Rajasthan: राजस्थान में विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Election) के लिए आचार संहिता (Code of Conduct in Rajasthan) लग चुकी है. ऐसे में प्रदेश में चल रही 16 हजार 333 पदों की भर्ती प्रक्रिया अब लटक गई है. ऐसे में हजारों युवा परेशान है. फिर से भर्ती प्रक्रिया शुरू होने में अब समय लग सकता है. इस दौरान तैयारी कर रहे युवाओं को कई तरह की परेशानियों का सामना भी करना पड़ेगा.
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राजस्थान में हजारों युवा सरकारी नौकरी के लिए साल भर तैयारी करते हैं. युवाओं के अभिभावक अपनी जमीन गिरवी रखकर बच्चों की पढ़ाई करवाते हैं. तो उसके बाद आए दिन पेपर आउट होने व न्यायालय की रोक के मामले सामने आते हैं. लंबे इंतजार के बाद सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होती है. लेकिन कई कारणों से पूरी प्रक्रियाएं रुक जाती है. एक बार फिर से युवाओं को सरकारी भर्ती के लिए इंतजार करना होगा. क्योंकि राजस्थान में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है प्रदेश में आचार संहिता लग चुकी है. ऐसे में 16 हजार से ज्यादा पदों पर हो रही विभिन्न विभागों की भर्ती प्रक्रियाएं अब रुक गई है.
इन भर्तियों पर लटकी तलवार
प्रमुख तौर पर कनिष्ठ अनुदेशक के 2500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है. जो अब अटक चुकी है. इसी तरह से एलडीसी के 3886 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकी है. स्कूल व्याख्याता के 2000, वरिष्ठ अध्यापक के 1000, लाइब्रेरियन के 800, राजस्व विभाग के 2998 पटवारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया अटकी है. नायब तहसीलदार के 225 पद, महिला अधिकारिता सुपरवाइजर के 176 पद, महिला बाल विकास विभाग के 209 पद, जल संसाधन में पटवारी के 272 पद, साथ ही सामाजिक न्याय अधिकारिता ग्रेड दो के 335 पद, जेईएन के 224 पद, एईएन के 737 पद, पंचायती राज विभाग में जेईएन के 550 पदों पर भर्ती प्रक्रिया अब अट चुकी है. इसमें से कई भर्ती प्रतिक्रिया एजेंसी के पास पहुंच गई थी. तो कुछ की वित्तीय स्वीकृति मिल चुकी थी. इसके अलावा स्टेनोग्राफर, सहायक स्टेनोग्राफर, पर्यटन अधिकारी सहित विभिन्न सरकारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया के लिए अभी युवाओं को खास इंतजार करना होगा.
आचार संहिता के नौकरी में देरी
प्रदेश में इसके अलावा कई ऐसे पद हैं जिन पर अभी आवेदन प्रक्रिया चल रही है. इसमें सांख्यिकी अधिकारी के 72 पदों के अलावा सरकारी विभागों की प्रक्रिया शामिल है. साथ ही सरकार ने इस साल बजट में एक लाख पदों पर भर्ती की घोषणा की थी. लेकिन अभी तक सरकार द्वारा कोई जानकारी जारी की गई. हालांकि आचार संहिता लगने से पहले सरकार की तरफ से आनन-फानन में कई सरकारी विभागों में भर्ती प्रक्रिया शुरू की. लेकिन उसको लेकर भी कोई फैसला नहीं लिया. ऐसे में साफ है कि प्रदेश के युवाओं को अब सरकारी नौकरी के लिए थोड़ा इंतजार करना होगा.
आचार संहिता में व्यस्त रहता है सरकारी तंत्र
चुनाव आचार संहिता के दौरान पूरा सरकारी तंत्र व्यस्त रहता है. चुनाव कराए जाते हैं. कॉलेज स्कूलों में पोलिंग बूथ बनाए जाते हैं. तो शिक्षा विभाग से लेकर सभी विभागों को चुनाव में शामिल किया जाता है. इसलिए सारी प्रक्रियाएं इस दौरान रुक जाती है.
कुछ भर्तियों पर लग सकता है विराम
सरकारी विभागों में चल रही कुछ भर्ती पर रोक भी लग सकती है. क्योंकि चुनाव के बाद आने वाली सरकार पर निर्भर करेगा कि वो भर्ती प्रक्रिया को जारी रखेगी या भर्ती प्रक्रिया को रोक दिया जाएगा. ऐसे में युवाओं की मेहनत खराब हो सकती है. साथ ही युवाओं को आर्थिक रूप से भी नुकसान झेलना पड़ सकता है.
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