कर्नाटक के मकाली गांव में एक ग्राम पंचायत सदस्य चंद्रकला ने अपने पति लोकेश की हत्या की साजिश रची और उसे आत्महत्या दिखाने की कोशिश की. हालांकि, पुलिस की सूझबूझ और कुछ छोटे सुरागों ने इस शातिर साजिश का पर्दाफाश कर दिया.
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दरअसल ये मामला है 24 जून 2025 का है. इस दिन मकाली गांव के पास एक कार में पूर्व ग्राम पंचायत सदस्य लोकेश का शव मिला. पुलिस को शव के पास जहर की एक बोतल मिली. वहीं शरीर पर किसी भी तरह का कोई चोट के निशान नहीं था. जिससे प्रथम दृष्टया ये आत्महत्या का ही मामला लग रहा था.
पुलिस ने मृतक की पत्नी को इस घटना की जानकारी दी. पत्नी भी तुरंत मौके पर पहुंचे और पति के इस तरह दुनिया छोड़ा जाने पर खूब रोना-धोना मचाय, मीडिया के सामने भी अपने पति की मौत पर दुख जताया. पत्नी चंद्रकला ने बताया कि उसके पति पर काफी कर्ज था और शायद यही उसके आत्महत्या की भी वजह हो सकती है.
पुलिस को शक?
हालांकि घटनास्थल पर मौजूद पुलिस इंस्पेक्टर बी.के. प्रकाश और सब-इंस्पेक्टर सहाना पाटिल ने नोटिस किया कि उस जहर की बोतल का ढक्कन गायब है. लोकेश के पैर से एक चप्पल भी गायब थी.
यह बात पाटिल को खटक गई, क्योंकि कोई भी जहर पीने के बाद बोतल का ढक्कन वहीं छोड़ कर नहीं जाता और न ही एक चप्पल पहनकर आत्महत्या करने आता है.
जांच का खुलासा
शक होने के हाने के बाद पुलिस ने पूछताछ शुरू की, परिवार ने बताया कि लोकेश और चंद्रकला के बीच काफी पहले से ही हर छोटी छोटी बातों पर झगड़े होते थे और चंद्रकला का किसी के साथ अवैध संबंध था. इस जानकारी ने पुलिस के शक को और गहरा कर दिया. जिसके बाद चंद्रकला के कॉल डिटेल्स निकाले गये और पता चला कि वह योगेश नाम के एक व्यक्ति से उसकी लगातार बातें हो रही थी. योगेश एक सरकारी कर्मचारी था.
पुलिस ने योगेश की कॉल हिस्ट्री भी निकाली, जिससे संतोष नाम के एक और व्यक्ति का पता जिसका लोकेशन उस रात लोकेश के शव मिलने वाली जगह पर एक्टिव थी.
चौंकाने वाला पोस्टमार्टम रिपोर्ट
इसी बीच, पोस्टमार्टम रिपोर्ट आई और रिपोर्ट ने सबको चौंका दिया. डॉक्टर के अनुसार जहर लोकेश के सीने में ज्यादा फैला था, जिसका मतलब था कि उसे जबरदस्ती पिलाया गया था. इसे ऐसे समझिये कि अगर कोई व्यक्ति खुद से जहर पीता है, तो वह सीधे पेट में जाता है. शरीर पर जबरदस्ती पकड़ने के निशान भी मिले, जिससे यह साफ हो गया कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या थी.
इस रिपोर्ट के बाद पुलिस ने चंद्रकला और योगेश से कड़ाई से पूछताछ की. जांच से पुलिस को योगेश के पास एक और फोन मिला, जिसका नेटवर्क घटनास्थल पर एक्टिव था. इतना ही नहीं सीसीटीवी फुटेज में योगेश की काली स्विफ्ट डिजायर कार भी उसी रूट पर देखी गई थी. सबूतों के ढेर के सामने योगेश टूट गया और उसने सारा सच कबूल कर लिया.
योगेश ने खुलासा किया कि उसका और चंद्रकला का कई सालों से अफेयर चल रहा था. चंद्रकला अपने पति से छुटकारा पाना चाहती थी. एक दिन चंद्रकला ने योगेश को पति को रास्ते से हटाने के लिए कहा. योगेश ने अपने बचपन के दोस्त संतोष और दो अन्य लोगों के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई.
सच्चाई का पता लगते ही पुलिस ने बिना समय गवाये चंद्रकला, योगेश और अन्य शामिल लोगों को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले ने पूरे गांव को चौंका दिया है कि कैसे एक पत्नी अपने पति की मौत का नाटक कर मीडिया के सामने मगरमच्छ के आंसू बहा रही थी, जबकि असल में वही उसकी हत्या की मास्टरमाइंड थी.
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