भारत में UPI से पेमेंट करने का चलन बढ़ता जा रहा है. अब ज्यादातर लोग अपने साथ कैश लेकर चलने से ज्यादा UPI से पेमेंट करना पसंद कर रहे हैं. इस तरह के पेमेंट के लिए आपको 4 या 6 अंक का PIN डालना पड़ता है, लेकिन जल्द ही यह तरीका बदलने वाला है.
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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, NPCI (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया) UPI के जरिए की जाने वाली पेमेंट सर्विस को और भी ज्यादा सिक्योर और आसान बनाने के लिए नया तरीका यानी 'फेस ID' या 'फिंगरप्रिंट' ला सकता है.
कैसे काम करेगा यह सिस्टम?
Business Standard की एक रिपोर्ट के मुताबिक, NPCI यूपीआई को बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से लिंक करना चाहता है. दरअस भारत में आजकल लगभग हर किसी के पास ऐसा स्मार्टफोन है जिसमें फिंगरप्रिंट अनलॉक या फेस अनलॉक मौजूद होता है और ये दो तरीके ऐसे हैं जिसका डुप्लिकेट करना लगभग असंभव है.
अगर UPI करते वक्त हम PIN की जगह फिंगर प्रिंट या फेस आईडी का इस्तेमाल कर पाएंगे तो न केवल पेमेंट करना और आसान हो जाएगा. बल्कि फोन चोरी होने या हैक होने की स्थिति में भी आपके पैसे सेफ होंगे.
कौन-कौन सी ऐप होंगी शामिल?
UPI सर्विस देने वाली थर्ड-पार्टी ऐप को एक बायोमेट्रिक सिस्टम इंटीग्रेट करना पड़ेगा. हालांकि यह काम बहुत मुश्किल नहीं है क्योंकि आजकल ज्यादातर ऐप में फेस ID या फिंगरप्रिंट से लॉक करने का ऑप्शन पहले से होता है.
वर्तमान में ही Paytm, Google Pay और PhonePe जैसी कई UPI पेमेंट सर्विस देने वाली ऐप ऐसी है जो बॉयोमेट्रिक लॉक को सपोर्ट करती है.
ऐसे में NPCI इन ऐप डेवलपर्स के साथ मिलकर पेमेंट करते वक्त भी बायोमैट्रिक ऐप लगाने पर काम कर सकती है.
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