जैसलमेर के मोहनगढ़ क्षेत्र में ट्यूबवेल की बोरिंग के दौरान अचानक धरती फटी और पानी का फौव्वारा फूट पड़ा. पानी के साथ गैस भी निकल रही थी. 3 दिनों तक इतना पानी निकला का इलाका जलमग्न हो गया. पानी रिसाव बंद होने पर भू-जल विशेषज्ञों ने इसकी जांच की. जो खुलासा हुआ वो चौंकाने वाला था.
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एक्सपर्ट्स की मानें तो ये पानी 60 लाख साल पुराना है. माना जा रहा है कि ये पानी वैदिक काल से भी पहले का है. एक्सपर्ट ने ये भी कहा कि इसपर स्टडी करने की जरूरत है और इसके लिए यहां कुएं खोदने पड़ेंगे.
एक्सपर्ट ने क्या कहा?
सोमवार को सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड, IIT जोधपुर के साथ स्टेट ग्राउंड वाटर बोर्ड के प्रभारी व वरिष्ठ भुजल वैज्ञानिक डॉ. नारायण इनखिया के साथ जिला कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत समेत दूसरे अधिकारी मौके पर पहुंचे. वहां निकले सेंड को देखकर नारायण इनखिया ने कहा कि ये टर्सरी काल का है. इसका मतलब कि ये पानी 60 लाख साल पुराना हो सकता है.
इनखिया के मुताबिक भूगर्भ में जो पानी सेंडस्टोन की परत के नीचे इकट्ठा हुआ था उसका वाटर लेवल दूसरे पानी के बराबर होने के कारण पहले जो वाटर प्रेशर था उसके कम होना एक कारण हो सकता है. इसके अलावा जहां से पानी निकल ऊपर आ रहा था वहां पर चिकनी मिट्टी का जमा हो गई. संभावना है कि इस कारण से भी पानी आना बंद हो गया हो.
गड्ढे में धंसे ट्रक र क्रेन को ऐसे निकाला जाएगा
जिला प्रशासन नेओएनजीसी से क्राइसेस मैनेजमेंट टीम भिजवाने का अनुरोध किया है. माना जा रहा है कि क्रेनऔर ट्रक निकाला जाएगा तो कहीं ऐसा न हो कि पानी श्रोत फिर खुल जाए. ध्यान देने वाली बात है कि जिस स्थान पर ये घटना हुई है उस ब्लॉक को पहले ही ओएनजीसी को आबंटित किया जा चुका है.
गौरतलब है 28 दिसंबर की सुबह करीब 10 बजे जैसलमेर के मोहनगढ़ स्थित चक-27 BD के 3 जोरा माइनर के पास भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष विक्रम सिंह के खेत में बोरवेल की खुदाई की जा रही थी. करीब 850 फीट खुदाई के बाद अचानक तेज प्रेशर के साथ पानी निकलने लगा था.
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