Ethiopia Volcano Ash: इथियोपिया में फटा ज्वालामुखी, धुएं का गुबार दिखा जैसलमेर के आसमान तक, जयपुर की उड़ानें रद्द

इथियोपिया में 10 हजार साल बाद एक्टिव हुए हेली गुब्बी ज्वालामुखी की राख भारत तक पहुंच गई है जिससे कई शहरों में विजिबिलिटी घट गई और उड़ानों पर असर पड़ा है. DGCA ने एयरलाइंस को सतर्क रहने और सुरक्षित ऊंचाई पर उड़ान भरने के निर्देश दिए हैं.

ज्वालामुखी का असर राजस्थान तक
ज्वालामुखी का असर राजस्थान तक

न्यूज तक डेस्क

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इथियोपिया में 10 हजार साल से शांत पड़ा हेली गुब्बी ज्वालामुखी अचानक फट गया. रविवार यानी 24 नवंबर को हुए इस विस्फोट से उठी भारी मात्रा में राख अब कई देशों के लिए परेशानी बन गई है. विस्फोट के दौरान उठा राख का गुबार लगभग 18 किलोमीटर ऊपर तक पहुंचा और लाल सागर पार करते हुए यमन और ओमान की ओर फैल गया. 

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अब यह बादल भारत की ओर बढ़ गया है जिससे राजस्थान, दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में उड़ानों पर असर दिखाई देने लगा है.

भारत में दिखा असर

सोमवार यानी 24 नवंबर को राख का यह गुबार उत्तर-पश्चिम भारत में दिखाई देने लगा. मौसम विशेषज्ञों की मानें तो इसके कारण आकाश हल्का धुंधला और गहरा नजर आ सकता है. 

राजस्थान पर असर 

इथियोपिया के हेली गुब्बी ज्वालामुखी से निकली राख अब सीधे राजस्थान के आसमान में पहुंच गई है और पश्चिमी हिस्सों से होते हुए तेजी से उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ रही है. 

यह राख का बादल लगभग 120–130 किमी/घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है और फिलहाल जोधपुर, जैसलमेर और फालौड़ी के ऊपर फैला हुआ है. कल रात की ही ट्वीट में इंडिया मेट स्काई ने बताया कि अगले कुछ घंटों में इसका असरउत्तर-पश्चिम और मध्य राजस्थान, उसके बाद हरियाणा. राहत की बात यह है कि यह राख धरती पर नहीं बल्कि 25,000 से 45,000 फीट ऊंचाई पर तैर रही है.

DGCA ने एयरलाइंस को चेताया

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी एयरलाइंस और एयरपोर्ट्स को अलर्ट जारी किया है. इसमें कहा गया है कि उड़ानों को रियल-टाइम अपडेट्स पर निगरानी रखने और सुरक्षा के हिसाब से ऊंचाई बदलकर उड़ान भरने के निर्देश दिए गए हैं. जिन इलाकों में राख फैली है वहां ज्यादा ऊंचाई पर उड़ान न भरने की सलाह दी गई है ताकि इंजन में राख जाने से खतरा न हो.

राख में क्या है खतरा?

विशेषज्ञों की मानें तो इस राख के हवा में घुलने से हवा में सल्फर डाइऑक्साइड गैस, कांच और चट्टान के बेहद सूक्ष्म कण मौजूद हो सकती हैं जो 15,000-45,000 फीट ऊंचाई तक फैल रहे हैं. यह कण हवा में तो दिखते नहीं हैं लेकिन इनसे विमान इंजन और पंखों को नुकसान हो सकता है. बादल लगभग 100–120 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से भारत की ओर पहुंच रहा है.

कई उड़ानें रद्द, रूट डायवर्ट

राख के कारण अकासा एयर, इंडिगो और KLM जैसी कई एयरलाइंस ने कुछ उड़ानों को रद्द या डायवर्ट कर दिया है. इंडिगो की कन्नूर–अबू धाबी (6E 1433) की फ्लाइट को सोमवार को अहमदाबाद की ओर मोड़ दिया गया, ताकि किसी खतरे से बचा जा सके.

इतने साल बाद क्यों फटा ज्वालामुखी?

टूलूज वैक (Toulouse VAAC) के अनुसार रविवार की सुबह 8:30 बजे (UTC) यह ज्वालामुखी फटा. यह इथियोपिया के एर्टा एले रेंज में स्थित है और लगभग 10,000–12,000 साल से निष्क्रिय था. अचानक एक्टिव होने से इस विस्फोट ने दुनिया भर के मौसम और हवाई यातायात के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है.

आगे क्या हो सकता है?

मौसम एजेंसियों का कहना है कि अगर राख का घनत्व बढ़ा तो आने वाले समय में भारत में और उड़ानों पर असर पड़ सकता है. अधिकारी लगातार राख की दिशा और हवा की गति पर नजर बनाए हुए हैं.

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