राजस्थान में विधायक निधि को लेकर सामने आए कथित भ्रष्टाचार के वायरल वीडियो ने शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा दिया है. वायरल वीडियो के बाद विभाग ने सख्त एक्शन लेते हुए बड़ी कार्रवाई की है. शिक्षा विभाग ने 10 फीसदी कमीशन की कथित डील में फंसे दो अफसरों को तत्काल सस्पेंड कर दिया है.
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हिंडौन विधायक अनीता जाटव और खींवसर विधायक रेवंतराम डांगा की अनुशंसा पर विधायक निधि के कामों के लिए वर्क ऑर्डर जारी करने के एवज में कमीशन मांगने का आरोप करौली के जिला शिक्षा अधिकारी पुष्पेंद्र शर्मा और मुंडवा के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कैलाश राम पर लगा है. वीडियो सामने आने के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया और अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है.
शिक्षा विभाग के संयुक्त शासन सचिव महेंद्र खींची की ओर से जारी आदेश के अनुसार करौली के डीईओ पुष्पेंद्र शर्मा को निलंबित कर दिया गया है. निलंबन अवधि के दौरान उनका मुख्यालय बीकानेर निर्धारित किया गया है. खास बात यह रही कि विभाग ने पहले उन्हें एपीओ करने का आदेश जारी किया था, लेकिन देर शाम आदेश में संशोधन कर सीधे सस्पेंशन की कार्रवाई की गई, जिससे विभाग के सख्त तेवर साफ नजर आए.
वहीं दूसरी ओर शिक्षा निदेशक सीताराम जाट ने मुंडवा के सीबीईओ कैलाश राम को भी निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं. निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय बांसवाड़ा रहेगा. बताया जा रहा है कि कैलाश राम को विधायक रेवंतराम डांगा ने कार्यकारी एजेंसी बनाया था, जबकि पुष्पेंद्र शर्मा को विधायक अनीता जाटव की ओर से यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी. वायरल वीडियो में दोनों अफसरों पर विधायक निधि के कार्यों के लिए अनुशंसा पत्रों पर वर्क ऑर्डर जारी करने और अन्य प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाने के बदले 10 फीसदी कमीशन की डील तय करते हुए दिखने का दावा किया गया है. फिलहाल शिक्षा विभाग की इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि पूरे मामले में आगे जांच और अन्य संभावित एक्शन पर भी सबकी नजरें टिकी हुई हैं.
क्या है पूरा मामला?
14 दिसंबर को प्रकाशित दैनिक भास्कर के स्टिंग ऑपरेशन में दावा किया गया है कि इनके रिपोर्टर ने एक डमी फर्म का प्रोपराइटर बनकर खींवसर से भाजपा विधायक रेवंतराम डांगा, हिंडौन से कांग्रेस की अनीता जाटव और बयाना (भरतपुर) से निर्दलीय विधायक ऋतु बनावत से संपर्क किया. दावा किया गया कि BJP विधायक डागा ने कहा कि 40 फीसदी दो तो 50 लाख का काम विधायक फंड से दे दूंगा. कांग्रेस विधायक अनीता जाटव पर आरोप है कि उन्होंने 50 हजार रुपए लिए और 80 लाख के काम का लेटर जारी कर दिया. निर्दलीय विधायक ऋतु के पति ने 40 लाख की डील की.
अफसरों तक पहुंचा मामला
लेटर जारी करने के बाद अब कार्यकारी एजेंसी बनानी थी. डांगा ने खींवसर व मूंडवा के मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) को कार्यकारी एजेंसी बनाया और रिपोर्टर को वहां भेजा. अनीता जाटव ने करौली के जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को कार्यकारी एजेंसी बनाया. डीईओ (प्रारंभिक) पुष्पेंद्र शर्मा ने अनीता जाटव का लेटर देखने के बाद 10 फीसदी पर डील फाइल की. मूंडवा सीबीईओ कैलाशराम ने BJP विधायक का लेटर देखने के बाद 5 फीसदी कमीशन और एक दरी पर डील फाइनल की.
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