BMC चुनाव से पहले ठाकरे ब्रदर्स की जोड़ी करेगी कमाल? Ascendia के सर्वे में सामने आई दिलचस्प बात

BMC Elections: बीएमसी चुनाव से पहले आए Ascendia सर्वे में ज्यादातर लोग ठाकरे भाइयों की एकजुटता के पक्ष में दिखे हैं और 45 फीसदी ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना को असली माना है. 15 जनवरी को होने वाले चुनाव से पहले यह सर्वे संकेत देता है कि मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है.

साथ आएंगे ठाकरे ब्रदर्स
साथ आएंगे ठाकरे ब्रदर्स

न्यूज तक डेस्क

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मुंबई में 15 जनवरी को नगर निगम यानी बीएमसी चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले ‘Ascendia’ का एक ताजा सर्वे सामने आया है. इस सर्वे में लोगों से ठाकरे भाइयों की संभावित एकजुटता, कांग्रेस की रणनीति और 'असली शिवसेना' को लेकर सवाल पूछे गए, जिनके जवाब काफी दिलचस्प रहे.

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वोटिंग को लेकर क्या सोच हैं मुस्लिम बहुल इलाकों में लोग?

सर्वे के मुताबिक, मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों से पूछा गया कि अगर उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे साथ आते हैं तो वे किसे सपोर्ट करेंगे.

  • 12 फीसदी लोगों ने कहा कि वे मुस्लिम उम्मीदवार को वोट देंगे.
  • 2 फीसदी लोगों ने बीजेपी को हराने वाले मजबूत उम्मीदवार का समर्थन करने की बात कही.
  • 10 फीसदी लोगों ने ठाकरे ब्रदर्स यानी यूबीटी-एमएनएस गठबंधन को समर्थन देने की बात कही.
  • 11 फीसदी लोग कांग्रेस गठबंधन को सपोर्ट करने के पक्ष में दिखे.

सबसे बड़ी संख्या यानी 64 फीसदी लोग अभी असमंजस में हैं और उनका कहना है कि उम्मीदवार तय होने के बाद ही फैसला करेंगे. यानि इस सर्वे से पता चलता है कि जमीन पर तस्वीर अभी पूरी तरह साफ नहीं हुई है.

क्या तीनों ठाकरे गुटों का साथ आना लोगों को मंजूर?

एक और अहम सवाल यह था कि क्या लोग चाहते हैं कि उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और एकनाथ शिंदे  तीनों एक साथ आएं. इस सवाल के जवाब में 52 फीसदी लोगों ने कहा कि वे तीनों को एक साथ देखना चाहते हैं. जबकि 22 फीसदी लोगों का मानना है कि सबको अलग-अलग ही चुनाव लड़ना चाहिए. 25 फीसदी लोग न्यूट्रल रहे जिन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता. वहीं केनव 1 फीसदी लोगों ने कहा कि वे इस पर कुछ नहीं कह सकते.

कांग्रेस को किसके साथ लड़ना चाहिए?

सर्वे में शामिल जनता से जब पूछा गया कि क्या कांग्रेस को उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे और शिंदे गुट के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए था. इस सवाल के जवाब में 32 फीसदी लोगों ने कहा कि कांग्रेस को तीनों के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहिए. 15 फीसदी ने इसे गलत बताया. जबकि बाकी 15 फीसदी लोग इस मुद्दे पर साफ राय नहीं दे पाए.

सबसे बड़ा सवाल, असली शिवसेना कौन?

सर्वे का सबसे चर्चित सवाल यही रहा कि असली शिवसेना किसे माना जाए. जिसके जवाब में:

  • 45 फीसदी लोगों ने उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) को असली माना.
  • 22 फीसदी ने शिंदे गुट को असली शिवसेना बताया.
  • सिर्फ 1 फीसदी लोगों ने राज ठाकरे को असली शिवसेना कहा.
  • 7 फीसदी ने कहा कि उन्हें किसी को असली मानने से फर्क नहीं पड़ता.
  • 24 फीसदी लोग अब भी कन्फ्यूज हैं और किसी एक नाम पर मुहर लगाने को तैयार नहीं.

इन आंकड़ों से यह जरूर समझा जा सकता है कि बीएमसी चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे को नैतिक बढ़त मिलती दिख रही है.

बीएमसी चुनाव की तारीख जान लीजिए 

बीएमसी चुनाव 15 जनवरी 2026 को होंगे और नतीजे 16 जनवरी 2026 को आएंगे. इसके पहले महाराष्ट्र के हालिया नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में एनडीए को जबरदस्त सफलता मिली थी.

288 में से 200 से ज्यादा सीटों पर महायुति को जीत मिली. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जबकि महाविकास आघाड़ी को सिर्फ 44 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा. गढ़चिरौली की एक सीट पर तो बीजेपी महज एक वोट से हार गई, जिसकी खूब चर्चा हुई.

ऐसे में अब देखना ये है कि ये सर्वे के आंकड़े बीएमसी चुनाव में कितने सही साबित होते हैं और क्या उद्धव ठाकरे 2017 से चला आ रहा अपना दबदबा कायम रख पाते हैं या फिर बीजेपी बाजी मार ले जाती है. सियासी जंग अब अपने निर्णायक दौर में प्रवेश कर चुकी है.

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