दिल्ली में अमित शाह से मिलने के बाद मणिपुर के CM बीरेन सिंह ने दिया इस्तीफा, वजह चौंकाने वाली

मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह मणिपुर सरकार के मंत्री और विधायकों के साथ राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे थे. बीजेपी सांसद संबित पात्रा भी उनके साथ थे. इस बड़े फैसले से पहले बीरेन सिंह ने आज ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. 

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09 Feb 2025 (अपडेटेड: 09 Feb 2025, 07:32 PM)

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पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. बीरेन सिंह ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा. उनके साथ बीजेपी सांसद संबित पात्रा, सरकार के मंत्री और विधायकों मौजूद रहे. बता दें कि इस फैसले से पहले बीरेन सिंह ने रविवार को ही दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी. इस्तीफे के बाद गृह मंत्रालय ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को हाईअलर्ट कर दिया है.

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सोमवार को विधानसभा में पेश होने वाले अविश्वास प्रस्ताव से पहले बीरेन सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. सीएम सिंह को लेकर लंबे समय से बीजेपी विधायकों में नाराजगी चल रही थी. मणिपुर में बीजेपी के 19 विधायकों ने पिछले साल अक्टूबर में एन बीरेन सिंह को सीएम पद से हटाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भेजी थी. इस चिट्ठी पर साइन करने वालों में विधानसभा अध्यक्ष थोकचोम सत्यव्रत सिंह, मंत्री थोंगम विश्वजीत सिंह और युमनाम खेमचंद सिंह का नाम भी शामिल था.

चिट्ठी में कहा गया था कि मणिपुर के लोग बीजेपी सरकार से सवाल कर रहे हैं कि राज्य में अभी तक शांति क्यों नहीं बहाल हुई है. अगर जल्द समाधान नहीं निकला, विधायकों से इस्तीफा देने की मांग भी की जा रही है.

राज्यपाल को इस्तीफा सौंपते बीरेन सिंह.

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मणिपुर की हिंसा पर कहा था मैं इस्तीफा क्यों दूं...

मणिपुर में जातीय हिंसा को लेकर बीरेन सिंह के खिलाफ आक्रोश था. पार्टी के ही नाराज विधायकों की चिट्ठी से पहले बीरेन सिंह ने पद छोड़ने से साफ इनकार कर दिया था. उन्होंने कहा था कि 'मैं इस्तीफा क्यों दूं? क्या मैंने कुछ चुराया है? क्या मेरे खिलाफ किसी घोटाले का आरोप है? क्या मैंने राष्ट्र या राज्य के खिलाफ काम किया है?' बीरेन सिंह जातीय हिंसा को लेकर विपक्ष के निशाने पर भी थे. कुकी संगठन उन पर जातीय हिंसा में मैइई समुदाय का पक्ष लेने का आरोप लगा रहा था. 

मणिपुर में 2 साल से जारी था हिंसा का दौर बता दें कि मणिपुर में हिंसा लंबे समय से एक गंभीर मुद्दा बना हुआ था. सूबे में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच तनाव बढ़ने के कारण कई बार हिंसक झड़पें हुई थीं, जिससे सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है. 

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