उत्तर प्रदेश के आगरा से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने एक सामान्य हिंदू परिवार की जिंदगी को झकझोर कर रख दिया है. मामला दो बहनों से जुड़ा है, जो अचानक मार्च 2024 में घर से लापता हो गई थीं. जब ये दोनों बहनें करीब साढ़े तीन महीने बाद वापस मिलीं, तो उनकी सोच, व्यवहार और बातचीत का तरीका पूरी तरह बदल चुका था. परिजनों के लिए यह किसी सदमे से कम नहीं था.
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पिता अनिल भाटिया के अनुसार, बेटियों ने सत्संग में शामिल होने के नाम पर घर छोड़ा था. लेकिन असलियत कुछ और ही निकली. बड़ी बेटी जो पीएचडी की तैयारी कर रही थी, आगरा में कोचिंग के दौरान कश्मीर से आई एक युवती से मिली. उसका नाम शाहिमा बताया जा रहा है, जो एमएससी की छात्रा है. यहीं से पूरे घटनाक्रम की शुरुआत मानी जा रही है.
अनिल भाटिया का दावा है कि शाहिमा ने बड़ी बेटी को इस्लाम की ओर आकर्षित करने की कोशिश की. उसे यह यकीन दिलाया गया कि इस्लाम ही एकमात्र सच्चा धर्म है, जबकि हिंदू धर्म को अंधविश्वास से भरा बताया गया. पिता का कहना है कि शाहिमा ने ना सिर्फ बेटी की सोच बदली, बल्कि छोटी बहन पर भी उसका असर पड़ने लगा. छोटी बेटी भी अब वही बातें दोहराने लगी है जो बड़ी बहन कहती है.
परिवार के मुताबिक, एक बड़ी साजिश रची जा रही थी, जिसमें दोनों बहनों को कश्मीर ले जाकर धर्मांतरण कराने और निकाह की योजना बनाई गई थी. लेकिन समय रहते परिवार ने पुलिस से संपर्क किया और मोबाइल की लोकेशन और कॉल रिकॉर्ड्स के जरिए पुलिस ने दोनों बेटियों को आगरा से ही खोज निकाला.
काउंसलिंग जारी, लेकिन असर गहराया
फिलहाल दोनों बहनें पुलिस कस्टडी में हैं और उनकी काउंसलिंग की जा रही है. लेकिन पिता का कहना है कि मानसिक रूप से जो बदलाव हुआ है, वो काफी गहरा है. लगातार तीन महीने से अधिक वक्त तक चले ‘ब्रेनवॉश’ ने उनके बच्चों की सोच को पूरी तरह बदल दिया है. यह परिवार अब सामाजिक रूप से भी काफी परेशान है.
सीएम योगी को कहा धन्यवाद
अनिल भाटिया ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर समय पर पुलिस ने कार्रवाई न की होती, तो दोनों बेटियों का भविष्य बर्बाद हो सकता था. उन्होंने यह भी मांग की कि ऐसी साजिश रचने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.
माता-पिता के लिए चेतावनी
अनिल भाटिया ने देश के तमाम माता-पिताओं से अपील की है कि बच्चों पर भरोसा जरूर करें, लेकिन उनकी संगत, दिनचर्या और मानसिक स्थिति पर नजर रखना भी जरूरी है. उन्होंने युवाओं के लिए एक खास किताब ‘सत्य प्रकाश- द लाइफ व्हाट टू’ पढ़ने की सलाह दी, जिससे जीवन, धर्म और समाज को लेकर सही समझ बन सके.
जांच जारी, कई अहम पहलुओं पर नजर
इस पूरे मामले की जांच अब पुलिस और खुफिया एजेंसियों के हाथ में है. धर्मांतरण और लव जिहाद से जुड़ी संभावित साजिश की गहराई से पड़ताल की जा रही है. यह मामला ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म जैसी सच्ची घटनाओं की याद दिलाता है, जहां पहचान, आस्था और परिवार सब कुछ दांव पर लग जाता है.
आगरा का यह मामला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या आज का युवा, बिना ठोस जानकारी के, भावनात्मक या मानसिक रूप से बहकाया जा सकता है? क्या हमारा समाज बच्चों को उस स्तर की शिक्षा और समझ दे पा रहा है, जो उन्हें किसी भी तरह के मानसिक प्रभाव से बचा सके? जवाब शायद इतना आसान नहीं है, लेकिन चेतावनी जरूर है- सतर्क रहें, सजग रहें.
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