Rajasthan Election: बचपन-जवानी साथ बताई, IAS-IPS भी साथ बनें, अब कांग्रेस-बीजेपी की टिकट पर दोनों आमने-सामने

Rajasthan Election: राजस्थान चुनाव में कई रंग देखने को मिल रहे हैं. कहीं पति-पत्नी आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. तो कहीं पत्नी का टिकट काटकर पति को टिकट दिया गया. इन सब के बीच एक अनोखा मामला भी सामने आया है. जयपुर की बस्सी विधानसभा सीट इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई है. […]

Rajasthan Election: बचपन-जवानी साथ बताई, IAS-IPS भी साथ बनें, अब कांग्रेस-बीजेपी की टिकट पर दोनों आमने-सामने
Rajasthan Election: बचपन-जवानी साथ बताई, IAS-IPS भी साथ बनें, अब कांग्रेस-बीजेपी की टिकट पर दोनों आमने-सामने

Himanshu Sharma

01 Nov 2023 (अपडेटेड: 01 Nov 2023, 08:29 AM)

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Rajasthan Election: राजस्थान चुनाव में कई रंग देखने को मिल रहे हैं. कहीं पति-पत्नी आमने-सामने चुनाव लड़ रहे हैं. तो कहीं पत्नी का टिकट काटकर पति को टिकट दिया गया. इन सब के बीच एक अनोखा मामला भी सामने आया है. जयपुर की बस्सी विधानसभा सीट इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में बनी हुई है. इस सीट से कांग्रेस ने रिटर्न आईपीएस लक्ष्मण मीणा (IPS Laxman Meena) को चुनाव मैदान में उतारा है. तो भाजपा ने रिटायर्ड आईएएस चंद्र मोहन मीणा (IAS Chandra Mohan Meena) को टिकट दिया है. यह पहला मौका है, जब दोनों प्रमुख दलों ने पूर्व आईएएस व आईपीएस को आमने-सामने चुनाव मैदान में उतारा है. इन सब के बीच दोनों में रोचक है, दोनों प्रत्याशियों का पुराना रिश्ता है.

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दोनों ने साथ की पढ़ाई

चंद्र मोहन मीणा व लक्ष्मण मीणा दोनों आपस में रिश्तेदार हैं. दोनों के गांव आसपास है. उम्र में लक्ष्मण मीणा थोड़े बड़े हैं. लेकिन दोनों ने एक साथ स्कूल में पढ़ाई की. तो उसके बाद दोनों साथ-साथ कॉलेज गए. लक्ष्मण दूंगा क्षेत्र के सिया काबास गांव के रहने वाले हैं. तो चंद्र मोहन जयराम का बास गांव के हैं. लक्ष्मण मीणा ने वीआरएस लेकर 2009 में राजनीति ज्वॉइन की. तो चंद्र मोहन 2014 में रिटायर हुए और उसके बाद वो भी राजनीति में आ गए. राज्य सरकार में उन्हें 2015 से 2019 तक सूचना आयुक्त बनाया गया. चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा ज्वॉइन की और टिकट मिल गया. चंद्र मोहन 1980 तो लक्ष्मण 1982 बैच के अधिकारी हैं. जालौर में 1988 से 1990 तक चंद्रमा कलेक्टर रहे. उस समय लक्ष्मण एसपी थे. बीकानेर में 2000 से 2002 तक चंद्र मोहन डीसी रहे. तो लक्ष्मी मीणा उस दौरान आईजी का पद संभाल रहे थे. अब दोनों एक साथ चुनाव लड़ रहे हैं. तो सब की निगाहें इन पार्टी की हुई है.

बस्ती विधानसभा सीट पर क्या है मतदाताओं के हालात

बस्सी विधानसभा सीट पर 2 लाख 33 हजार 74 मतदाता हैं. इसमें 1 लाख 21 हजार 481 पुरुष वोट हैं. जबकि 1 लाख 11 हजार 293 महिला वोटर है. इस बार 15 हजार 648 नए वोट जुड़े हैं. तो इस विधानसभा सीट पर मीणा समाज के करीब 50,000 मतदाता है. पिछले तीन चुनाव का नजर डालें तो 2008 में 2013 में यहां से निर्दलीय अंजू धानका ने जीत दर्ज की. पिछला चुनाव लक्ष्मण मीणा निर्दलीय लड़े और जीत गए. पिछले चुनाव को छोड़ दे तो 2008 में 2003 में यहां भाजपा व कांग्रेस नहीं जीत पाई. इससे पहले 1993 से 2003 तक कन्हैया लाल भाजपा के टिकट पर जीते. हालांकि 1990 में उनकी इस सीट पर एंटी निर्दलीय जीतने से हुई. उससे पहले भी दो चुनाव में यहां कांग्रेस के जगदीश तिवारी विधायक रह चुके हैं.

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