Bank Manager Fraud News: लोग बैंक पर भरोसा कर अपनी जमा-पूंजी वहां रखते हैं लेकिन क्या होगा अगर बैंक वाले ही आपके पैसों का गलत(Fraud) इस्तेमाल करने लगे. इसी तरह का मामला राजस्थान के कोटा(Kota News) से सामने आया है. यहां बैंक के एक बड़े अधिकारी ने धोखाधड़ी करते हुए ग्राहकों के खातों(Bank Fraud Case) से करोड़ों रुपए निकाल लिए. मामले का खुलासा होते ही उस बैंक के खाता धारक परेशान हो गए. हालांकि पुलिस की त्वरित और सख्त कार्रवाई के कारण आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और कोर्ट में पेशी के बाद उसे जेल भेज दिया गया है.
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आखिर क्या है पूरा मामला?
दरअसल, ये पूरा मामला कोटा शहर के उद्योग नगर थाना क्षेत्र के डीसीएम इलाके का है. यहां ICICI बैंक की श्रीराम नगर शाखा में 4 करोड़ 58 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. इस मामले के खुलते ही धोखाधड़ी का आरोप बैंक मैनेजर ने तत्कालीन रिलेशनशिप मैनेजर साक्षी गुप्ता पर लगाया है. उसके बाद उद्योग नगर थाना पुलिस ने महिला बैंक मैनेजर को
गिरफ्तार कर लिया है. बैंक मैनेजर तरुण दाधीच ने साक्षी के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
ग्राहकों का पैसे शेयर मार्केट में लगाया
बैंक मैनेजर साक्षी गुप्ता जो उस समय तत्कालीन रिलेशनशिप मैनेजर थी उसने ग्राहकों के 110 से ज्यादा खातों से 3 करोड़ से अधिक रुपए ट्रांसफर किए. उसने कई ग्राहकों के मोबाइल नंबर तक बदल दिए, जिससे उनके पास ट्रांजैक्शन के मैसेज नहीं जा रहे थे.करीब ढाई साल तक गलत तरीके से रुपए निकालकर साक्षी ने शेयर बाजार में पैसे लगाती रही. उसने इसके साथ-साथ धोखा करके पर्सनल लोन भी पास करा लिया.
ऐसी खुली पोल
पुलिस जांच में सामने आया है कि बैंक के एक ग्राहक ने अपनी ₹1.50 लाख की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को लेकर जानकारी मांगी थी. जांच में खुलासा हुआ कि यह रकम ग्राहक की अनुमति के बिना किसी अन्य खाते में ट्रांसफर कर दी गई थी. बैंक की ही एक वरिष्ठ नागरिक महिला ग्राहक के खाते में ₹3.22 करोड़ की भारी रकम जमा की गई.
इसी खाते को आरोपी साक्षी ने एक 'पूल अकाउंट' की तरह इस्तेमाल किया. साक्षी ने बैंक ग्राहकों के डेबिट कार्ड, पिन और ओटीपी का गलत इस्तेमाल कर अनधिकृत ट्रांजैक्शन किए. इसके अलावा उसने 40 खातों में बिना अनुमति ओवरड्राफ्ट की सुविधा शुरू कर दी.
पुलिस जांच में हुआ ये खुलासा
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने 31 बैंक ग्राहकों की फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) समय से पहले बंद करवाईं और ₹1.34 करोड़ से अधिक की रकम अनधिकृत खातों में ट्रांसफर कर दी. इसके अलावा उसने धोखे से ₹3.40 लाख का पर्सनल लोन भी हासिल किया. कई मामलों में, साक्षी ने खाताधारकों के मोबाइल नंबर बदलकर अपने परिजनों के नंबर दर्ज करवा दिए, जिससे ओटीपी और अलर्ट असली ग्राहकों तक न पहुंच सकें.
ज्यादातर ट्रांजैक्शन इंस्टा कियोस्क और डिजिटल बैंकिंग प्लेटफॉर्म्स के जरिए किए गए. साथ ही, चार ग्राहकों के डेबिट कार्ड का उपयोग कर एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग से भी अवैध लेनदेन किया गया. डीमैट खातों में भी अवैध तरीके से रकम भेजी गई.
पुलिस ने बताई ये बात
उद्योग नगर थाने के एसआई इब्राहिम ने बताया कि 18 फरवरी को एक रिपोर्ट मिली थी. साक्षी गुप्ता 2020 से 2023 तक इस शाखा में थी. उस दौरान ग्राहकों के खातों से रुपए निकालती रही. जांच में ये भी पता चला कि साक्षी ने बैंक के कई खातों से रुपए दूसरे खाते में ट्रांसफर किए.
एक वृद्ध महिला के खाते में तो 15 फरवरी 2023 तक 3 करोड़ से अधिक रुपए ट्रांसफर किए. यह महिला खाते के बारे में ज्यादा नहीं जानती थी. हालांकि शेयर मार्केट में साक्षी को फायदा नहीं हुआ, बल्कि अधिकतर पैसे डूब गए. जांच के बाद पुलिस ने साक्षी गुप्ता को 31 मई को गिरफ्तार कर लिया. कोर्ट ने उसे एक दिन के रिमांड के बाद जेल भेज दिया.
आईसीआईसीआई बैंक ने दी ये प्रतिक्रिया
आईसीआईसीआई बैंक के प्रवक्ता ने कहा, “हमारे ग्राहकों के हित हमारे लिए सर्वोपरि हैं. जैसे ही हमें इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली, हमने तुरंत पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई. हमारा ऐसे किसी भी धोखाधड़ी वाले कार्य के प्रति जीरो-टॉलरेंस नीति है और इसी कारण संबंधित कर्मचारी को निलंबित कर दिया गया है. हम अपने ग्राहकों को यह आश्वस्त करना चाहते हैं कि प्रभावित ग्राहकों के सभी वास्तविक दावों का निपटारा कर दिया गया है.”
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