UP: आजम खान को सभी 72 मुकदमों जमानत, 23 महीने बाद जेल होने वाले थे रिहा तभी फंस गया एक पेंच

समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री आजम खान आखिरकार 23 महीने बाद सीतापुर जेल से रिहा होने जा रहे थे. जेल के बाहर उनके समर्थकों की भारी भीड़ जुट गई थी और जश्न का माहौल था तभी एक पेंच फंस गया. जानिए इसकी पूरी डिटेल...

Samajwadi Party leader and former minister Azam Khan is finally set to be released from Sitapur jail after 23 months.
आजम खान की फाइल फोटो: इंडिया टुडे.

समर्थ श्रीवास्तव

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समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान को सभी 72 मुकदमों में जमानत मिल गई है. वे 23 महीने बाद जेल से रिहा होने जा रहे थे तभी एक पेंच फंस गया. उनकी रिहाई का परवाना सीतापुर जेल को मिल जाने के बाद भी मामला फंसा हुआ है. ये पेंच है जेल में रिहाई के दस्तावेज (बेल बांड) भरते समय आजम खान के एड्रेस वाली गड़बड़ी.

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दरअसल बेल बांड भरते समय आजम खान का पता उसमें गलत भरा गया है. जेल से बेल के दौरान एक कानूनी प्रक्रिया है कि किसी भी कैदी की रिहाई के लिए बेल बांड में भरते समय उसका सही निवास और पता उसमें भरा जाना चाहिए. यहां आजम खान के मामले में एड्रेस गलत पाया गया है. ऐसा होता है तो रिहाई की प्रक्रिया रोककर दोबारा प्रोसेस कराया जाता है. यानी बेल बॉन्ड में अब पता-ठिकाना सही भरे जाने के बाद ही रिहाई की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.  

गौरतलब है कि अजम खान को पहले एमपी एमएलए कोर्ट ने 19 मामलों में रिहाई के आदेश जारी किए थे. अब 'क्वालिटी बार प्रकरण' समेत सभी मामलों में आदेश जारी हो चुका है. इधर उनकी रिहाई की खबर मिलते ही समर्थकों के बीच खुशी का माहौल है. जेल के बाहर समर्थक जमा हो गए हैं और उनकी रहाई का इंतजार कर रहे हैं.

किन मामलों में थे जेल में बंद?

सपा नेता आजम खान को डूंगरपुर के एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई थी. इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. इस आदेश के बाद आजम खान ने और 19 मुकदमों में जमानत के लिए एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. निचली अदालत ने जमानतियों का सत्यापन करने का आदेश दिया. इसकी रिपोर्ट सोमवार को पुलिस और राजस्व प्रशासन द्वारा कोर्ट में जमा कर दी गई थी.

जमानत में इसलिए हुई देरी

आजम खान के खिलाफ मुकदमों की कुल संख्या 72 थी. एमपी-एमएलए सेशन कोर्ट ने पहले क्वालिटी बार समेत 53 मामलों में रिहाई का आदेश दिया था. लूट, डकैती और धोखाधड़ी से जुड़े 19 मामलों में जमानत नहीं मिली थी. इसलिए उन्हें जेल में रहना पड़ा था. सोमवार यानी 22 सितंबर की शाम को इन मामलों में भी रिहाई परवाने जारी हो गए, जिसके बाद सभी 72 मामलों में उनके बाहर आने का रास्ता साफ हो गया. 

क्या है क्वालिटी बार केस?

आजम खान के खिलाफ क्वालिटी बार प्रकरण लंबे समय से विवादों में है. ये मामला यूपी के रामपुर से जुड़ा है. आरोप है कि 2013 में मंत्री रहते हुए उन्होंने सिविल लाइंस क्षेत्र की क्वालिटी बार की जमीन को अवैध रूप से पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के नाम पर करवा दिया था. 

  • 2019 में मालिक गगन अरोड़ा की शिकायत पर केस दर्ज हुआ
  • 2024 में आजम खान को मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया. 
  • 2025 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने मामले में जमानत अर्जी खारिज की. 
  • सितंबर 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से राहत मिल गई.

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