डेढ़ साल पहले पाकिस्तान में रचाई थी शादी...13 दिन पहले दुल्हन बनकर आई भारत, अब परिवार लगा रहा मदद की गुहार!

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए. जैसलमेर में ससुराल आईं दो पाकिस्तानी दुल्हनों को अब मजबूरी में पाकिस्तान लौटना पड़ रहा है. जानिए पूरी कहानी.

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News Tak Desk

27 Apr 2025 (अपडेटेड: 27 Apr 2025, 03:16 PM)

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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तनाव बढ़ गया है.  इसका असर कूटनीतिक रिश्तों के बाद अब दोनों देशों के नागरिकों पर भी पड़ने लगा है. सरकार के पाकिस्तानी नागरिकों के भारत छोड़ने के आदेश  बाद कई पाकिस्तानी लोगों के लिए मुश्किल खड़ी हो गई है. ऐसे एक मामला राजस्थान के जैसलमेर सामने आया है. यहां  बीते 13 दिन से ससुराल आईं दो दुल्हनों को पाकिस्तान वापस लौटना पड़ रहा है.

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ऐसे हुई मुलाकात और निकाह 

दरअसल, भारत के निवासी सालेह मोहम्मद और मुश्ताक अली साल 2023 में पाकिस्तान के सिंध प्रांत के घोटकी इलाके में अपने रिश्तेदारों से मुलाकात करने के लिए गए थे. यहां इन दोनों की मुलाकात करमा खातून (21 वर्ष) और सचुल (22 वर्ष) से हुई  हुई. इस दौरान उन्हें प्यार हो गया और दोनों ने निकाह करने का सोचा.

इसके लिए दोनों ने परिवार की सहमति ली और फिर अगस्त 2023 में निकाह कर लिया. लेकिन, निकाह के बाद दोनों की दुल्हनों को वीजा नहीं मिलने की वजह से वे  भारत नहीं आ पाए. ऐसे में, दूल्हे को बिना दुल्हन लिए ही भारत लौटना पड़ा. बता दें कि भारत सरकार के निर्देशानुसार वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक अटारी बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौटना अनिवार्य है.

 

डेढ़ साल बाद मिला वीजा

इस बीच डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद  अप्रैल 2025 में करमा खातून और सचुल का वीजा जारी हुआ. 11 अप्रैल के दिन दोनों दुल्हनें जैसलमेर पहुंचीं. लेकिन, बीते 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमला हो गया. इसके बाद भारत सरकार ने सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा कैंसिल कर दिया और उन्हें अपने देश वापस लौटने का आदेश जारी कर दिया. इस फैसले ने इन दुल्हनों की खुशियां बिखेर दीं. अभी दोनों की हाथों में लगी मेहंदी का रंग पूरी तरह उतरा भी नहीं था कि उनके लिए वापसी का आदेश आ गया.

दुल्हनों की सरकार से भावुक अपील

अब सचुल और करमा निराश हैं और सरकार से आग्रह कर रही हैं कि वे अपने परिवार और पतियों को छोड़कर पाकिस्तान वापस नहीं जाना चाहतीं. करमा के ससुर हाजी अब्दुल्ला ने बताया कि दुल्हनों के भारत आने के बाद लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई कर दिया था, लेकिन आतंकवादी हमले के बाद कड़े सरकारी आदेशों के कारण प्रशासन उन पर दुल्हनों को वापस भेजने का दबाव डाल रहा है.

मुश्ताक अली की तबीयत बिगड़ी

उधर दुल्हनों के पाकिस्तान भेजे जाने के बारे में पता लगते ही मुश्ताक अली की तबीयत खराब हो गई. जिसके बाद उन्हें जोधपुर में एक हॉस्पिटल में एडमिट करना पड़ा. परिवार के अब सदस्य सरकार से विनती कर रहे हैं कि मानवीय कारणों से उन्हें भारत में ही रहने दिया जाए जिससे उनका परिवार बिखरने से बच सके.

ना मां का साथ, ना पिता का सहारा

वहीं, करमा खातून की स्थिति भी बहुत नाजुक है. उनकी मां का निधन हो चुका. उनके पिता अरब देशों में मजदूरी कर रहे हैं. करमा के ससुर का कहना है कि ऐसे हालात में उसे पाकिस्तान भेजना सही नहीं होगा क्योंकि वहां उसका कोई देखभाल करने वाला नहीं है.

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