Bulandshahr News: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर 9 साल पहले हुए मां और बेटी से हुए गैंगरेप के मामले में तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश ने की कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने पांच दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है. साथ हर एक पर 1 लाख 81 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मामले की जानकारी देते हुए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता वरुण कौशिक ने कहा कि दोषियों के द्वारा दी गई जुर्माने की राशि को दोनों रेप पीड़िताओं में आधी-आधी बांटी जाएगी. वहीं, कोर्ट का फैसला आने के बाद आरोपी पक्ष के अधिवक्ता शिव चरण माहुर ने निराशा जताते हुए कहा कि फैसले के खिलाफ वे हाईकोर्ट में जाएंगे. उन्होंने डीएनए साक्ष्य और FIR तक पर सवाल उठाया और पूरे मुकदमे को ही फर्जी करार दिया.
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क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि ये पूरा मामला बुलंदशहर के नेशनल हाईवे-91 का है. यहां 29 जुलाई 2016 को एक परिवार दिल्ली से नोएडा होते हुए शाहजहांपुर जा रहा था. इस बीच जैसे ही उनकी गाड़ी देहात कोतवाली क्षेत्र के दोस्तपुर गांव के पास पहुंची तो कुछ आरोपियों ने कार के आगे लोहे की भारी वस्तु फेंक दी. ऐसे में परिवार कार से नीचे उतारा. तभी हथियारबंद आरोपियों ने उनपर बंदूक तान दी. आरोपी सभी को गन पॉइंट पर जंगल की तरफ ले गए.
इसके बाद आरोपियों ने पूरे परिवार को बंधक बना लिया और फिर मां तथा नाबालिग बेटी के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. इस दौरान पीड़िता के परिवार के अन्य सदस्य बेबस होकर सब कुछ देखने को मजबूर रहे. जांच में ये भी सामने आया कि नाबालिग पीड़िता को उसी दिन पहली बार मासिक धर्म आया था. इस घटना के बाद उसकी हालत और भी गंभीर हो गई थी.
पुलिसवालों पर भी हुआ था एक्शन
घटना सामने आने के बाद उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए थे. इस मामले में पेट्रोलिंग ड्यूटी पर तैनात थाना प्रभारी और हल्का इंचार्ज को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था. इसके अलाव उस समय तत्कालीन एसएसपी, एसपी सिटी और सीओ सिटी पर भी एक्शन लिया गया था.
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