Explainer: सबूतों के साथ राहुल गांधी ने EC पर लगाए बड़े आरोप, आसान भाषा में समझिए 'वोट चोरी' का ये पूरा मामला है क्या?

अलका कुमारी

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और बीजेपी पर बड़े पैमाने पर वोटर फ्रॉड के गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें डुप्लीकेट और फर्जी वोटरों का डेटा पेश किया गया. अब चुनाव आयोग ने कांग्रेस से 8 अगस्त तक सबूत मांगे हैं.

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राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया है
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर वोट चोरी का गंभीर आरोप लगाया है
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गुरुवार, यानी 7 अगस्त को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए इलेक्शन कमीशन और बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों से लेकर अब तक देशभर में जितने भी इलेक्शन्स हुए हैं वहां "बड़े पैमाने पर वोटर फ्रॉड" किया गया और इसमें चुनाव आयोग की भूमिका संदिग्ध है.

राहुल गांधी के इस प्रेस कॉन्फेंस ने राजनीति गलियारे में हंगामा मचा दिया है. उन्होंने बताया कि उनकी पार्टी ने एक टीम बनाकर इस मामले पर पूरे 6 महीने तक गहराई से जांच की है और वो जो भी बोल रहे हैं उनके पास उसके पूरे सबूत हैं. इतना ही नहीं उन्होंने डेटा प्रस्तुत करते हुए पत्रकारों के सामने चार सवाल भी रखे हैं.

राहुल गांधी ने जो आरोप लगाए हैं, वो केवल राजनीतिक बयानबाजी नहीं बल्कि सीधे देश के लोकतंत्र और चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर सवाल हैं. अगर उनके पास सच में पुख्ता सबूत हैं तो यह भारतीय राजनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है.

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ऐसे में इस रिपोर्ट में विस्तार से समझते हैं कि आखिर ये वोटर फ्रॉड का पूरा मामला क्या है और राहुल ने प्रेस कॉन्फ्रेस में क्या-क्या सवाल उठाए हैं. 

सबसे पहले समझिए की वोट चोरी होती क्या है? 

वोट चोरी यानी वोटर फ्रॉड का मतलब है किसी भी चुनाव के वोटिंग प्रक्रिया में गड़बड़ी करना या गलत तरीके से वोट डालवाना. हमारे देश की बात की जाए तो यहां वोटर फ्रॉड कई तरह से हो सकता है. जैसे एक ही व्यक्ति का नाम वोटर लिस्ट में कई बार होना (डुप्लीकेट वोटर). 

इसके अलावा फर्जी नामों और गलत पते वाले लोगों को सूची में जोड़ना, एक ही पते पर सैकड़ों वोटर दिखाना और नए वोटर जोड़ने के लिए फॉर्म-6 का गलत इस्तेमाल करना. आमतौर पर वोट की चोरी किसी एक खास पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए की जाती है. 

voter fraud
राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से किए 4 सवाल (Pc- Congress)

कैसे और कब हुआ क्रांग्रेस को वोट चोरी का शक?

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को वोटर लिस्ट में हुई गड़बड़ी पर 1 घंटे 11 मिनट तक 22 पेज का प्रजेंटेशन दिया. इस दौरान उन्हें वोटर फ्रॉड का शक तो था, लेकिन महाराष्ट्र के नतीजे देखने के बाद हमारा शक पुख्ता हो गया. 

राहुल ने बताया कि महाराष्ट्र में चंद महीने में लाखों वोटर्स के नाम लिस्ट में जोड़े गए, जो काफी चिंताजनक है. राहुल ने बताया कि हमे जांच से पता चला है कि इस चुनाव में लगभग 40 लाख वोटर रहस्यमयी हैं. यहां पांच महीने में कई वोटर जुड़ें. 

कर्नाटक में 16 सीट पर मिल रही थी जीत, सिर्फ 9 जीते

इसके अलावा कर्नाटक की महादेवपुरा असेंबली सीट की वोटर लिस्ट स्क्रीन पर दिखाते हुए उन्होंने कहा कि इस राज्य में 6.5 लाख वोट में से कम से कम 1 लाख वोटों की चोरी हुई है. उन्होंने बताया कि कांग्रेस की टीम ने जांच में पाया है कि यहां एक लाख के करीब गलत पता और एक ही पते पर बल्क वोटर और डुप्लीकेट वोटर्स ने वोट डाले हैं.

उन्होंने कहा कि अगर धांधली नहीं हुई होती तो कर्नाटक में हमें 16 सीटों पर जीत मिल जाती, लेकिन हम सिर्फ 9 सीटों पर जीते. वो सात सीटे जहां हमारी पार्टी हारी थी वहां के एक सीट पर जब हमने जांच किया तो हमें चौंकाने वाले फैक्ट मिले

कर्नाटक के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा फर्जी वोट

राहुल गांधी ने बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट और उसके अंतर्गत आने वाले महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण देते हुए बताया कि इस क्षेत्र में अकेले एक लाख से ज्यादा वोटों में गड़बड़ी मिली है.

उन्होंने पूरा डाटा शेयर करते हुए कहा बताया कि बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट

⦁    11,965 डुप्लीकेट वोटर हैं.
⦁    40,009 फर्जी या गलत पते वाले वोटर्स की जानकारी मिली है.
⦁    10,452 ऐसे वोटर जिनका एक ही पता है.
⦁    4,132 वोटर जिनकी फोटो गलत या अस्पष्ट है.
⦁    33,692 नए वोटर ऐसे हैं जिन्हें फॉर्म-6 का गलत इस्तेमाल करके जोड़ा गया है.

राहुल गांधी ने ये दावा किया है अगर उपर बताए गए संख्या में फर्जी वोट नहीं किया जाता तो कांग्रेस बेंगलुरु सेंट्रल सीट जीत जाती.

राहुल गांधी चुनाव आयोग तक को नहीं छोड़ा

राहुल गांधी ने कहा कि अगर इलेक्शन कमीशन पिछले 10-15 साल का मशीन रीडेबल डेटा और सीसीटीवी फुटेज देने से मना करता है तो ये साफ है कि आयोग भी इस 'क्राइम' में शामिल है.

उन्होंने कहा,

"भारत एक ऐसा देश है जहां लोकतंत्र की बुनियाद एक व्यक्ति, एक वोट के सिद्धांत पर टिकी है. अगर फर्जी वोटर लिस्ट बनाई जा रही है, तो यह सीधे-सीधे लोकतंत्र की हत्या है."

बीजेपी पर नहीं होता एंटी-इंकम्बेंसी का असर

राहुल गांधी ने कॉन्फ्रेंस में सवाल उठाया कि आखिर क्यों हर पार्टी को सत्ता विरोधी लहर यानी anti-incumbency. का सामना करना पड़ता है, लेकिन बीजेपी इससे अछूती रहती है? उनका आरोप लगाया कि अब चुनाव को पूरी तरह से प्लान और कंट्रोल किया जाने लगा है. 

कांग्रेस की मांग भी जान लीजिए 

प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल गाथी ने न्यायपालिका से इस मामले में दखल देने की अपील की क्योंकि अब लोकतंत्र बचाना जरूरी हो गया है.

राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस को 2023 के छत्तीसगढ़ चुनाव और 2024 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ही संदेह हो गया था कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी हो रही है.

पत्रकारों से पूछे 4 सवाल 

राहुल गांधी ने डाटा दिखाते हुए देश की मीडिया के सामने चार सवाल रखे. 

  • आखिर बीजेपी ही क्यों एंटी-इनकंबेंसी से बची रहती है?
  • महाराष्ट्र में पांच महीने में पांच साल से ज़्यादा वोटर कैसे बढ़ गए?
  • चुनाव आयोग वोटर लिस्ट क्यों नहीं दे रहा है?
  • सीसीटीवी फुटेज क्यों मिटाए जा रहे हैं?

चुनाव आयोग ने मांगा सबूत

हालांकि राहुल गांधी के आरोपों के तुरंत बाद चुनाव आयोग ने एक्शन लेते हुए सबूत पेश करने को कहा है. कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने भी कांग्रेस को चिट्ठी लिखकर 8 अगस्त (आज) तक सभी डेटा और सबूत सौंपने को कहा है.

अब देखना ये है कि क्या वाकई कांग्रेस पार्टी के आरोप रही हैं और अगर हां तो चुनाव आयोग इस पर क्या कदम उठाता है.

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