NDA ने अपने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. इस पद ने लिए उन्होंने रविवार को सीपी राधाकृष्णन के नाम की घोषणा की. इसके बाद देश में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. इस ऐलान के बाद ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से बात की. इस दौरान उन्होंने अपने उम्मीदवार के लिए समर्थन मांगा. हालांकि, इस बीच आज इस चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक भी बैठक होने वाली है. माना जा रहा है कि इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा होगी. ऐसे में चलिए जानते है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान कैसे होता है और इस चुवना में किसी दल के पास कितने नंबर हैं.
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कैसे होता है उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान?
आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया सामान्य चुनावों से अलग होती है. इसमें आनुपातिक प्रतिनिधित्व के माध्यम से एकल हस्तांतरणीय मत प्रणाली का उपयोग किया जाता है. विजेता बनने के लिए उम्मीदवार को कुल वैध वोटों की कोटे को पार करना होता है. इस दौरान अगर कोई उम्मीदवार पहली काउंटिग के समय इस कोटा को पूरा नहीं कर पाता तो ऐसे में सबसे कम वोट पाने वाले उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है. उसके वोट दूसरी वरीयता के आधार पर अन्य उम्मीदवारों में बांट दिए जाते हैं. ये प्रक्रिया तब तक चलती है जब तक कोई उम्मीदवार बहुमत हासिल नहीं कर लेता.
किसके पास कितने आंकड़ों?
चुनाव के लिए जारी आंकड़ों के मुताबिक, उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 782 सांसद वोट देने के पात्र हैं. इनमें से 542 लोकसभा और 240 राज्यसभा से हैं. वहीं, किसी भी उम्मीदवार की जीत के लिए 392 सांसदों का बहुमत जरूरी है. इस समय सरकार के पक्ष में 427 सांसदों का समर्थन बताया जा रहा है. इसमें 293 लोकसभा और 134 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. वहीं, अगर विपक्ष की बात करें तो उसके पास 355 सांसद हैं, जिसमें 249 लोकसभा और 106 राज्यसभा के सदस्य शामिल हैं. इनमें से 133 वोट अभी भी अनिर्णीत माने जा रहे हैं जो इस चुनाव का रुख बदल सकते हैं. ऐसे में सरकार और विपक्ष इन्हीं अनिर्णित 133 वोटों को अपने पक्ष में करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.
इस प्रकार है संख्या बल
लोकसभा (542 सांसद)
- सरकार के साथ: 293
- विपक्ष के साथ: 249
राज्यसभा (240 सांसद)
- सरकार के साथ: 134
- विपक्ष के साथ: 106
इस आंकड़ों से साफ है कि NDA के पास बहुमत से ज्यादा यानी 427 सांसदों का समर्थन है. वहीं, दूसरी और विपक्ष के पास 355 सांसदों का साथ हैं.
बीजेपी का दक्षिण दांव: कांग्रेस-DMK को चुनौती
NDA ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनने को एक बड़ा राजनीतिक दांव माना जा रहा है. वे तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं. बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में बीजेपी के निराशाजनक प्रदर्शन रहा था. ऐसे में माना जा रहा है कि राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर बीजेपी की दक्षिण भारत की राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश का कर रही है. उधर NDA का ये कदम कांग्रेस और डीएमके के लिए एक सीधी चुनौती के तौर पर देखा जा रहा है. बता दें कि प्रदेश में अभी DMK की सरकार है. वहीं तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसे लेकर बीजेपी ने अभी से तैयारी कर ली है. इसी के तहत बीजेपी ने यहां पहले ही AIADMK के गठबंधन का ऐलान कर चुकी है.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी का नहीं खुला खाता
बता दें कि तमिलनाडु में लोकसभा की कुल 39 सीटें हैं. लेकिन 2024 के चुनाव में बीजेपी को यहां एक भी सीट नहीं मिली. यहां 2024 का लोकसभा चुनाव बीजेपी और AIADMK ने अलग-अलग लड़ा था. वहीं, DMK और INDIA गठबंधन ने सभी 39 सीटों पर जीत दर्ज की. इसमें से डीएमके को 22, कांग्रेस को 9,सीपीआई, सीपीआई(एम) और VCK को 2-2 और MDMK और IUML को एक-एक सीट पर जी दर्ज की.
वहीं तमिलनाडु में 2026 में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इसे लेकर बीजेपी ने अभी से तैयारी कर ली है. इसी के तहत बीजेपी ने यहां पहले ही AIADMK के गठबंधन का ऐलान कर चुकी है
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