आगजनी-तोड़फोड़, किसानों का बवाल और पुलिस का लाठीचार्ज, हनुमानगढ़ में क्यों हो रहा है बवाल? जानें वजह

Hanumangarh Protest: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में एथेनॉल फैक्ट्री को लेकर किसानों का 15 महीनों से चल रहा विरोध गुरुवार को हिंसक हो गया. महापंचायत के बाद प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री की चारदीवारी तोड़कर आगजनी कर दी. हालात बिगड़ने पर पुलिस ने लाठीचार्ज करना पड़ा, इसमें विधायक अभिमन्यु पूनिया समेत कई लोग घायल हो गए.

Hanumangarh Farmers Protest
Hanumangarh Farmers Protest

गुलाम नबी

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Hanumangarh Farmers Protest: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले के टिब्बी क्षेत्र के राठी खेड़ा गांव में लगने वाली एथेनॉल फैक्ट्री का स्थानीय किसानों और ग्रामीणों विरोध कर रहे हैं.  इस प्रदर्शन ने बुधवार को हिंसक रूप ले लिया. इस दौरान आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने SDM कार्यालय के सामने महापंचायत के बाद निर्माणाधीन एथेनॉल फैक्ट्री पर धावा बोल दिया. उसकी चारदीवारी को तोड़कर वहां रहे उपकरणों तथा गाड़ियों में आग लगा दी. मौके पर स्थिति नियंत्रित से बाहर जाता देख पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. इस दौरान स्थानीय विधायक अभिमन्यु पूनिया समेत कई लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे इस फैक्ट्री को किसी भी कीमत पर नहीं लगने देंगे. इसके पीछे उनका कहना है कि फैक्ट्री के लगने से इलाके में प्रदूषण बढ़ेगा और उनकी उपजाऊ जमीन बंजर हो जाएगी.

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फैक्ट्री पर किसानों का धावा और तोड़फोड़ 

इस बीच टिब्बी में एक महापंचायत बुलाई गई. यहां भारी संख्या में किसान और ग्रामीण एकजुट होकर एथेनॉल फैक्ट्री स्थल पर पहुंचे. इस दौरान भीड़ ने फैक्ट्री की चारदीवारी को पूरी तरह से तोड़ दिया. प्रदर्शनकारियों ने फैक्ट्री कार्यालय, एक पोकलेन मशीन, एक जेसीबी मशीन, पांच निजी गाड़ियां और एक जेनरेटर सेट पर आग लगा दी. इससे मौके पर अफरातफरी का माहौल बन गया. इस दौरान किसानों ने फैक्ट्री पर कब्जा कर लिया और मौके पर चल रहे निर्माण कार्य को पूरी तरह से रोक दिया.

पुलिस ने किया बल प्रयोग, विधायक घायल 

इस बीच स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज कर दिया. इस दौरान हुई झड़प में स्थानीय विधायक अभिमन्यु पूनिया गंभीर रूप से घायल हो गए. उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया. वहीं, कुछ अन्य ग्रामीण और किसान भी घायल हो गए. अब पुलिस ने उपद्रव और आगजनी के मामले में सात लोगों को हिरासत में लिया है और कई लोगों के खिलाफ नामजद मुकदमे दर्ज किए हैं. इस घटना के बाद से अब इलाके में तनाव बना हुआ है. इस बीच घटना के अगले दिन कलेक्टर, एसपी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे.

हमारी हरी-भरी कृषि भूमि हो जाएगी बंजर-प्रदर्शनकारी

विरोध प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों और किसानों का कहना है कि फैक्ट्री के लगने से क्षेत्र का पर्यावरण प्रदूषित होगा. उनकी हरी-भरी कृषि भूमि बंजर हो जाएगी. ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का गहरा संकट खड़ा हो जाएगा. उनका कहना है कि उन्हें ऐसा कोई रोजगार नहीं चाहिए जो उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए जमीन को बर्बाद कर दे. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर सरकार को फैक्ट्री लगानी ही है तो किसी दूसरी जगह पर लगाए.

आंदोलन को राजनीतिक दलाें और किसान संगठनों का समर्थन

बताया जा रहा टिब्बी में आयोजित महापंचायत में न केवल स्थानीय ग्रामीण और किसान, बल्कि पंजाब और हरियाणा से भी किसान नेता शामिल हुए. इस आंदोलन को कांग्रेस, सीपीएम, सीटू और कई किसान यूनियनों जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों का समर्थन मिला. सभी ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही फैक्ट्री को यहां से नहीं हटाया गया तो उनका आंदोलन लगातार जारी रहेगा. इस दौरान महापंचायत के समर्थन में टिब्बी और आसपास के क्षेत्रों के सभी बाजार स्वेच्छा से बंद रहे.

फैक्ट्री नियमों के अनुरूप जिला कलेक्टर

घटनाक्रम के बाद जिला कलेक्टर खुशाल यादव और पुलिस अधीक्षक हरिशंकर यादव ने अपना बयान जारी किया. जिला कलेक्टर ने कहा कि एथेनॉल फैक्ट्री को सभी नियमों और कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के बाद मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि फैक्ट्री के लिए समझौता एमओयू 2022 में हुआ था.  2023 में सभी जांचों होने के बाद इसकी अनुमति मिली थी. कलेक्टर ने कहा कि फैक्ट्री का उद्देश्य क्षेत्र में खुशहाली लाना और रोजगार पैदा करना है न कि पर्यावरण को प्रदूषित करना. उन्होंने जोर देकर कहा कि कानून को किसी को भी अपने हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी और समस्याओं को बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है. पुलिस अधीक्षक ने इस घटनाक्रम को निंदनीय बताते हुए कहा कि उपद्रव करने और आगजनी में शामिल लोगों की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए टीमें तैयार की जा रही हैं.

15 महीने से चल रहा था आंदोलन

आपको बता दें कि किसानों और ग्रामीणों का ये आंदोलन पिछले 15 महीने से चल रहा था. इसे कुछ दिन पहले प्रशासन ने जबरन समाप्त करा दिया था. इसके बाद आक्रोश और बढ़ गया. अब इस हिंसक घटनाक्रम के बाद पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है. घटना के दौरान घायल किसान गुरुद्वारों में शरण लेने रहे हैं और कह रहे हैं कि वे लाठी या गोली की परवाह किए बिना एथेनॉल फैक्ट्री को यहां नहीं लगने देंगे.्र

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