1998 में कांग्रेस के कद्दावर नेता को हराने वाले BJP नेता शिवराम कुशवाहा का निधन, पूर्व CM वसुंधरा राजे के रहे करीबी

धौलपुर के पूर्व बीजेपी विधायक शिवराम कुशवाहा का जयपुर में कैंसर के इलाज के दौरान निधन हो गया. साधारण किसान परिवार से आए कुशवाहा 1998 से 2003 तक विधायक रहे. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें टिकट दिया था.

Shivram Kushwaha death
Shivram Kushwaha death

Umesh Mishra

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बीजेपी के पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा का सोमवार को जयपुर के एक अस्पताल में निधन हो गया. वह लंबे समय से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे और जयपुर में उनका उपचार चल रहा था. उनके निधन की खबर से राजस्थान के राजनीतिक गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है.

धौलपुर की राजनीति में एक साधारण पृष्ठभूमि से उठकर विधानसभा तक का सफर तय करने वाले कुशवाहा ने अपनी एक अमिट छाप छोड़ी है. निधन की खबर से धौलपुर और प्रदेशभर में राजनीतिक हलचल गमगीन हो गई.

शिवराम कुशवाहा की राजनीतिक यात्रा

शिवराम कुशवाहा धौलपुर जिले के भिलगवां गांव के रहने वाले थे और उनका जन्म एक किसान परिवार में हुआ था. उनकी शुरुआती राजनीति धौलपुर की पंचायत समिति की बसई सामंता ग्राम पंचायत से शुरू हुई थी, जहां वह पहली बार 1977 में सरपंच बने और दो बार यह पद संभाला.

उनकी ईमानदार छवि और कुशवाहा वोट बैंक पर मजबूत पकड़ को देखते हुए, तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने उन्हें 1998 के विधानसभा चुनाव में धौलपुर से बीजेपी का टिकट दिया था.

1998 में कांग्रेस के कद्दावर नेता को दी थी मात

1998 के विधानसभा चुनाव में शिवराम कुशवाहा ने एक बड़ी जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस के तत्कालीन राज्य मंत्री स्वर्गीय बनवारीलाल शर्मा को हराकर विधानसभा में प्रवेश किया था और 1998 से 2003 तक विधायक रहे. कुशवाहा की गिनती वसुंधरा राजे के करीबी नेताओं में होती थी. उन्होंने धौलपुर विधानसभा क्षेत्र से दो बार और बाड़ी से एक बार चुनाव लड़ा था.

विपक्ष में रहकर भी करवाया धौलपुर का विकास

शिवराम कुशवाहा को राजस्थान विधानसभा के सबसे ईमानदार और स्वच्छ छवि वाले विधायकों में गिना जाता है. उन्हें "झोपड़ी वाले विधायक" के नाम से भी जाना जाता था.

उनके कार्यकाल के दौरान, प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत थे. अपनी व्यक्तिगत ईमानदारी और छवि के कारण, कुशवाहा ने विपक्ष में रहते हुए भी धौलपुर के लिए रखे गए सभी प्रस्तावों पर मुख्यमंत्री गहलोत से काम करवाया था, और मुख्यमंत्री ने उन्हें काम के लिए 'फ्री हैंड' दिया था.

आज पैतृक गांव में होगा अंतिम संस्कार

पूर्व विधायक शिवराम कुशवाहा करीब 75 वर्ष के थे. वह कुशवाहा समाज में भी सक्रिय थे और धौलपुर कुशवाहा समाज के जिलाध्यक्ष और राजस्थान कुशवाहा समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष भी रहे.

उनके परिवार में उनकी पत्नी रामवती देवी, दो बेटे (मनोज कुशवाहा और शिवाकांत कुशवाहा) और तीन बेटियां हैं. उनके बेटे मनोज कुशवाहा ने बताया कि उनका पार्थिव शरीर दोपहर को उनके पैतृक गांव भिलगवां पहुंचेगा, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा और बड़े बेटे मनोज कुशवाहा मुखाग्नि देंगे.

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