CJI पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर का आया पहला बयान, कहा-'एक्शन पर ये मेरा रिएक्शन', देखें वीडियो

सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई के दौरान CJI पर जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर ने ANI से बात की है. उन्होंने कहा है कि उन्हें जूता फेंकने वाली घटना के लिए कोई अफसोस है नहीं है. देखें उन्होंने और क्या क्या कहा.

shoe attack on CJI BR Gava
जूता फेंका वाले वकील राकेश का बयान आया सामने

न्यूज तक डेस्क

• 11:45 AM • 07 Oct 2025

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सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को अचानक से एक वकील ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई पर जूता फेंक दिया. इस घटना से कोर्ट रूम में अफरातफरी मच गई. वकील की पहचान राकेश के रूप में हुई है. इस बीच अब राकेश ने ANI से बता की है और इस मामले में बयान दिया है. राकेश के अनुसार उन्हें इस बात के लिए कोई अफसोस है नहीं है. उन्होंने कहा कि वो  CJI के एक पुराने फैसले से दुखी थे, जिसमें उनके अनुसार CJI ने सनातन धर्म का मजाक बनाया था. राकेश ने कहा ये घटना उसी एक्शन का रिएक्शन था.

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'CJI ने सनातन धर्म का मजाक बनाया': वकील राकेश

राकेश ने बताया कि16 सितंबर को CJI की अदालत में एक जनहित याचिका (PIL) दाखिल की गई थी. उनके अनुसार, गवई साहब ने उस याचिका का मजाक उड़ाया. राकेश ने आरोप लगाया कि CJI ने कहा था कि "आप मूर्ति से प्रार्थना करो जाकार, आइडल से कहो कि वो अपना सर खुद रिस्टोर कर ले." वकील राकेश ने कहा कि इस बात से वे दुखी थे.

दूसरे समुदायों के मामलों पर अलग रुख का आरोप

जूता फेंकने वाले वकील राकेश ने आरोप लगाया कि कोर्ट अन्य समुदायों से जुड़े मामलों में अलग रुख अपनाती है. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि हल्द्वानी में रेलवे की जमीन पर एक विशेष समुदाय के कब्जे को हटाने के प्रयास पर सुप्रीम कोर्ट ने तीन साल पहले स्टे लगा दिया,  जाेकि आज तक लगा है. इसी तरह नूपुर शर्मा के मामले में कोर्ट ने माहौल खराब करने की बात कही थी. लेकिन जब सनातन धर्म से जुड़े मामले (जलीकट्टू या दही हांडी की ऊँचाई तय करना) में कोर्ट कोई न कोई ऐसा आदेश पारित करता रहा है, जिससे उन्हें दुख होता है.

यहां देखें वकील राकेश का वीडियो

राकेश ने कहा कि CJI ने  याचिकाकर्ता से कहा कि वो उसी मंदिर की मूर्ति के सामने मेडिटेट करें. अंत में कोर्ट ने ये पिटीशन खारिज दी. राकेश का कहना था कि ये अन्याय है. उनका कहना है कि अगर याचिकाकर्ता को राहत नहीं देनी थी तो मत दीजिए. लेकिन उसका मजाक नहीं बनाना चाहिए था.

पीएम मोदी ने की घटना की निंदा

वहीं, इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना की निंदा की उन्होंने कहा कि "भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है. हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है. यह अत्यंत निंदनीय है"

यहां देखें पीएम मोदी का पोस्ट

घटना पर राहुल गांधी ने क्या कहा

CJI की तरफ जूता फेंकने वाली घटना का घटना पर कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा कि  भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारी न्यायपालिका की गरिमा और हमारे संविधान की भावना पर हमला है. इस तरह की नफरत का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और इसकी निंदा की जानी चाहिए.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, CJI गवई ने मध्य प्रदेश के जावरी मंदिर में 7 फुट की खंडित विष्णु प्रतिमा के पुनर्स्थापन की याचिका खारिज कर दिया था. आरोप है कि इस दौरान उन्होंने कहा था कि "यह केवल प्रचार संबंधित मामला है. अब खुद देवता से पूछो. आप भगवान विष्णु के सच्चे भक्त हैं, तो अब जाकर प्रार्थना करो." दावा किया जा रहा है कि वकील राकेश इसी को लेकर दुखी थे. हालांकि इस मामले में चीफ जस्टिस बीआर गवई ने सफाई दे दी थी. CJI ने कहा था कि मेरी टिप्पणी को सोशल मीडिया पर गलत तरीके से दिखाया गया. मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं.

वकील के खिलाफ होगी कार्रवाई

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने इस मामले में अब वकील के खिलाफ कार्रवाई की है. उन्हें BCI ने शो कॉज नोटिस जारी किया है. उन्हें इस नोटिस का जवाब 15 दिन के भीतर देना है. वहीं, जूता फेंकने की कोशिश करने वाला वकील राकेश किशोर पर CJI बी आर गवई कोई कार्रवाई नहीं चाहते हैं.

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