पॉलिटिकल मैप पर केरल के वायनाड की चर्चा तब शुरू हुई थी जब 2019 में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ-साथ वायनाड से भी चुनाव के लिए नामांकन भरा था. अमेठी में स्मृति ईरानी को बीजेपी ने राहुल के खिलाफ उतारकर सारे समीकरण बदल दिए. वायनाड की सेफ सीट चुनना राहुल के लिए बढ़िया फैसला था.
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2019 की मोदी लहर में राहुल गांधी अमेठी हार गए. वायनाड से मिली बंपर जीत के बदौलत संसद पहुंच पाए. 2024 में राहुल ने अमेठी छोड़ दिया. फिर से रायबरेली और वायनाड से दो-दो सीटों से लड़े. 2024 तक राहुल की पॉलिटिक्स बहुत बदल चुकी थी. दोनों सीटों पर जीत मिली तो उन्होंने वायनाड की सीट छोड़ दी. वायनाड उपचुनाव से प्रियंका गांधी ने इलेक्शन डेब्यू किया. चुनाव जीतने के बाद वायनाड में प्रियंका गांधी का आना-जाना लगा रहता है.
इस बार प्रियंका गांधी के 10 दिन के वायनाड दौरे से बड़ा भूचाल आ गया. पहले प्रियंका गांधी पहुंचीं. फिर पर्सनल विजिट पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी आए. वायनाड कांग्रेस में लोकल लेवल पर बहुत कुछ चल रहा था. वायनाड जिला कांग्रेस अध्यक्ष एनडी अपाच्चन के काम करने के तौर-तरीकों को लेकर ढेर सारी शिकायतें मिल रही थी. पहले तो प्रियंका ने जाने दिया.
जिला कांग्रेस अध्यक्ष का इस्तीफा हो गया
इस बार प्रियंका 10 दिन के लिए वायनाड में टिक गईं तो बड़ा एक्शन हो गया. वायनाड जिला कांग्रेस अध्यक्ष एनडी अपाच्चन का इस्तीफा हो गया. केरल कांग्रेस अध्यक्ष सनी जोसेफ ने इस्तीफा मंजूर करके आगे के एक्शन के लिए AICC को लिखा है. एडवोकेट टीजे इसाक को नया वायनाड अध्यक्ष बनाया गया है. एनडी अप्पाचन को एआईसीसी का सह-मनोनित सदस्य बनाया गया है.
इन दो घटनाओं ने मचाई सनसनी
वायनाड में कांग्रेस से जुड़े एक परिवार में दो-दो घटनाओं ने बड़ी सनसनी मची थी. प्रियंका गांधी के वायनाड दौरे के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता ने जान दे दी. फिर जिला कांग्रेस के ट्रेजरार रहे एन एम विजयन की बहू पद्मजा ने जान देने की कोशिश की. विजयन और उनके बेटे जिजेश पहले ही जान दे चुके हैं. दोनों हादसों का कनेक्शन वायनाड कांग्रेस की गुटबाजी से जुड़ा माना जा रहा है. बहू ने आरोप लगाया कि ससुर की मौत के बाद जिला कांग्रेस ने आर्थिक मदद का वादा किया था जो पूरा नहीं किया. इतने बड़े हादसे की भनक हाईकमान तक पहुंची. केरल कांग्रेस ने दिवंगत नेता विजयन का बैंक लोन चुकाकर मामला शांत किया.
जिला कांग्रेस अध्यक्ष ने लगाए ये आरोप
प्रियंका गांधी का लंबा वायनाड दौरा भी कई विवादों का कारण बना. जिला कांग्रेस अध्यक्ष अप्पाचन ने आरोप लगा दिया कि प्रियंका के दौरे के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं रहती. उनका इस बार का दौरा भी राजनीतिक कम रहा. उन्होंने 10 दिन बिताए लेकिन वो वेकेशन या फैमिली वेकेशन जैसा था. प्रियंका के आगे-पीछे न तो कांग्रेस की बड़ी भीड़ दिखी. न उन्होंने ऐसे कोई कार्यक्रम किए. प्रियंका के दौरे पर सवाल उठाकर भी अप्पाचन ने संकेत दिया कि कम से कम वायनाड जिला कांग्रेस से प्रियंका गांधी की केमेस्ट्री बहुत अच्छी नहीं चल रही थी. एक कहानी ये भी बताई जा रही है कि जिला कांग्रेस का नए सिरे से पुनर्गठन किया जाना था लेकिन बात नहीं बन रही थी. अब अपाच्चन के इस्तीफे से पेंडिंग चल रहा ये काम हो जाएगा.
केरल में अगले साल चुनाव
केरल में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं. लोकसभा चुनावों में तो कांग्रेस को कहीं कोई दिक्कत नहीं आई लेकिन बीजेपी-लेफ्ट पूरा जोर लगा रही है कि वायनाड में गांधी परिवार चैन से न सके. राहुल गांधी के खिलाफ लेफ्ट की बड़ी नेता एनी राजा को उतारा तो बीजेपी ने प्रियंका के खिलाफ नव्या हरिदास को लेकर क़ड़ी टक्कर देने की कोशिश की. केरल में कांग्रेस लोकसभा में बहुत मजबूत है लेकिन विधानसभा चुनावों में सत्ता वापसी का चैलेंज है.
वायनाड अब कांग्रेस के लिए केरल कैपिटल है. वहां की हर हलचल का मैसेज पूरे केरल में जाता है. वायनाड लोकसभा सीट के अंदर सात विधानसभा सीटें हैं जहां कांग्रेस अजेय नहीं है. पिछले चुनाव में कांग्रेस केवल चार सीटें जीत पाई थी. दो सीटें लेफ्ट ने निकाली. एक सीट कांग्रेस की सहयोगी पार्टी मुस्लिम लीग ने जीती. राहुल गाँधी के दो-दो बार जीतने और अब प्रियंका गाँधी के सांसद रहने के बाद चैलेज है कि विधानसभा चुनाव में सारी की सारी सात सीटें कांग्रेस अलायंस के पास आए. इसके लिए सबसे जरूरी रोल होगा जिला कांग्रेस है जहां बड़ी उठापटक मची है.
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