालाना कितनी बार ट्रैवल करना पड़ता है. इन सारे कैलकुलेशन के अनुसार ही उन्हें ये पास लेना चाहिए ताकि यूजर को इस नए नियम का पूरा फायदा मिल सके. 

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