Bhilwara: राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. बिजोलिया थाना क्षेत्र के जंगल में सीता माता कुंड मंदिर के पास 20 दिन के एक नवजात को पत्थरों के बीच दबाकर छोड़ दिया गया. पुलिस ने इस मामले में बच्चे की मां और नाना को हिरासत में लिया है. मासूम को भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत में अब सुधार हो रहा है.
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क्या है पूरा मामला?
मंगलवार शाम को बिजोलिया के जंगल में एक मासूम को पत्थरों के बीच लावारिस हालत में छोड़ा गया था. बच्चे के मुंह में पत्थर ठूंसा गया था और फेविक्विक से उसका मुंह बंद कर दिया गया था. यह घटना तब सामने आई, जब जंगल में पशु चराने वाला एक व्यक्ति बच्चे की आवाज सुनकर मौके पर पहुंचा. उसने तुरंत ग्रामीणों और पुलिस को सूचना दी.
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को महात्मा गांधी अस्पताल के एनआईसीयू वार्ड में भर्ती कराया. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ ने बताया कि बच्चे की हालत गंभीर थी, लेकिन अब उसमें सुधार हो रहा है. डॉक्टर लगातार उसकी निगरानी कर रहे हैं.
पुलिस ने शुरू की जांच
भीलवाड़ा पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मांडलगढ़ पुलिस को सूचना मिली थी कि जंगल में एक नवजात को पत्थरों के बीच छोड़ा गया है. पुलिस ने मौके पर पहुंचकर बच्चे को अस्पताल पहुंचाया और मामले की जांच शुरू की. मांडलगढ़ पुलिस ने अज्ञात मां के खिलाफ धारा 93 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया.
पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और पिछले 20 दिनों में हुई डिलीवरी के रिकॉर्ड की जांच की. इस दौरान चित्तौड़गढ़ जिले के भैसरोडगढ़ थाना क्षेत्र की एक 22 वर्षीय युवती और उसके पिता को हिरासत में लिया गया. पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि अवैध संबंधों के कारण हुई बच्चे की पैदाइश को छुपाने के लिए उन्होंने इस क्रूर कदम को अंजाम दिया.
बच्चे की हालत में सुधार
महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती मासूम की हालत अब स्थिर हो रही है. डॉक्टरों की टीम उसका इलाज कर रही है. इस घटना ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है. लोग इस क्रूरता पर हैरानी जता रहे हैं और बच्चे के जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं.
पुलिस की आगे की कार्रवाई
मांडलगढ़ पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है. आरोपी मां और उसके पिता से पूछताछ जारी है. पुलिस अन्य संदिग्धों की तलाश में भी जुटी है. इस मामले ने समाज में मानवता और ममता जैसे मूल्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.
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