जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है. 31 साल के शुभम पेशे से व्यवसायी थे. शादी के बाद अपने 9 और परिजनों के साथ वह कश्मीर घूमने पहुंचे थे. परिजनों के साथ शुभम पहलगाम पहुंचे, जहां पर वह होटल में रुके थे, इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी आशान्या के साथ पहलगाम में ऊपर घूमने का फैसला किया और ये उनका आखिरी सफर साबित हुआ.
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कानपुर के 31 वर्षीय व्यवसायी शुभम की शादी महज दो महीने पहले 12 फरवरी को हुई थी. मंगलवार को द्विवेदी परिवार में हड़कंप मच गया, जब खबर आई कि शुभम को कश्मीर के पहलगाम में उनकी पत्नी के सामने ही गोली मार दी गई. शुभम उन 28 लोगों में शामिल थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, जो अनंतनाग जिले के पहलगाम के रिसॉर्ट शहर के पास बैसरन घास के मैदान में मारे गए थे.
यह कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे भीषण हमला था. सीमेंट का कारोबार करने वाली कंपनी चलाने वाले शुभम 16 अप्रैल को अपनी पत्नी और परिवार के 9 अन्य सदस्यों के साथ एक सप्ताह की छुट्टी पर कश्मीर गए थे.
पहलगाम से पहले सोनमर्ग और गुलमर्ग घूमने गया परिवार
सूत्रों ने बताया कि शुभम के माता-पिता, बहन, बहनोई और उसकी बहन के ससुराल वालों सहित समूह ने पहलगाम पहुंचने से पहले सोनमर्ग और गुलमर्ग का दौरा किया. कानपुर में शुभम के बगल में रहने वाले उसके चाचा मनोज द्विवेदी के अनुसार, नवविवाहित जोड़े ने मंगलवार को दोपहर के समय घुड़सवारी करने का फैसला किया, जबकि परिवार के बाकी सदस्य अपने होटल के पास ही घूम रहे थे.
पहचान पूछी और सिर में मार दी गोली
हालांकि, जोड़े की मौज-मस्ती जल्द ही एक दुःस्वप्न में बदल गई, क्योंकि कथित तौर पर दो से तीन आतंकवादी उनके पास आए, उनकी पहचान जानने की कोशिश की और फिर शुभम के सिर पर गोली मार दी, जिससे उसकी पत्नी के सामने ही उसकी मौत हो गई. मनोज द्विवेदी ने बताया, जिन्हें शुभम के पिता संजय द्विवेदी से फोन पर दुखद समाचार मिला.
शुभम के चचेरे भाई सौरभ द्विवेदी के अनुसार, आतंकवादियों ने पहले शुभम से 'कलमा' (इस्लामी आस्था की घोषणा) पढ़ने को कहा. जब वह ऐसा करने में विफल रहा, तो उन्होंने उसके सिर पर गोली मार दी, सौरभ ने मीडियाकर्मियों को बताया. शुभम की हत्या करने के बाद, कथित तौर पर एक आतंकवादी ने उसकी पत्नी की ओर मुड़कर कहा, "अपनी सरकार को बताओ कि हमने तुम्हारे पति के साथ क्या किया," सौरभ ने कहा.
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शुभम का शव लेने के लिए परिवार दिल्ली रवाना
शोकग्रस्त परिवार अपनी यात्रा पूरी करने के बाद बुधवार को वापस दिल्ली जाने वाला था. कानपुर से उनके रिश्तेदार परिवार को लेने और शुभम का शव उसके गृहनगर वापस लाने के लिए राजधानी के लिए रवाना हो गए हैं. जिला मजिस्ट्रेट जितेंद्र प्रताप सिंह ने पुलिस आयुक्त के साथ बुधवार को शुभम के शोक संतप्त परिजनों से मुलाकात की और उन्हें हर संभव सहायता का आश्वासन दिया.
सीएम योगी ने शुभम के परिजनों से की फोन पर बात
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा मनोज द्विवेदी को व्यक्त की गई गहरी चिंता से अवगत कराने के बाद सिंह ने पीटीआई से कहा, "मुझे मुख्यमंत्री का फोन आया, जिन्होंने पीड़ित और उसके परिवार का ब्योरा लिया. मुख्यमंत्री ने मुझे दुख की इस घड़ी में पीड़ित के पैतृक गांव जाने का निर्देश दिया है. हमें यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि परिवार को हर संभव सहायता मिले.
पुलिस आयुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ सिंह ने शोकाकुल परिवार के साथ आधे घंटे से अधिक समय बिताया. सिंह ने कहा, "इस दुख की घड़ी में भले ही कोई शब्द पर्याप्त न हो, लेकिन मैंने परिवार को आश्वासन दिया है कि मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन शुभम के शव को कानपुर वापस लाने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं." डीसीपी (पूर्वी) श्रवण कुमार सिंह ने कहा कि इस कठिन समय में शोकाकुल परिवार की सहायता के लिए पुलिस को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
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