20 साल बाद साथ आए उद्वव ठाकरे और राज ठाकरे, अब महायुति के लिए टेंशन वाली क्या बात है?

BMC Election 2026: 20 साल बाद उद्धव और राज ठाकरे एक साथ चुनाव लड़ने जा रहे हैं. शिवसेना (UBT) और MNS के गठबंधन से BMC चुनाव में मराठी वोटों का ध्रुवीकरण संभव है. इससे BJP और शिंदे गुट को कड़ी चुनौती मिल सकती है.

BMC Election 2026
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Thackeray Brothers Alliance: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है. स्थानीय निकाय चुनाव में करारी हार के बाद ठाकरे परिवार की दो बड़ी पार्टियां शिवसेना (UBT) और MNS ने एक साथ आने का औपचारिक ऐलान कर दिया है. इससे अगले महीने होने वाले BMC चुनावों में BJP को कड़ी चुनौती मिल सकती है.  

शिवसेना (UBT) और MNS, दोनों का कोर वोट बैंक मराठी अस्मिता से जुड़ा माना जाता है. ऐसे में दोनों के साथ आ जाने से मुंबई, ठाणे, पुणे और कोंकण बेल्ट में मराठी वोटों का बड़ा ध्रुवीकरण हो सकता है. जिसका सीधा असर BJP और शिंदे गुट पर हो सकता है और इसका फायदा शिवसेना (UBT) और MNS को मिल सकता है. 

BJP के लिए क्यों मुश्किलें बढ़ सकती हैं

BJP अब तक महाराष्ट्र में अलग-अलग गुटों की मदद से सत्ता संतुलन साधती रही है. लेकिन ठाकरे भाइयों की एकजुटता से विपक्ष को एक मजबूत चेहरा मिल सकता है. इससे BJP की सीटों और रणनीति पर सीधा असर पड़ने की संभावना है.

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इसके अलावा, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के लिए भी यह गठबंधन चुनौती बन पेश कर सकता है. मराठी वोटों में बंटवारे का फायदा अब तक शिंदे गुट को मिलता रहा है, लेकिन दोनों ठाकरे एक साथ आए गए हैं ऐसे में आने वाले चुनाव में यह गणित बदल सकता है.

20 साल बाद साथ आए उद्धव और राज ठाकरे

करीब 20 साल बाद ठाकरे परिवार एक साथ चुनाव लड़ने जा रहा है. बुधवार को उद्वव ठाकरे और राज ठाकरे भाईयों ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसका औपचारिक ऐलान किया है. यह गठबंधन महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐतिहासिक क्षण माना जा रहा है.

पिछले पांच महीनों में यह दूसरा मौका है जब ठाकरे भाई मंच साझा कर रहे हैं. इससे पहले जुलाई में मुंबई के वर्ली डोम में मराठा एकता रैली में दोनों साथ दिखे थे. उससे पहले 2006 में बालाठाकरे की रैली में दोनों एक मंच पर नजर आए थे. इस दौरान दोनों भाईयों ने एकजुटता की बात कही. 

दोनों दलों की सोच एक: उद्धव ठाकरे

गठबंधन का ऐलान करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि दोनों दलों की सोच एक है. उन्होंने मराठी समाज के संघर्ष और बलिदान को याद करते हुए कहा कि आज दोनों भाई साथ आए हैं. उन्होंने कहा कि हमें तोड़ने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने देंगे.

राज ठाकरे बोले: मुंबई का मेयर मराठी ही होगा

इस दौरान राज ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र और मुंबई किसी भी आपसी मतभेद से बड़े हैं. उन्होंने कहा कि सीटों का बंटवारा उनके लिए सबसे अहम मुद्दा नहीं है. राज ठाकरे ने दावा किया कि मुंबई का मेयर मराठी ही होगा और वह इसी गठबंधन से चुना जाएगा.

 

राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस गठबंधन को बेहद खास बताते हुए कहा कि यह पल बालासाहब ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाने वाला है. उनका कहना इस गठबंधन का सीधा फायदा बीएमसी और अन्य नगर निगम चुनावों में मिलेगा और ठाकरे ब्रदर्स की जीत होगी.

सीट शेयरिंग पर बनी सहमति 

दोनों दलों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर सहमति बन चुकी है. हालांकि शुरुआत में कुछ सीटों पर विवाद बताया जा रहा था. पिछली बीएमसी में शिवसेना (यूबीटी) की 84 सीटें थीं, जिनमें से 12 से 15 सीटें MNS को देने पर सहमति बनी है. वहीं कुछ कठिन सीटों को लेकर चर्चा के चलते गठबंधन का ऐलान एक दिन टाल दिया गया था. 

2005 में हुआ था MNS का जन्म

27 नवंबर 2005 को राज ठाकरे ने शिवसेना के नेता पद से इस्तीफा दिया. उन्होंने कहा कि उनका झगड़ा भगवान से नहीं बल्कि 'आसपास के पुजारियों' से है. इसके बाद 9 मार्च 2006 को शिवाजी पार्क में राज ठाकरे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का ऐलान किया. 

बीएमसी चुनाव क्यों है साख की लड़ाई

बीएमसी चुनाव सिर्फ नगर निगम का चुनाव नहीं है. यह मुंबई की सत्ता, पार्टियों की विश्वसनीयता और आने वाले बड़े चुनावों की दिशा तय करता है.

करीब 74 हजार करोड़ रुपये के बजट वाली एशिया की सबसे बड़ी सिविक बॉडी पर एक समय बिना बंटे शिवसेना का दो दशकों तक शासन रहा है. तब भाजपा उसकी सहयोगी थी.

जनवरी में होंगे 29 नगर निगमों के चुनाव

महाराष्ट्र के 29 नगर निगमों में अगले साल जनवरी में चुनाव होंगे. इनमें बीएमसी और पुणे नगर निगम (PMC) भी शामिल हैं. मतदान 15 जनवरी को होगा और नतीजे 16 जनवरी को आएंगे.

महाराष्ट्र म्युनिसिपल कॉरपोरेशन चुनाव 2026 का पूरा शेड्यूल

नामांकन 23 दिसंबर से 30 दिसंबर
स्क्रूटनी 31 दिसंबर
नामांकन वापसी 2 जनवरी
फाइनल उम्मीदवार सूची 3 जनवरी
वोटिंग 15 जनवरी
नतीजे 16 जनवरी
कुल सीटें 2,869
कुल वोटर करीब 3.48 करोड़

कई राज्यों से बड़ा बीएमसी का बजट

मुंबई नगर निगम का बजट गोवा, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नगालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा जैसे राज्यों से भी बड़ा होता है. यही वजह है कि भाजपा, उद्धव ठाकरे की शिवसेना, एकनाथ शिंदे की शिवसेना, MNS, कांग्रेस और एनसीपी के दोनों गुट यहां पूरी ताकत झोंक रहे हैं.

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