साल 2018 में MP, Chhattisgarh और Rajasthan में कांग्रेस की सरकार बनी. सरकार बनने के साथ ही तीनों राज्यों की सियासत में ढाई-साल वाले फार्मूले की चर्चा छिड़ गई. चर्चा ने ऐसा जोर पकड़ा कि मध्य प्रदेश में महज 2 साल में ही कांग्रेस की सरकार गिर गई. राजस्थान में भी विधायकों की बाड़ेबंदी हुई और नतीजा नहीं निकल पाया. उल्टे सचिन पायलट पर उपमुख्यमंत्री का पद गंवाना पड़ा. छत्तीसगढ़ में मामला सुगबुगाहट तक ही सीमित रह गया. अब ये फार्मूला कर्नाटक की कांग्रेस सरकार में खूब चर्चा में है.
ADVERTISEMENT
एजेंडा आजतक के मंच पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और युवा नेता सचिन पायलट से इस फार्मूले पर सवाल पूछा गया. दिग्विजय सिंह ने तो साफ कह दिया- 'ये जो बात होती है ढाई-ढाई साल की, ये बिल्कुल इम्प्रैक्टिकल है और वहां पर शुरू से ही स्पष्ट रहा हूं कि लोकतांत्रिक तरीके से विधायकों के बीच से मुख्यमंत्री का चयन होना चाहिए. जिसके पास ज्यादा विधायक हैं वह मुख्यमंत्री जो नंबर दो पर है वह उप मुख्यमंत्री रहेगा. उस उप मुख्यमंत्री को जो पोर्टफोलियो चाहिए वो देना चाहिए. मैं ढाई-ढाई साल के शेयरिंग ऑफ टाइम के पक्ष में नहीं हूं. ये इंप्रैक्टिकल है.
ढाई-ढाई साल वाले फार्मूले पर बोले पायलट
सचिन पायलट से जब इसपर सवाल किया गया तो उन्होंने साफ कह दिया- ''दिग्विजय सिंह जी को हो गए 50 साल राजनीति में। वो स्टेटमेंट दे सकते हैं। मैं तो इस पर कोई कमेंट करने वाला हूं नहीं.'' इस के बाद ठहाके लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने सचिन पायलट की पीठ थपथपा दी.
DK शिवकुमार ने सोनिया गांधी का मिसाल देकर 'सत्ता त्याग' की कह दी बात, बोले-जल्दबाजी में नहीं हूं.
जब सचिन पायलट से इसपर दोबारा सवाल किया गया तो वे बोले- ''आपको बताऊं... आप कर्नाटक की आप बात कर रहे हैं. कर्नाटक की बात आपने करी...मुख्यमंत्री सिद्धारमैया हों या डी के शिव कुमार हों...उन दोनों के मुंह से आज तक आपने कभी सुना है कि हम पार्टी की बात को मानने वाले नहीं है या पार्टी के निर्णय को अस्वीकार करेंगे. ठीक है...किसी की एंबिशन होगी, फिर भी किसी ने कुछ कहा ? जो पार्टी डिसाइड करेगी वह सब मानने को तैयार हैं.''
यहां देखे ये पूरा वीडियो
यह भी पढ़ें:
राजस्थान: गहलोत Vs पायलट पॉलिटिकल ड्रामा की इनसाइड स्टोरी...एपिसोड- 1
राजस्थान: गहलोत Vs पायलट पॉलिटिकल ड्रामा की इनसाइड स्टोरी...एपिसोड 2
ADVERTISEMENT

