राजस्थान में ‘राठ’ क्षेत्र के अलग हैं ठाठ, कई दिग्गज मंत्रियों का रहा है दबदबा, शिक्षा के क्षेत्र में में भी नाम आगे 

Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में विधानसभा चुनाव कि सरगर्मी तेज हो रही है. भाजपा ने 41 उम्मीदवार की सूची जारी की है. तो कांग्रेस भी जल्द ही प्रत्याशियों की सूची जारी करने की तैयारी कर रही है. इन सब के बीच राजस्थान के राजनीति में राठ की राजनीति का हमेशा से महत्व रहा है. काशीराम […]

राजस्थान में 'राठ' क्षेत्र के अलग हैं ठाठ, कई दिग्गज मंत्रियों का रहा है दबदबा, शिक्षा के क्षेत्र
राजस्थान में 'राठ' क्षेत्र के अलग हैं ठाठ, कई दिग्गज मंत्रियों का रहा है दबदबा, शिक्षा के क्षेत्र

Himanshu Sharma

15 Oct 2023 (अपडेटेड: 15 Oct 2023, 08:38 AM)

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Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में विधानसभा चुनाव कि सरगर्मी तेज हो रही है. भाजपा ने 41 उम्मीदवार की सूची जारी की है. तो कांग्रेस भी जल्द ही प्रत्याशियों की सूची जारी करने की तैयारी कर रही है. इन सब के बीच राजस्थान के राजनीति में राठ की राजनीति का हमेशा से महत्व रहा है. काशीराम यादव से लेकर बालक नाथ तक राठ की राजनीति के हिस्से रहे हैं. राजस्थान के साथ पूरे देश की राजनीति में राठ क्षेत्र की अलग पहचान है.

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देश में आपातकाल के बाद हुए विधानसभा चुनाव में बहरोड़ से भवानी सिंह यादव चुने गए. उस समय चुनाव से पहले यादव ने लोगों से बड़े-बड़े दावे किए. लेकिन चुनाव के बाद उन पर खरे नहीं उतर पाए. उसके बाद से रोजगार की बात हो या तेजी से बढ़ते अपराध की. राठ का क्षेत्र हमेशा से चर्चा में रहा है. राजस्थान विधानसभा चुनाव में राठ की राजनीति खासी अहमियत रखती है.

इन नेताओं का रहा दबदबा

राठ क्षेत्र में बहरोड़, मुडांवर, बानसूर विधानसभा क्षेत्र आता है. इस क्षेत्र की राजनीति में काशीराम यादव, आमिर लाल यादव, सुजान सिंह यादव, भवानी सिंह यादव, महिलाल सिंह यादव, डॉक्टर करण सिंह यादव, जसवंत यादव, महंत चांद नाथ, धर्मपाल चौधरी, मेजर ओपी यादव, जगत सिंह दायमा, डॉ रोहिताश शर्मा, शकुंतला रावत, बलजीत यादव, बाबा बालक नाथ सहित अनेक नाम हमेशा चर्चा में रहे हैं.विधानसभा चुनाव हो या लोकसभा चुनाव सभी में राठ क्षेत्र का हस्तक्षेप रहता है.  वैसे तो राठ क्षेत्र का मतलब यादव बाहुल्य क्षेत्र है. लेकिन अब क्षेत्र में जाट, गुर्जर सहित अन्य नेताओं का भी हस्तक्षेप बढ़ने लगा है. इसीलिए भाजपा हो या कांग्रेस सभी पार्टियों राठ क्षेत्र में दमखम भरती हैं. ऐसे में देखना होगा की राजनीति में ऊंट किस करवट बैठता है व राठ क्षेत्र में किसका दबाव रहता है. 2018 के विधानसभा चुनावों में बहरोड़ से निर्दलीय बलजीत यादव चुनाव जीते थे. वहीं इस सीट से 2013 जसवंत यादव वसुंधरा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे. इससे पहले कांग्रेस के डॉ. करणसिंह यादव भी यहां से विधायक रहे.

राठ क्षेत्र है एडवांस

राठ क्षेत्र शिक्षा व डेवलपमेंट के मामले में अन्य क्षेत्रों से एडवांस है. यह क्षेत्र देश की राजधानी दिल्ली से लगता हुआ है. इसलिए इस क्षेत्र में बड़ी-बड़ी औद्योगिक इकाईयां हैं. जिनमें हजारों लोग काम करते हैं. जमीनों के सबसे ज्यादा भाव राजस्थान के इस क्षेत्र में हैं. तो पैदावार भी इस क्षेत्र में बेहतर होती है. इसलिए विराट क्षेत्र के लोग पैसे से भी समृद्ध होते हैं.

नए जिलों का पड़ेगा प्रभाव

राठ क्षेत्र को अलग-अलग जिलों में बांटा गया है. खैरथल भिवाड़ी जिला बनने के बाद बानसूर और कुछ मुंडावर क्षेत्र को शामिल किया गया है. जबकि कोटपूतली बहरोड़ जिले में बानसूर, कोटपूतली, बहरोड़, नीमराना क्षेत्र को शामिल किया गया है. हालांकि अभी विधानसभा चुनाव पुराने जिलों के हिसाब से हो रहे हैं. लेकिन 5 साल बाद चुनाव में राठ क्षेत्र का दबदबा बढ़ेगा व राजस्थान में राठ का प्रतिनिधित्व भी बढ़ेगा.

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