Rajasthan: भगवान को 'लू' से बचाने की कोशिश, पिलाई जा रही छाछ-राबड़ी और ठंड़ाई, डाइट में किया जरूरी बदलाव

Rajasthan: राजस्थान में गर्मी का भीषण प्रकोप देखने को मिल रहा है. अब प्रदेश का अधिकतम पारा 50.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. प्रदेश में लू के चलते कई लोगों की जान चुकी है.

Rajasthan: भगवान को 'लू' से बचाने की कोशिश, पिलाई जा रही छाछ-राबड़ी और ठंड़ाई, डाइट में किया जरूरी बदलाव
Rajasthan: भगवान को 'लू' से बचाने की कोशिश, पिलाई जा रही छाछ-राबड़ी और ठंड़ाई, डाइट में किया जरूरी बदलाव

Himanshu Sharma

• 09:26 AM • 29 May 2024

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Rajasthan: राजस्थान में गर्मी का भीषण प्रकोप देखने को मिल रहा है. अब प्रदेश का अधिकतम पारा 50.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है. प्रदेश में लू के चलते कई लोगों की जान चुकी है. ऐसे में अब मंदिरों में भगवान को लू और गर्मी से बचाने के लिए भक्तों ने उनकी डाइट में बदलाव किया है. 

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अलवर के मंदिरों में भगवान को गर्मी से बचाने के लिए कूलर व एसी लगाए गए हैं. इसके अलावा भगवान की डाइट में भी बदलाव किया गया है. अब भगवान को सुबह के समय राबड़ी और छाछ का भोग लगता है. तो रात के समय दूध के भोग में ठंडाई और सोंप मिलाई जाती है.

भगवान को लू से बचाने की कोशिश

अलवर का तापमान 47 डिग्री से ज्यादा हो चुका है तो राजस्थान के कई जिलों में तापमान 50 डिग्री से ऊपर पहुंच चुका है. भीषण गर्मी से बचने के लिए लोग तरल पदार्थ का सेवन कर रहे हैं. दिन के समय काम करने की जगह आराम करते हैं. घरों में लोग कूलर एसी के आगे बैठे रहते हैं. बाजार में एसी की कमी हो रही है. कई साल बाद गर्मी अपना असर दिखा रही है. ऐसे में भीषण गर्मी से अब भगवान को भी पसीना छूटने लगा है. अलवर के त्रिपोलिया महादेव मंदिर, वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर, जगन्नाथ मंदिर और लक्ष्मी नारायण मंदिर में कूलर व एसी लगाए गए. भगवान के साथ ही मंदिरों में आने वाले भक्तों के लिए भी कूलर की व्यवस्था की गई है.

मंदिर में कूलर, एसी  लगे

मंदिर में कूलर, एसी के साथ ही भगवान के डाइट में भी बदलाव किया गया है. अब भगवान को गर्मी के हिसाब से खाद्य पदार्थ के भोग लगे जा रहे हैं. सुबह के समय राबड़ी, छाछ, सत्तू की ठंडाई का भोग लगता है. दिन के समय फल व और रात को ठंडाई वाले दूध का भोग लगाया जाता है. वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर के पुजारी ने कहा कि मंदिर में भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के बाद मूर्ति में प्राण आ जाते हैं. जिस तरह से बच्चों को मां संभल कर रखती है. सर्दी में गर्म कपड़े पहनाती है व गर्मी के मौसम में गर्मी से बचाकर रखती है. उसके खाने पीने का ध्यान रखती है. इस तरह से भगवान का भी ध्यान रखा जाता है. मौसम के अनुसार भगवान को खाद्य सामग्री का भोग लगाया जाता है.

डाइट चार्ट में गर्मियों के फल व सब्जी शामिल

मौसम के साथ भगवान का डाइट चार्ट भी बदल जाती है. इस समय गर्मी के मौसम में भगवान को राबड़ी, छाछ, दही, सत्तू का शरबत, ककड़ी, हीरे, आम, तरबूज, खरबूजा सहित मौसमी फलों व सब्जियों का भोग लगाया जाता है.
 

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