केवल पांच से छह लाख रुपए दो और एक नई चमचमाती हुई स्कॉर्पियो गाड़ी लेकर जाओ. सोशल मीडिया पर ये ऐड देखते ही लोग टूट पड़े. फिर हो गया एक बड़ा खेल. जयपुर में 12वीं फेल एक शातिर ने एक षडयंत्र रचा कि अच्छे-अच्छे पढ़े लिखे लोग इसके चक्कर में आ गए और अपनी जिंदगी की गाढ़ी कमाई पलभर में ही गंवा बैठे.
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इस शातिर ने सिर्फ 6 लाख में स्कॉर्पियो देने की बात कही तो इसके चक्कर में ढाई सौ लोग फंस गए. इधर ठग ने कर डाला करोड़ों का खेल. ठगी की हैरान करने वाली ये कहानी विस्तार से जानिए....
राजस्थान के 'नटवरलाल' की करतूत ने फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपए की ठगी कर दी. ठगी करने वाले जालसाज प्रिंस सैनी को उसके दो साथियों ममता भाटी और दिनेश बागड़ी के साथ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी ने निवेशकों को मोटा रिटर्न और SUV देने का झांसा देकर 50 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी कर डाली.
12वीं फेल और काम करोड़ों की ठगी
जयपुर जिले का रहने वाला प्रिंस सैनी 12वीं फेल है, लेकिन इसका शातिर दिमाग कंप्युटर से भी ज्यादा तेज चलता है. प्रिंस सैनी लोगों को निवेश के बदले मोटे मुनाफे का लालच देता था. साथ ही उन्हें एसयूवी कार देने का वायदा करता था.
ऐसे हुआ खुलासा
स्कार्पियो देने का वादा करने वाले प्रिंस ने जब डिलीवरी देने में देर लगाई ,तो लोगों को शक होने लगा और लोग अपनी शिकायतें लेकर पुलिस के पास पहुंच गए. बस फिर क्या था एसओजी ने प्रिंस की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी. ये एसओजी के जाल में अपने दो साथियों के साथ आ फंसा.
प्रिंस ने बनाई कई फर्जी कंपनियां
प्रिंस ने लोगों को ठगने के लिए कई फर्जी कंपनियां भी बना रखी थीं. सोशल मीडिया पर ये अपने ऐसे वीडियो डालता था कि कोई भी इसके झांसे में फंस जाए. ये बड़े-बड़े सेमीनार करता था. कम पढ़ा लिखा होने के बावजूद ये कई बड़े मंचों पर फुल कॉन्फिडेंस से साथ ऐसे भाषण देता था कि अच्छे अच्छे लोग इसके चक्कर में फंस जाते थे. अपनी इसी कलाकारी से इसने सैकड़ों लोगों की जिंदगी की पूरी कमाई उनकी जेब से निकाल ली.
प्रिंस ने ट्रोनेक्स वर्ल्ड और एक चेन-सिस्टम सॉफ्टवेयर कंपनी बनाई. इन कंपनियों के जरिए उसने 54 लोगों से साढ़े छह लाख रुपए की ठगी कर ली. साल 2022 में प्रिंस सैनी ने ग्रो मोर एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड शुरू की. जिसमें 2200 छात्रों से ऑनलाइन कोचिंग के नाम पर 3000 रु सालाना की फीस जमा करवाई गई. इस तरह छात्रों से कुल 66 लाख रुपये ठगे गए.
इसके बाद उसने ग्रुमर एजुकेशन और हार्वेस्ट एआई टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर निवेशकों को 96 से 120 फीसदी रिटर्न और एसयूवी का वादा करके 250 लोगों से 15 करोड़ रुपए जुटाए. हालांकि, जांच के दौरान उसके बैंक खातों में केवल 2.5 लाख रुपए मिले. इससे यह साफ हुआ कि उसने देश छोड़ने की योजना बनाई थी. इस जालसाजी में उसके दो साथी ममता भाटी और दिनेश बागड़ी भी शामिल थे.
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