DK शिवकुमार Vs सिद्धारमैया: कर्नाटक में कौन है जनता की पहली पसंद? C-Voter के ट्रैकर में सामने आई बात

कर्नाटक में C-Voter सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री की पहली पसंद सिद्धारमैया हैं जबकि DK शिवकुमार उनसे काफी पीछे रह जाते हैं. हालांकि राज्य में आधे से ज्यादा लोग BJP-JDS नेताओं को मुख्यमंत्री का बेहतर विकल्प मान रहे हैं.

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न्यूज तक डेस्क

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कर्नाटक में कांग्रेस के भीतर कुर्सी को लेकर जारी सियासी खींचतान अब खुलकर बाहर आ गई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के पोस्ट, 'शब्द की ताकत ही दुनिया की ताकत है', का जवाब दे दिया, जिसके बाद कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई अब सामने आ गई है.

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इस खींचतान के बीच C-Voter का एक ताजा ट्रैकर आया है, जिसने ये साफ कर दिया कि प्रदेश की जनता कांग्रेस के दो बड़े नेता सिद्धारमैया और DK शिवकुमार में से किसी मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार मानते हैं.

कौन है जनता की पसंद

सबसे पहले बात करते हैं जनता की पसंद की. C-Voter के सीएम को लेकर सर्वे में 1 जून से 26 नवंबर 2025 के बीच कर्नाटक के 29 हजार से ज्यादा लोगों से राय ली गई. सर्वे में पता चला कि मुख्यमंत्री की पसंद के मामले में सिद्धारमैया का दबदबा बरकरार है. पूरे राज्य में लगभग 40 फीसदी लोगों ने उन्हें CM पद का सबसे योग्य चेहरा बताया है. उसके मुकाबले DK शिवकुमार सिर्फ 6.9 फीसदी पर सिमट गए. मतलब साफ है कांग्रेस के भीतर भले ही दोनों नेताओं की भूमिका अहम हो लेकिन जनता की नजर में सिद्धारमैया की पकड़ कहीं अधिक मजबूत है.नाम (उम्मीदवार)

नाम (उम्मीदवार)

प्रतिशत
सिद्धरमैया (कांग्रेस) 40.0%
डॉ. डी.के. शिवकुमार (कांग्रेस) 6.9%
मल्लिकार्जुन खड़गे (कांग्रेस) 1.3%
अन्य कांग्रेस नेता 0.6%
बीजेपी/जेडीएस/अन्य नेता 51.2%

 

महिलाएं की पसंद हैं सिद्धारमैया

दिलचस्प बात यह है कि महिलाएं सिद्धारमैया को पुरुषों की तुलना में ज्यादा पसंद कर रही हैं. मुस्लिम और ईसाई समुदाय का तो भारी समर्थन उन्हें मिल रहा है, जहां 60 से 75 फीसदी तक वोटर उन्हें अपनी पहली पसंद बताते हैं. उम्रदराज वोटरों में भी वे काफी लोकप्रिय हैं खासकर 55 साल से ऊपर के लोगों में उनका समर्थन सबसे ज्यादा दिखाई देता है. 

वहीं दूसरी तरफ DK शिवकुमार की पसंद मुख्य रूप से बड़े उम्र के वोटरों और कांग्रेस के पारंपरिक समर्थकों तक सीमित दिखाई देती है. लेकिन असली कहानी यहीं खत्म नहीं होती. राज्य की बड़ी तस्वीर देखने पर एक और बड़ा मोड़ सामने आता है. 

BJP-JDS खेमे के नेताओं को भी मान रहे विकल्प 

C-Voter के सर्वे के मुताबिक कांग्रेस के दोनों नेताओं की संयुक्त लोकप्रियता के बावजूद पूरे कर्नाटक में आधे से ज्यादा लोग BJP-JDS खेमे के नेताओं को मुख्यमंत्री के लिए बेहतर विकल्प मान रहे हैं. 

लगभग 51 प्रतिशत लोग किसी न किसी BJP या JDS नेता को अपनी पसंद बताते हैं. यानी कांग्रेस के भीतर सिद्धारमैया भले ही सबसे मजबूत चेहरा हों लेकिन राज्य की कुल राजनीति अभी भी कांग्रेस के पक्ष में साफ तौर पर नहीं झुक सकी है.

जातीय समीकरणों में भी दिलचस्प पैटर्न

जातीय समीकरणों में भी दिलचस्प पैटर्न दिखता है. मुस्लिम और ईसाई समुदाय पूरी तरह से सिद्धारमैया के साथ दिखाई देता है लेकिन OBC और ऊंची जातियों में BJP–JDS की पकड़ बेहद मजबूत है. इन वर्गों में 60 से 68 प्रतिशत तक लोग बीजेपी-जेडीएस नेताओं को मुख्यमंत्री पद के लिए बेहतर मान रहे हैं. युवा वोटरों में भी इसी गठबंधन की बढ़त साफ दिखाई देती है जो कांग्रेस के लिए चिंता की बात हो सकती है.

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