राजस्थान में भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर नागौर जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित का एक आदेश चर्चा का विषय बन गया है. कलेक्टर ने जिले के सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सरकार की दो साल की उपलब्धियों और योजनाओं से जुड़ी जानकारियों को सोशल मीडिया पर एक्स पर 'री-ट्वीट' और शेयर करें.
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क्या है कलेक्टर का आधिकारिक निर्देश?
कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि सरकार के दो साल के कार्यकाल की सफलता और जनहितकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाना जरूरी है. आदेश में हिदायत दी गई है कि जिले के सभी अधिकारी इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करेंगे.
आदेश के पीछे की वजह
सोशल मीडिया पर जब यह आदेश चर्चा में आया तो कलेक्टर ने इस पर सफाई देते हुए बताया कि कई कर्मचारी तकनीकी रूप से उतने दक्ष नहीं हैं. उन्हें नहीं पता होता कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर 'ट्वीट' या 'री-ट्वीट' कैसे किया जाता है. इसी समस्या को देखते हुए जनसंपर्क अधिकारी (PRO) के प्रस्ताव पर यह आदेश जारी किया गया, ताकि कर्मचारियों को काम करने का तरीका समझाया जा सके. कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि यह आदेश केवल कर्मचारियों को मार्गदर्शन देने के लिए जारी किया गया है, क्योंकि सोशल मीडिया एक तकनीकी माध्यम है.
जिला जनसंपर्क अधिकारी मनीष जैन के बताया कियह अधिकारियों पर कोई व्यक्तिगत दबाव नहीं है बल्कि यह एक राजकीय उत्तरदायित्व है. जैसे ऑफिस में समय पर आना ड्यूटी है, वैसे ही सरकार की योजनाओं को जनता तक पहुंचाना भी एक कर्तव्य है.
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