Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा में 83वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने न्यायपालिका को खरी-खरी सुनाई. धनखड़ ने साफ शब्दों में कह दिया कि संसद की कानून बनाने की शक्ति को न्यायपालिका कतई खारिज नहीं कर सकती.
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इस मामले में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने उपराष्ट्रपति की बात से पूरी तरह सहमति जताते हुए कहा कि सबको अपने अधिकार क्षेत्र में रहकर ही काम करना चाहिए. इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि सबको अपने अधिकारों का ज्ञान है और इसका सही उपयोग भी होना चाहिए. सीएम अशोक गहलोत ने भी न्यायपालिका पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि वो न्यायपालिका का पूरा सम्मान करते हैं. लेकिन कभी-कभी सरकार के काम में दखल दिया जाता है, जिससे सरकार की परेशानी भी बढ़ती है.
जिसके बाद धनखड़ और ओम बिरला का कहना था कि विधायिका ने हमेशा न्यायपालिका की शक्तियों और अधिकारों का सम्मान किया है. न्यायपालिका को भी मर्यादा का पालन करना चाहिए. उम्मीद की जाती है कि उसे जो संवैधानिक अधिकार मिले हैं, उनके उपयोग में संतुलन बना रहे. क्योंकि सभी लोगों के मिल-जुलकर काम करने से ही देश का संविधान भी मजबूत रहेगा.
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