एकनाथ शिंदे की नाक कटा रहे शिवसैनिक, इधर देवेंद्र फडणवीस भी एक्शन के मूड में

महाराष्ट्र में फडणवीस बनाम शिंदे की तकरार! विधायक संजय गायकवाड की पिटाई का वीडियो वायरल, डिप्टी सीएम ने खुलकर शिवसेना को घेरा.

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तस्वीर: इंडिया टुडे.

रूपक प्रियदर्शी

10 Jul 2025 (अपडेटेड: 10 Jul 2025, 10:33 AM)

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महाराष्ट्र की महायुति सरकार में एकनाथ शिंदे चुनावों से पहले सीएम हुआ करते थे. चुनावों के बाद सीधे डिप्टी सीएम हो गए. चुनाव में बीजेपी का वजन इतना बढ़ा कि सरकार चलाने के लिए एकनाथ शिंदे की शिवसेना की जरूरत नहीं रही. फिर भी बीजेपी, शिवसेना, एनसीपी एक साथ हैं, लेकिन सरकार में शिंदे का रुआब नहीं रहा. फडणवीस शिंदे को ये फील कराने का मौका छोड़ नहीं रहे. शिंदे के विधायक उन्हें प्लेटफॉर्म देने का मौके से नहीं चूक रहे हैं. 

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मंत्री संजय शिरसाट के कांड के बाद शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड ने कुछ ऐसा कर दिया जिसने फडणवीस को शिवसेना पर चढ़ाने का मौका मिल गया. संजय गायकवाड का एक वीडियो जबरदस्त वायरल है, जिसमें वो मुंबई में आकाशवाणी एमएलए हॉस्टल के कैंटीन के कर्मचारी को पीट रहे हैं. बस इतनी सी बात पर कि उन्होंने जो दाल खाने में दी गई वो बासी निकली. आग बबूला होकर संजय गायकवाड कैंटीन में पहुंचे और स्टाफ को धो डाला. 

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होते-होते सीएम देवेंद्र फडणवीस तक पहुंचा. फडणवीस ने इस बात का लिहाज नहीं किया कि पीटने वाला विधायक है, शिवसेना का है और खाने को लेकर शिकायत भी सही की थी. विधान परिषद में भाषण देते हुए फडणवीस ने कह दिया कि संजय गायकवाड ने inappropriate  inappropriate किया. जो किया उससे जनता के सारे विधायकों की प्रतिष्ठा खराब हुई. चाहते तो कुछ और कहकर बच भी सकते थे और गायकवाड को बचा भी सकते थे. उन्होंने फ्रंटफुट पर आकर शिंदे के विधायक गायकवाड की खबर ले ली. 

राजनीति में रघुकुल रीत की तरह है कि सरकार या सीएम अपने पक्ष के नेताओं पर पहले परदा डालते हैं. बचाने के लिए कोई न कोई डिफेंस देते हैं. संजय गायकवाड़ के मामले में फडणवीस उन्हीं पर फायर हो गए. गायकवाड पर फडणवीस के फायर होने का सीधा मतलब शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे पर चोट. 

शिवसेना कोटे के विधायकों पर बरसे फडणवीस 

दो दिनों में बैकफुट देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना कोटे के नेताओं पर बरसे. संजय गायकवाड से पहले सोशल जस्टिस मंत्री संजय शिरसाट का कांड बेनकाब हुआ. संभाजी नगर में 150 करोड़ का विट्स होटल धांधली से 65 करोड़ खरीदने में मामले में संजय शिरसाट और उनके बेटे सिद्धांत पर जैसे ही उंगुली उठी, देवेंद्र फडणवीस ने सीधे हाई लेवल इन्क्वायरी ऑर्डर कर दी. डील भी कैंसल करा दी. 

एकनाथ शिंदे ने साधी चुप्पी 

ये लिहाज नहीं किया कि जिस संजय शिरसाट पर करप्शन का आरोप लगा वो उन्हीं की सरकार का मंत्री है और एकनाश शिंदे के सबसे भरोसेमंद लोगों में से है. एकनाथ शिंदे बस देख रहे हैं. कुछ रिएक्ट नहीं कर रहे. या तो करप्शन और गुंडागर्दी को डिफेंड करना होगा या चुप रहना होगा. 

राहुल गांधी की जीभ काटने...इस बयान से चर्चा में आए थे गायकवाड 

संजय गायकवाड शिंदे की शिवसेना के वही बवालिया विधायक हैं जिन्होंने पिछले साल सितंबर में राहुल गांधी की जीभ काटने वाले को 11 लाख रुपये देने की घोषणा की थी. कोरोना के समय देवेंद्र फडणवीस के गले में कोरोना वायरस बांधने के लिए बेकरार हुए थे. 

गायकवाड बोले- फिर पीटूंगा 

कैंटीन में घुसकर गुंडागर्दी करने के बाद भी संजय गायकवाड की अकड़ बरकार है. कह रहे हैं कि पीटने का कोई पछतावा नहीं. फिर पीटूंगा. जब कोई समझता नहीं तो मुझे यही भाषा समझ आती है. 

20204 के चुनावों से महाराष्ट्र की राजनीति में 360 डिग्री यूटर्न आया. 2022 में शिंदे ने बीजेपी की शह पर उद्धव ठाकरे से पार्टी, नेता, सांसद, विधायक सब छीन लिया. बदले में बीजेपी ने शिंदे को सीएम की कुर्सी दी और जानबूझकर सीएम रह चुके देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनवाया. 2024 में राजनीति पलट गई. बीजेपी अकेले इतनी दमदार हो गई कि शिंदे की जरूरत रही नहीं. 

288 की विधानसभा में बहुमत का नंबर 145 बनता है. पिछले साल के विधानसभा चुनावों में अकेले बीजेपी 132 पर जीत गई. पूरा बहुमत तो नहीं मिला लेकिन अजित पवार की एनसीपी के 41 विधायक जीतने से बीजेपी की शिंदे पर निर्भरता खत्म हो गई. शिंदे की शिवसेना 38 से 57 होकर भी बस सजावट की पार्टी बनी हुई है. शिंदे नाराज हों या राजी-खुशी से रहें, बीजेपी को अब इससे फर्क नहीं पड़ता. संजय शिरसाट और संजय गायकवाड के मामलों में चढ़ाई करके फडणवीस यही मैसेज दे रहे हैं.

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