एक 2 साल पुराने वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा है. उस वीडियो में सपा प्रमुख अखिलेश यादव कथा वाचक अनिरुद्धाचार्य को ये कहते हुए दिख रहे हैं कि चलिए...यहीं मेरा और आपका रास्ता अलग-अलग हो गया.' इस वीडियो के वायरल होने के बाद अनिरुद्धाचार्य ट्रोल हो गए.
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इस पूरे मामले पर अनिरुद्धाचार्य ने पलटवार किया है. उन्होंने अपने कथावाचन के दौरान इस पूरे वाकए का जिक्र करते हुए अखिलेश यादव का नाम लिए बिना उनपर हमला बोला है. अनिरुद्धाचार्य ने साफ कह दिया- ' नेता तो ऐसे ही कहते हैं कि मेरा रास्ता अलग-तुम्हारा रास्ता अलग. वे मुसलमानों से नहीं कहते हैं कि तुम्हारा रास्ता अलग. उनसे तो कहेंगे- 'हमारा तुम्हारा रास्ता एक.'
वायरल वीडियो में अखिलेश यादव ने पूछा था ये सवाल
दरअसल साल 2023 का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि अखिलेश यादव अपने समर्थकों बीच रास्ते में कहीं अनिरुद्धाचार्य से टकराते हैं. आमना-सामना होते ही अखिलेश यादव उनसे उनसे शूद्र पर सवाल किया. तब अखिलेश तब अखिलेश यादव शूद्र शब्द पर जमकर राजनीति कर रहे थे.
अखिलेश यादव ने वर्ण व्यवस्था पर आपत्ति जताई और कहा कि इसपर हमारा भरोसा नहीं है. हम और सब चीज पर पर भरोसा कर सकते हैं पर शूद्र पर नहीं...अखिलेश यादव यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा- 'आप बन जाओ शुद्र.' इसपर अनिरुद्धाचार्य ने कहा- 'मैं तो शूद्र हूं ही.' फिर अखिनलेश बोले- 'अच्छा जब शूद्र आप हो तब कोई दिक्कत नहीं है.' फिर अखिलेश ने कहा- अरे हमसे बहस मत करो.
अखिलेश ने पूछा- कृष्ण भगवान का पहला नाम क्या था?
जब अनिरुद्धाचार्य ने कहा- कभी वृंदावन आइए तो अखिलेश बोले- चलो बताओ भगवान कृष्ण का पहला नाम क्या था. जब अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि भगवान के कई नाम हैं तो अखिलेश यादव ने कहा- चलो..खूब प्रचार करिए आपको बहुत बधाई और शुभकामना. बस यहीं हमारा और आपका रास्ता अलग हो गया.
ये है वो वीडियो
इस मामले पर अनिरुद्धाचार्य का आया रिएक्शन
वीडियो के जरिए ट्रोल होने के बाद अनिरुद्धाचार्य का रिएक्शन आया है, उन्होंन कहा- एक नेता जी ने मेरे से पूछा कि जब भगवान प्रकट हुए तो यशोदा जी ने किस नाम से बुलाया.
यशोदा मइया के यहां गए तो कहा गया- लाला भयो. लाला जनम सुनि आई यशोदा मइया दे दे बधाई. लड़की होती है तो लाली, लड़का होता है लाला. कई महीनों के बाद गर्गाचार्य जी आए तो नाम रखा कर्ष्यति इति कृष्ण, मइया यशोदा बोलीं कि मैं कृष्ण तो नाम ना ले सकूं, मैं या को कलुआ कह सकूं. कृष्ण जी का नाम रखा कलुआ और बलराम जी का नाम दिया बलुआ.
जरा सा जान लेने वाला अपने आपको ज्ञानी समझता है
अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि आज समाज में क्या है कि कोई जरा सा जान ले. जरा सा ज्ञान आ जाए तो वो आपने आप को बहुत बड़ा ज्ञानी समझता है. कोई व्यक्ति जो सवाल करता है वो एक चीज याद कर लेता है. यदि आपने वही बताया तो उसे लगता है ठीक बता रहे हैं और आपने वो नहीं बताया तो समझेगा कि वो आप गलत बता रहे हैं.
यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं वो नेताजी
अनिरुद्धाचार्य ने कहा- वो नेता जी यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. मुख्यमंत्री मतलब राजा. राजा का मतलब अपनी प्रजा को पुत्रवत मानें.
जब राजाओं के अंदर ऐसा द्वेष है तो ये प्रजा की कैसे सेवा करेंगे. इनके प्रति तो प्रजा के प्रति नफरत है. यदि आपके प्रश्न का उत्तर नहीं दे पाए तो रास्ते अलग कर लिए.
समाज को बांटने का काम नेताओं ने किया है
अनिरुद्धाचार्य ने आगे कहा- आपके अंदर प्रजा के प्रति द्वेष है...नफरत है तो आप कैसे समाज को एकजुट करके चल सकते हैं.
इसलिए तो कहते हैं कि समाज को बांटने काम नेताओं ने ही किया है. आज हमारे देश में सबसे बड़ा मुद्दा क्या है...?
देश का होने वाला नुकसान
अनिरुद्धाचार्य बोले- हमारे देश का बहुत नुकसान होने वाला है आने वाले समय में. अभी एक छांगुर बाबा को एक लड़की इंटरव्यू दे रही थी तो वो मुसलमान बन गई. लड़की ने बताया कि छांगुर बाबा बातें कह रहा था कि 2048 आने दो. पूरा भारत इस्लाम हो जाएगा.
सोचिए उनके यहां 10 बच्चे पैदा होते हैं. अब सोचिए कि 10 बच्चे भारी पड़ेंगे कि आपके 2 बच्चे. वो 10 मिलकर आपके दो बच्चों का गर्दन उतार देंगे. हिंदुओं का कत्लेआम होगा. उदाहरण समझ लीजिए. कश्मीर से हिंदू खदेड़े गए.
वे मुसलमानों से नहीं कहते- हमारे रास्ते अलग
आज हमारे देश में क्या चल रहा है- बंटवारा. मैं ब्राह्मण हूं, क्षत्रीय हूं, मैं जाट हूं, यादव हूं, गुर्जर हूं. ऐसे तुम आपस में बिखर जाआगे. तुम एक दूसरे की रक्षा कब करोगे. नेता ऐसे ही कहते हैं कि मेरा रास्ता अलग-तुम्हारा रास्ता अलग. वे मुसलमानों से नहीं कहते हैं कि तुम्हारा रास्ता अलग हमारा रास्ता अलग. उनसे कहते हैं जो तुम्हारा-हमारा रास्ता एक.
यहां देखिए वो वीडियो
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