कर्नाटक में CM की कुर्सी के लिए तेज हुआ घमासान, सोशल मीडिया पर सिद्धारमैया-शिवकुमार के बीच शुरू हुई जंग!

Siddaramaiah vs DK Shivakumar: कर्नाटक में सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच पावर शेयरिंग को लेकर तनातनी खुलकर सामने आ गई है. सिद्धारमैया ने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, तो डीकेएस ने वादा निभाने की राजनीति पर जोर दिया.

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Siddaramaiah vs DK Shivakumar: कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के भीतर चल रही खींचतान अब खुलकर सामने आ गई है. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच खींचतान अब सोशल मीडिया पर तेज हो गई है. गुरुवार को सोशल मीडिया पर दोनों नेताओं के बीच पोस्ट वॉर शुरू हो गई है. इसी बीच राजनीतिक गलियारों में मुख्यमंत्री बदलाव की अफवाहें जोरों पर हैं.

माना जा रहा था कि डिप्टी सीएम शिवकुमार के हालिया तंज भरे संकेतों पर मुख्यमंत्री कोई सीधा जवाब नहीं देंगे. हालांकि, सीएम सिद्धारमैया ने 'X' पर एक पोस्ट कर सबको चौंका दिया. उन्होंने न सिर्फ अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाईं, बल्कि बिना किसी का नाम लिए साफ संदेश भी दिया कि सरकार सिर्फ काम के दम पर चल रही है, न कि सिर्फ वादों पर.

सिद्धारमैया ने गिनाए काम, दिया सीधा संदेश

सिद्धारमैया ने एक्स पर लंबा पोस्ट लिखा, मुख्यमंत्री ने कहा, "शब्दों में तभी शक्ति होती है जब वे लोगों के जीवन को बेहतर बनाते हैं." उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के पहले महीने से ही अपने वादों को ज़मीन पर उतारने का काम किया है.

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उन्होंने अपनी सरकार की प्रमुख स्कीमों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि शक्ति योजना के से महिलाओं को 600 करोड़ से ज्यादा मुफ्त बस यात्राएं मिलीं. इससे उनकी आजादी बढ़ी. गृहलक्ष्मी योजना ने 1.24 करोड़ महिलाओं को आर्थिक मिली. युवा निधि से 3 लाख से अधिक युवाओं को सहारा मिला. अन्न भाग्य 2.0 से 4.08 करोड़ लोगों को खाना सुरक्षित हुआ. गृह ज्योति से 1.64 करोड़ परिवारों को फ्री बिजली मिल रही है.

जनादेश पांच साल का होता है, एक पल का नहीं

सिद्धारमैया ने दावा किया कि 2013-18 की सरकार में उन्होंने 95% वादे पूरे किए थे. इस बार भी 593 में से 243 से अधिक वादों को पूरा किया जा चुका है और बाकी वादों पर भी तेजी से काम जारी है. उन्होंने कहा कि जनता का जनादेश पांच साल का होता है, एक पल का नहीं.

शिवकुमार ने दिया था 'वादों की ताकत' वाला संदेश

सिद्धारमैया की इस पोस्ट को राजनीतिक रूप से डीके शिवकुमार की हालिया टिप्पणी का जवाब माना जा रहा है. डिप्टी सीएम शिवकुमार ने एक्स पर एक दिन पहले कहा था, "शब्द की शक्ति ही दुनिया की सबसे बड़ी ताकत है. जिसने वादा किया है, उसे निभाना चाहिए- चाहे वह जज हो, राष्ट्रपति हो या मैं."

उन्होंने व्यंग्य में यह भी कहा था कि कुछ लोग कुर्सी की वास्तविक जिम्मेदारी नहीं समझते. उन्होंने टिप्पणी की कि पीछे खड़े रहने से न कुर्सी मिलती है और न पद, ऐसे लोग हमेशा पीछे ही रह जाते हैं.

आधे कार्यकाल पर पावर शेयरिंग की चर्चा तेज

बता दें 20 नवंबर को कांग्रेस सरकार ने अपना आधा कार्यकाल पूरा किया है. इसी के साथ यह चर्चा फिर सामने आई है कि 2023 में सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच 2.5-2.5 साल के रोटेशन फॉर्मूले पर अनौपचारिक सहमति बनी थी. हालांकि पार्टी हाईकमान ने इसकी कभी पुष्टि नहीं की लेकिन राजनीति के गलियारों में इस बात की खूब चर्चा हो रही है. 

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