Kumar Vishwas on Donald Trump: कुमार विश्वास अपनी अलग दुनिया में व्यस्त रहते हैं. कोविड के बाद उन्होंने राम कथा कहना शुरू कर दिया है. हां, कभी-कभी किसी मुद्दों पर अपने बयान की वजह से चर्चाओं में आ जाते हैं. अब एक बार फिर से एक बयान देकर चर्चाओं में आ गए हैं.
ADVERTISEMENT
दरअसल, कुमार विश्वास ने ट्रंप के टैरिफ पर मोदी सरकार का पक्ष लेते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति को तगड़ा जवाब दिया है. उन्होंने ऐसा क्या कह दिया कि उनके बयान की चर्चा सोशल मीडिया पर होने लगी है.
कुमार विश्वास ने क्या ट्टीट किया?
"राष्ट्रपति ट्रंप के जो भी सलाहकार हैं वे उन्हें भारत के बारे में दो सलाह गलत दे गए. पहली तो यह कि ये संघर्ष और चुनौती को अपने अंतिम आदमी तक ले जाने वाला नया भारत है और अब इसे लड़कर जीतने की धीरे-धीरे आदत सी हो गई है. दूसरे यह कि जो लोग प्रधानमंत्री @narendramodi को थोड़ा सा भी ठीक से जानते हैं उन्हें मालूम है कि उनसे कोई भी काम धमकी देकर कोई नहीं करा सकता. उल्टे आपत्ति व चुनौती के समय तो प्रधानमंत्री मोदी की कार्यक्षमता व दक्षता सर्वोत्तम होती है. कुल मिलाकर ट्रंप समेत दुनिया के सभी दादाओं से निवेदन कि अपनी तेल-चटाई चाहे पाकिस्तान ले जाएं या चीन, भारत के विकास व शक्ति की बीन तो यूं ही बाजैगी."
कुमार विश्वास ने आगे लिखा, "बात पक्ष-प्रतिपक्ष की नहीं है. ट्रंप चाहते हैं भारतीय कृषि व पशुधन-व्यापार पर अमेरिकी बाजार का नियंत्रण. टैरिफ की यह हवाई-धमकी, भविष्य में होने वाली ट्रीटी में अपनी ये ही दो बातें मनवाने का दबाव मात्र है. लेकिन भारत व पीएम @narendramodi किसी भी हालत में देश की किसानी व पशुधन व्यापार पर विदेशी-नियंत्रण स्वीकार नहीं करेंगे. किसान व पशुपालक देश की आर्थिक व सामाजिक रीढ़ हैं. अपनी संतानों को घास की रोटी खिलाकर भी वर्चस्ववाद से अनवरत लड़ा महाराणा प्रताप का देश इन नए-नए जिल्ले सुभानियों से डर जाएगा, इस ग़लतफ़हमी में कोई न रहे। जय हिंद 🇮🇳❤️💪"
ट्रंप ने क्या कर दिया ऐसा?
दरअसल, अमेरिका ने भारत पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने के ऐलान किया है. इसके अलावा अतिरिक्त पेनल्टी लगाने की भी बात कही है.
ट्रंप ने क्या कहा?
"भारत ने पिछले कई सालों से अमेरिका के साथ कम व्यापार किया है, क्योंकि भारत बहुत अधिक टैरिफ लगाता है और कठोर व्यापारिक बाधाएं लागू करता है. ट्रंप ने यह भी आरोप लगाया कि भारत ने अधिकांश सैन्य उपकरण रूस से खरीदे हैं, और वह रूस के ऊर्जा (तेल) का सबसे बड़ा खरीदार है जबकि पश्चिमी देश रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते रूस पर दबाव बना रहे हैं. ट्रंप ने लिखा कि यह स्थिति अब स्वीकार्य नहीं है और अगर 1 अगस्त तक ट्रेड डील नहीं होती तो अमेरिका 25% टैरिफ और अतिरिक्त पेनल्टी लगाएगा."
भारत ने दिया ये जवाब
ट्रंप के इस फैसले पर भारत सरकार ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. सरकार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, "हमने अमेरिकी राष्ट्रपति के बयान पर गौर किया है और इसके प्रभावों का गहन अध्ययन कर रहे हैं. भारत और अमेरिका लंबे समय से एक निष्पक्ष और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं. हम इस लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध हैं."
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वह देश के किसानों, उद्यमियों और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) के हितों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है. बयान में कहा गया, "राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे, जैसा कि हाल ही में ब्रिटेन के साथ हुए व्यापार समझौते में किया गया."
यह भी पढ़ें: 'अमेरिका से आएगा 'नॉनवेज' दूध, तो कैसे करेंगे व्रत', अमेरिकी टैरिफ पर अखिलेश का वार
ADVERTISEMENT