उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में चुनावी तैयारियों के बीच एक दुखद घटना सामने आई है. विशेष सघन पुनरीक्षण (SIR) अभियान में तैनात बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) लाल मोहन सिंह की मौत ने सरकारी कर्मचारियों पर बढ़ते काम के दबाव को लेकर एक बार फिर से बहस छेड़ दी है. 58 साल के सिंह जीवविज्ञान के शिक्षक थे और शुक्रवार रात नेहरू नगर स्थित आवास पर ब्रेन हैमरेज से उनका निधन हो गया.
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जिला प्रशासन के अधिकारियों की मानें तो सिंह मोदी साइंस एंड कॉमर्स इंटर कॉलेज में पढ़ाते थे और उन्हें साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में SIR ड्यूटी सौंपी गई थी. नवंबर की शुरुआत से चल रहा यह अभियान मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए चलाया जा रहा है, जिसमें BLO को घर-घर जाकर जानकारी की जांच करनी होती है.
कॉलेज के प्रधानाचार्य सतीश चंद्र अग्रवाल ने बताया कि सिंह पिछले कुछ दिनों से ठीक महसूस नहीं कर रहे थे, लेकिन काम का बोझ लगातार बढ़ रहा था. प्रधानाचार्य के मुताबिक, प्रशासन की तरफ से हर हाल में तय समय पर काम पूरा करने का दबाव था, जिसकी वजह से वे तनाव में काम कर रहे थे. लगातार फील्ड में रहने और सत्यापन को प्राथमिकता देने से उनकी तबीयत और बिगड़ती चली गई.
ब्रेन हैमरेज मौत का कारण
मोदीनगर के सहायक पुलिस आयुक्त अमित सक्सेना ने बताया कि एसडीएम ने मौत का कारण ब्रेन हैमरेज बताया है और अब प्रशासनिक पहलुओं की जांच एसडीएम स्तर पर की जा रही है.
यह पहली घटना नहीं है. हाल के दिनों में प्रदेश में कई BLO और अन्य सरकारी कर्मचारियों की मौत तथा आत्महत्याओं के मामले सामने आए हैं. परिवार और सहकर्मी लगातार आरोप लगा रहे हैं कि काम का ज्यादा प्रेशर होने के कारण ऐसी स्थितियां पैदा हो रही हैं. वोटर लिस्ट का ये विशेष पुनरीक्षण अभियान बड़े पैमाने पर चलाया जा रहा है लेकिन इस दौरान कर्मचारियों पर बढ़ते बोझ की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है.
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