उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद के मक्खनपुर इलाके में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ में एएसपी (ग्रामीण) अनुज चौधरी (ASP Anuj Chaudhary) की बुलेटप्रूफ जैकेट पर गोली लग गई. लेकिन गनीमत रही कि गोली उनकी जैकेट में पर लगी. इससे वो बाल-बाल बच गए. पुलिस ने इस मुठभेड़ में 50 हजार रुपये का इनामी बदमाश नरेश पंडित को मार गिराया. वहीं, इस ऑपरेशन में एसओ रामगढ़ संजीव दुबे भी घायल हो गए. उन्हें उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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कौन था बदमाश नरेश पंडित?
पुलिस के अनुसार मारा गया नरेश पंडित हाल ही में हुई दो करोड़ रुपये की कैश लूटकांड के बाद से फरार चल रहा था. वो 4 अक्टूबर को पुलिस अभिरक्षा से भाग गया था. इसके बाद से ही उसकी तलाश की जा रही थी. इस बीच पुलिस को रविवार शाम की नरेश के लोकेशन के बीएमआर होटल के पास होने की सूचना मिली. इसके बाद एएसपी ग्रामीण अनुज चौधरी के नेतृत्व में एक टीम तत्काल मौके पर पहुंची.
घेराबंदी के बाद शुरू हुई ताबड़तोड़ फायरिंग
पुलिस ने मुताबिक लोकेशन पर पहुंचने पर जैसे ही पुलिस की टीम ने घेराबंदी शुरू की तो नरेश पंडित ने पुलिस पर गाेलियां चला दीं. इसके जवाब में पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की. लेकिन एक गोली सीधे एएसपी चौधरी की बुलेटप्रूफ जैकेट पर जा लगी. इस दौरान तेज झटका लगने के बावजूद भी एएसपी ने खुद मोर्चा संभाला और अपनी टीम को ऑपरेशन आगे बढ़ाने का निर्देश दिया.
इसके कुछ देर बाद नरेश को गोली लगी और वो जमीन पर गिर पड़ा. पुलिस उसे अस्पताल लेकर गई. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने घटनास्थल से असलहा और कारतूस बरामद किए हैं. वहीं, इस ऑपरेशन में घायल एसओ संजीव दुबे का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है.
50 हजार का इनामी था नरेश
एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया कि मृत बदमाश नरेश पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज थे और उसकी गिरफ्तारी के लिए डीआईजी आगरा रेंज ने 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया था. वहीं, नरेश के गिरोह के बाकी सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था. पुलिस अब पूरे गैंग के खिलाफ चार्जशीट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर रही है. एसएसपी ने टीम की जिम्मेदारी और साहस की तारीफ की.
करोड़ों रुपये का कैश लूटने का आरोप
गौरतलब है कि नरेश और उसके साथियों ने मिलकर करोड़ों रुपये के कैश को हाईवे पर लूट लिया था. ये कैश कानपुर से आगरा ले जाया जा रहा था. पुलिस ने मामले में पहले ही अरेस्ट कर लिया था. इस दौरान उनके कब्जे से कब्जे से 1 करोड़ 53 हजार 10 रुपये नकद, दो कारें, 55 हजार का आईफोन, एक लाख रुपये कीमत की बाइक और असलाह बरामद किए थे.
गिरफ्तारी के बाद एसएसपी सौरभ दीक्षित ने बताया था कि 30 सितम्बर की अलसुबह मक्खनपुर थाना क्षेत्र के घुनपई के पास लुटेरों ने जीके कंपनी के कैश से भरी कार को रोककर ड्राइवर के साथ मारपीट की और करोड़ों रुपये लूट लिए थे. घटना के बाद पुलिस ने एसओजी, सर्विलांस समेत छह टीमों को लगाया. सीसीटीवी फुटेज खंगालने और लोकेशन ट्रैकिंग के बाद 4 अक्टूबर को पायनियर पुल के पास से छह लुटेरों को दबोच लिया गया था.
लुटेरों के कब्जे से मिला ये सामान:
- नरेश (निवासी अलीगढ़): इसके पास से ₹25.02 लाख नकद राशि बरामद की गई थी
- तुषार (निवासी मोदीनगर, गाजियाबाद): इसके कब्ज़े से ₹20.12 लाख नकद और एक तमंचा मिला था
- दुष्यंत (निवासी अलीगढ़): इसके पास से ₹20.08 लाख की नकदी के साथ एक आईफोन भी बरामद हुआ था
- अक्षय (निवासी पूर्वी दिल्ली): इसके पास से ₹13 लाख नकद मिले थे
- आशीष उर्फ आशू (निवासी बहादुरगढ़, हरियाणा): इसके पास से ₹10 लाख नकद के अलावा एक नई बाइक भी बरामद की गई थी
- मोनू उर्फ मिलाप (निवासी आगरा): इसके पास से ₹12 लाख की नकद राशि मिली थी
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